-निर्देशों तक सिमटा स्वच्छता पखवारा
-नगर निगम ने केवल तालाबों की सफाई कराने पर दिया जोर
-शहर के सारे एरिया में जमा गंदगी को साफ कराने पर नहीं दिया जा रहा ध्यान
VARANASI
केंद्र और प्रदेश सरकार के निर्देश पर चल रहा स्वच्छता पखवारा केवल निर्देशों तक ही सिमट कर रह गया है। स्वच्छता अभियान केवल कोरम अदायगी ही बन कर रह गयी है। नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारियों ने तालाबों की साफ-सफाई का निर्देश दिया। दो दिन एक टीम निकली दो तालाबों की सफाई की गयी और शहर के सारे एरिया में गंदगी अपनी जगह बनी हुई है। नगर निगम ने सड़कों की लिस्ट बनायी थी जिसकी मरम्मत का जिम्मा उसका ही है लेकिन पीएम के आगमन को लेकर सिर्फ खानापूरी की गयी। उसके बाद हालात वहीं के वहीं बने हुए हैं।
रोजाना नहीं उठता है कूड़ा
नगर निगम की ओर से स्वच्छता पखवारा मनाया जा रहा है लेकिन सफाई की बात करें नगर निगम क्या कर रहा है समझ से परे है। शहर की जो हालत है वह पूरे अभियान को मुंह चिढ़ा रही है। कूड़ा घर ही नहीं, शहर के कई एरिया में सड़कों के किनारे कूड़े का अंबार लगा हुआ है। कूड़े घर की हालत यह है कि वहां गंदगी सड़क तक पहुंच गयी है लेकिन अभियान के दौरान भी कई कई दिनों बाद कूड़ा उठाने का काम किया जा रहा है।
जिला मुख्यालय पर ही गंदगी
डिस्ट्रिक्ट हेडक्वार्टर के आसपास सभी अधिकारियों के आवास और ऑफिस हैं। सर्किट हाउस के सामने ही एक जगह गंदा पानी जमा है और कचरे का अंबार रहता है। यहीं पर फोर्थ क्लास इंप्लॉईज के आवास भी हैं और उनके बच्चे यहां पर खेलते हैं। इसी पानी में मच्छर भी पल रहे हैं। कचहरी एरिया में सिर्फ अंबेडकर पार्क के आसपास सफाई कराई जाती है लेकिन यह कार्य संस्था कराती है। जबकि सिटी के पॉश एरिया अर्दली बाजार, सिगरा, महमूरगंज, लंका, लहुराबीर, दशाश्वमेध, गोदौलिया, मैदागिन इन सभी जगह पर सफाई पखवारे का कोई असर नहीं दिख रहा है।
अभी खराब ही रहेंगी सड़कें
भोजूबीर से लेकर मीरापुर बसही रोड अभी एक माह तक खराब ही रहने वाली है। काशी नटिनियादाई व्यापार मंडल ने नगर आयुक्त डॉ। श्रीहरि प्रताप शाही से मुलाकात कर सड़क बनाने के लिए मांग की। उन्होंने बताया कि नवंबर के प्रथम सप्ताह में सड़क बनायी जाएगी। वहीं कई ऐसे एरिया हैं जहां पर सड़कें खराब होने से लोग धूल फांकने को मजबूर हो रहे हैं। पांडेयपुर, मीरापुर बसही, आशापुर, शिवपुर, भेलूपुर, वरुणापुल एरिया में सड़क खराब होने से धूल ज्यादा उड़ रही है।
धूल फांक रही डस्ट क्लीनर
नगर निगम के पास सड़कों की सफाई कराने के लिए जापान से मंगायी गयी डस्ट क्लीनर मशीन है। वह खुद ही धूल फांक रही है। ऐसा नहीं है कि नगर निगम के पास सड़कों की सफाई कराने के लिए इंतजाम नहीं है। लेकिन उसका इस्तेमाल ही नहीं हो रहा है। लाखों रुपये खर्च कर दो मशीनें जापान से खरीदी गई थीं। इनमें से एक तो बिना कार्य किए ही खराब हो गई और दूसरी भी खड़ी है। छह साल पहले आयी थीं दोनों मशीनें। दोनों मशीन को खरीदने में करीब फ्8 लाख रुपये खर्च किये गये थे। एक मशीन को ट्रैक्टर खींच कर चलाता है। दूसरी ट्रक वाली डस्ट क्लीनर मशीन एक-दो बार बनारस की सड़कों की सफाई करने के बाद से खड़ी ही है। जबकि ट्रैक्टर से चलने वाली खराब है।