वाराणसी (ब्यूरो)। वाराणसी में निकाय चुनाव के लिए सोमवार को नामांकन का अंतिम दिन था, लेकिन सुबह से शाम तक सभी दलों में हलचल मची थी। सपा प्रत्याशियों की सूची को लेकर शाम तक सस्पेंस बना रहा। राजाबाजार से सपा पार्षद पूनम विश्वकर्मा ने कांग्रेस से नामांकन भर दिया तो कई संभावित उम्मीदवारों ने निर्दल ही दावेदारी ठोक दी। सपा में टिकट बंटवारे को लेकर कहासुनी का वीडियो भी वायरल हुआ, जिसमें महानगर अध्यक्ष पर पैसे देकर टिकट देेने का आरोप लगाया गया। उधर, टिकट नहीं मिलने से नाराज कई कांग्रेसी व भाजपा पार्षदों ने निर्दल ही नामांकन भर दिया.
आखिरकार सपा की सूची नहीं आई
पार्षद प्रत्याशियों की सूची को लेकर इस बार सबसे ज्यादा सस्पेंस समाजवादी पार्टी का था। कई संभावित प्रत्याशियों ने नामांकन के अंतिम समय तक पार्टी सिंबल का इंतजार किया। रविवार रात ही शहर के एक होटल में सूची में दर्ज नाम के हिसाब से प्रत्याशियों को बुलाकर पार्टी का सिंबल दिया गया था। इसके आधार पर सोमवार को लगभग सभी 100 वार्डों में सपा प्रत्याशियों ने नामांकन किया।
अंतिम दिन ही भाजपा का नामांकन
रविवार दिन में ही भाजपा ने पार्षद प्रत्याशियों व शाम को मेयर के नाम की घोषणा कर दी थी। इस वजह से नामांकन के अंतिम दिन सोमवार को मेयर प्रत्याशी अशोक तिवारी समेत सभी पार्षद उम्मीदवारों ने नामांकन किया। हालांकि भाजपा में टिकट बंटवारे को लेकर भी जबर्दस्त नाराजगी है, लेकिन खुलकर विरोध करने वालों की संख्या न के बराबर है.
कांग्रेस ने दोपहर में जारी की सूची
इस बार भाजपा, सपा के साथ कांग्रेस की सूची को लेकर भी सस्पेंस कायम था। बलुआवीर वार्ड का परिसमन बदलने की वजह से दो सीटिंग पार्षदों की पत्नियों की उम्मीदवारी आने के चलते पार्टी जबर्दस्त पशोपेश में पड़ गई थी। आखिरी समय में अफजाल अंसारी की पत्नी को उम्मीदवार घोषित कर दिया गया। इससे नाराज होकर निवर्तमान पार्षद तुफैल अंसारी ने निर्दल प्रत्याशी के रूप में अपनी पत्नी का नामांकन करा दिया। पार्टी से टिकट नहीं मिलने पर अंतिम समय में राजाबाजार से सपा पार्षद पूनम विश्वकर्मा ने कांग्रेस के सिंबल से नामांकन भर दिया। अंत में दोपहर के बाद पार्टी की ओर से शेष प्रत्याशियों की सूची जारी की गई.
बसपा व आप की नहीं आई सूची
सपा की तरह बसपा और आप की ओर से भी पार्षद प्रत्याशियों की सूची अंत तक जारी नहीं की गई। बताया जाता है कि इस बार नगर निगम की सभी 100 सीटों से इन दोनों दलों को प्रत्याशी नहीं मिला। इसलिए जिनके नाम आए, उन्हें सिंबल देकर नामांकन करा दिया गया है। हालांकि दोनों दलों से मेयर प्रत्याशी चुनाव मैदान में है.
मेयर के लिए अल्पसंख्यक वर्ग से नहीं आया कोई
वाराणसी मेयर सीट अनारक्षित होने पर प्रमुख पार्टी सपा से डा। ओपी सिंह, भाजपा से अशोक तिवारी, कांग्रेस से अनिल श्रीवास्तव और आप से शारदा टंडन ने नामांकन भरा है, जो सामान्य जाति से आते हैं, लेकिन बसपा से ओबीसी जाति के सुभाष चंद्र मांझी को टिकट दिया गया है। चौकाने वाली बात यह है कि इस बार अल्प संख्यक वर्ग से किसी ने नामांकन नहीं किया है। खासकर मुस्लिम वर्ग से। अभी तक मेयर के लिए कोई न कोई दावेदार जरूर मैदान में आता था, लेकिन इस बार अल्पसंख्यक वर्ग ने मेयर सीट से किनारा कर लिया है.