वाराणसी (ब्यूरो)। डिजिटल दौर में जहां हमारा यूथ गेम्स से लेकर स्टडी तक के लिए फोन पर डिपेंडेंट है तो वहीं दूसरी ओर एलटी कॉलेज में बनी गवर्नमेंट डिस्ट्रिक्ट लाइब्रेरी में स्टूडेंट्स का बुक्स को लेकर अलग ही क्रेज देखने को मिल रहा है। सुबह आठ बजते ही बच्चों की भीड़ लाइब्रेरी में लगने लगती हैै और यह सिलसिला कॉलेज में रात आठ बजे तक चलता है। सोमवार को लाइब्रेरी में पढऩे आए बच्चों ने बुक्स के प्रति अपने प्रेम को बताया साथ ही लाइब्रेरी एनवायरनमेंट की भी तारीफ की। बच्चों की संख्या इतनी ज्यादा है कि लाइब्रेरी में पढऩे के लिए बच्चे अपनी बारी का इंतजार करते हैैं।
यूथ सबसे ज्यादा
पुस्तकालयाध्यक्ष कंचन सिंह परिहार ने बताया कि 90 परसेंट यूवा ही लाइब्रेरी में स्टडी के लिए आता हैै। वहीं 10 परसेंट में बुुजुर्ग और 40 वर्ष से अधिक लोग शामिल हैं। यूथ में 900 लड़कियां लाइब्रेरी से जुड़ी हुई हैैं। पुस्तकों के साथ ही बच्चों के लिए न्यूजपेपर भी उपलब्ध कराए जाते हैं। लाइब्रेरी में वाईफाई की सुविधा भी उपलब्ध है। वहीं बच्चों के लिए लाइब्रेरी में कंप्यूटर सिस्टम भी है। अगर बच्चों को लाइब्रेरी में किसी बुक या पढ़ाई से जुड़ी किसी चीज की आवश्यक्ता होती है तो गवर्नमेंट को पुस्तकालयाध्यक्ष द्वारा लेटर भेज कर जल्दी से जल्दी पूरा कराया जाता है। लाइब्रेरी में फैसिलिटी अधिक होने से भी बच्चों की संख्या बढ़ी हैैं।
2350 स्टूडेंट्स जुड़े
आपको बता दें कि लाइब्रेरी में पांच माह पहले जहां लगभग 1500 बच्चे जुड़े थे, वहीं अब इसकी संख्या 2350 हो गई है। बच्चों का दिन-प्रतिदिन बुक्स को लेकर क्रेज बढ़ता जा रहा है। अभी एलटी की लाइब्रेरी में मात्र 150 बच्चों के पढऩे की ही जगह है। संख्या ज्यादा और जगह कम होने के कारण लगभग 200 से ज्यादा बच्चों को पढऩे के लिए अपनी बारी का इंतजार भी करना पड़ जाता हैै। इस समस्या को देखते हुए सरकार एलटी में 90 लाख रूपयें की लागत से एक नई लाइब्रेरी का निर्माण भी करा रही हैै.
तैयारी करते स्टूडेंट्स
लाइब्रेरी मेें पढऩे आ रहे बच्चे यूपीएससी से लेकर बैैंक तक की तैयारी कर रहे हैं। पिछले वर्ष लाइब्रेरी में पढऩे आ रहे बच्चों ने एग्जाम को पास करके दारोगा और बैैंक तक की जॉब हासिल कर ली। वहीं कुछ बच्चे ऐसे भी थे जो रोज ऐसे ही हिस्ट्री या हिन्दी की पुस्तकों को पढऩे के लिए आते हैं। स्टूडेंट्स ने बताया कि उन्हें फोन से ज्यादा किताबों से ज्ञान मिलता है, इसलिए वे समय निकाल कर बुक्स को पढऩे आते हैैं। साथ ही बुजुर्ग धर्म से जुड़ी किताबे पढऩे आते हैैं। लाइब्रेरी में 600 का कार्ड बनता है। इसे लोग लाइफटाइम यूज कर सकते हैैं।
समय निकाल कर बुक्स को पढऩे के लिए जरूर आते है। किताबों से हमें ज्यादा ज्ञान मिलता है। इसलिए फोन से ज्यादा समय किताबों के साथ बिताते हैैं।
रघुवंश परिहार
अपने एग्जाम की तैयारी के लिए लाइब्रेरी से अच्छी जगह नहीं हो सकती है। किताबों से ज्यादा ज्ञान हमें कहीं और नहीं मिल सकता।
सुविधा सिंह
लाइब्रेरी में सारी सुविधा उपलब्ध है। जिससे हम स्टूडेंट्स को काफी सुविधा है। बुक्स पढऩे रोज आते है। कई बार अपनी बारी का इंतजार भी करना पढ़ता हैैं।
अंकिता सिंह
कॉलेज लाइब्रेरी में स्टूडेंट्स के लिए सभी सुविधा उपलब्ध हैैं। बच्चों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जिसके कारण कॉलेज में एक और लाइब्रेरी बन रही हैैं।
कंचन सिंह परिहार, पुस्तकालयाध्यक्ष