वाराणसी (ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने आज विधानमंडल में अपना दूसरा आम बजट पेश की। इसमें स्टार्टअप से लेकर इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा पर फोकस किया गया। इससे न सिर्फ शहर का विकास होगा बल्कि उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा। इस बजट से आम व्यापारी हो या फिर उद्यमी सभी ने सराहा हैं.
सरकार का बजट काफी विकासोन्मुख है। बजट में सरकार ने फूड प्रोसेसिंग को भी फोकस किया हैं। गन्ना किसानों को आगे बढ़ाने की बात कही हैं। मेडिकल कॉलेज और नए एयरपोर्ट बनने से यूपी का विकास होगा साथ ही नए उद्यम भी यहां आएंगे और उद्योग लगाएंगे। स्टार्टअप से नए उद्योगों को गति मिलेगी साथ ही कई नए कुटीर उद्योग विकसित होंगे।
दीपक बजाज, चेयरमैन, फूड प्रोसेंसिंग
बजट से युवाओं, किसानों और महिलाओं के साथ इन्फ्र ास्ट्रक्चर से जुड़े प्रोजेक्ट को लेकर बड़ी उम्मीदें थी इन उम्मीदों को सरकार ने पूरा करने की कोशिश की हैं। स्टार्टअप से नए उद्योगों का सृजन होगा। नए उद्यमी आएंगे और एमएसएमई को बढ़ावा देने की बात कही गयी हैं.
आरके चौधरी, उपाध्यक्ष,आईआईए
सरकार ने मूलभूत सुविधाओं को बजट में फोकस किया यह सबसे अच्छी बात हैं। सुविधाएं जहां बढ़ेगी वहां उद्योगों व बाजार का विकास होना तय हैं। इसके अलावा महिलाओं की सुरक्षा के लिए सरकार ने कदम उठाया हैं वह काफी अच्छा हैं। सरकार को जाम से निजात के लिए भी सोचना चाहिए था.
यूआर सिंह, अध्यक्ष, आटोमोबाइल सेक्टर
बजट में सरकार ने सभी को फोकस किया हैं, मेडिकल से लेकर शिक्षा तक को आगे बढ़ाने की बात कहीं गयी हैं। उद्योगों के लिए जितनी भी योजनाएं आयी हैं सभी को धरातल पर उतारने के लिए सरकार को बजट में कुछ ऐसा प्रावधान करना चाहिए योजनाओं का लाभ सभी को मिल सके।
देव भट्टाचार्या, अध्यक्ष, रामनगर औद्योगिक एसोसिएशन
व्यापारी वर्ग के बारे में भी सरकार को सोचना चाहिए। व्यापार की हालत दिन पर दिन खराब होते जा रही हैं। जीएसटी में राहत के साथ सरकार को सरलीकरण के बारे में सोचना चाहिए था जिससे यहां के छोटे-मझले दुकानदार की दुकानदारी चल सके। व्यापारी है तो व्यापारी हैं। खुदरा मार्केट से सबसे अधिक रेवेन्यू सरकार को जाता हैं.
प्रेम मिश्रा, अध्यक्ष महानगर उद्योग व्यापार समिति
बजट में सरकार ने मंडी शुल्क को हटाना भूल गयी हैं। यह बहुत पहले से ही व्यापारी मांग करते चले आ रहे हैं। पड़ोसी राज्यों में मंडी शुल्क नहीं लगता, यहां पर मंडी शुल्क लगाया जाता हैं। इसके अलावा सरकार को मंडियों को विकसित करें। व्यापारियों के हित के लिए व्यापारी आयोग का गठन करें.
प्रतीक गुप्ता, अध्यक्ष, विशेश्वरगंज भैरोनाथ व्यापार मंडल
बजट में सरकार ने मेडिकल को बढ़ावा देने की बात की हैं। लेकिन दवाईयों को सस्ती कर दी जाए तो इससे आम लोगों को काफी राहत मिलेगी। इसके अलावा ऑनलाइन कंपनियों पर रोक भी सरकार को लगाना चाहिए। क्योंकि ऑनलाइन कंपनियों ने चाहे छोटे व्यापारी हो या फिर बड़े सभी का व्यापार चौपट कर दिए हैं.
रजनीश कन्नौजिया, अध्यक्ष, लहुराबीर व्यापार मंडल
बाजार में ऑनलाइन कंपनियों की पैठ की वजह से आधा दवा का कारोबार खत्म हो गया हैं। सरकार को इस पर गंभीरता से सोचना चाहिए। ऑनलाइन कंपनियों से प्रदेश सरकार को कोई रेवेन्यू या फिर टैक्स तो मिलता नहीं हैं यहां के दुकानदार ही देते हैं। ऐसे में सरकार को ऑनलाइन कंपनियों पर रोक लगाने के लिए नया कानून लाना चाहिए था.
संजय सिंह, महामंत्री, दवा विक्रेता समिति