वाराणसी (ब्यूरो)। बनारस में डेंगू ने कहर बरपाया हुआ है। कबीरचौरा स्थित एसएसपीजी मंडलीय अस्पताल का कंपोनेंट ब्लड बैैंक की मशीन हफ्तेभर से खरीब थी। ऐसे में डेंगू और प्लेटलेट्स की कमी वाले मरीजों को प्लेटलेट्स की जरूरत के लिए उनके तीमारदारों को शहर के ब्लड बैैंकों की खाक छाननी पड़ रही थी। आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों को प्लेटलेट्स की जुगत के लिए कर्ज तक लेना पड़ा था। इस दौरान काफी फजीहत कराने के बाद अस्पताल प्रशासन ने बुधवार को कंपोनेंट ब्लड बैैंक की मशीन को दुरुस्त करा दिया है। इससे अब पेशेंट और तीमारदारों को प्लेटलेट्स के लिए भटकना नहीं पड़ेगा.
कर्ज लेकर कराना पड़ा इलाज
सारनाथ के टडिय़ा निवासी दलसिंगार चौरसिया के बेटे को डेंगू है, और वे अपने बेटे को लेकर एसएसपीजी मंडलीय अस्पताल के डेंगू वार्ड में भर्ती है। दल सिंगार बताते हैं कि नगर निगम की लापरवाही से उनके बेटे को डेंगू हुआ है। बाढ़ के उतरने के बाद से हमारे मोहल्ले में एक बार भी ब्लिचिंग पाउडर और फॉगिंग नहीं की गई है है। इससे मोहल्ले में मच्छरों की भरमार हो गई है। बच्चे को बुखार आया तो पहले प्राइवेट अस्पताल में ले गया। वहां भी नही सुधार हुआ तो यहां ले आया। ब्लड जांच में बेटे को डेंगू की पुष्टि हुई है। मैैं स्टेशनरी की दुकान चलाता हूं। मेरी आमदनी अच्छी नहीं है। मंडलीय अस्पताल की मशीन खराब होने की वजह से कर्ज लेकर आईएमए में काफी मारामारी के बाद 1600 रुपए देकर एक यूनिट प्लेटलेट्स खरीदा। मेरी पत्नी की भी तबियत ठीक नहीं है। बेटा के स्वास्थ्य में सुधार हो जाए तो पत्नी को भी इलाज के लिए अस्पताल नाले की सोच रहा हूं।
डेंगू वार्ड में लापरवाही का आलम
मंडलीय अस्पताल के डेंगू वार्ड में भर्ती आशुतोष बताते हैैं कि हाल के दिनों में डाक्टर निर्धारित समय पर राउंड पर नहीं आते हैैं। नर्से आती तो सिर्फ फार्मेल्टी कर निकल जाती है। दवा कब लेना, चादर चेंज करवाने, सलाह और पानी की डीप को हटवाने और लगवाने के लिए कई बार चक्कर काटना पड़ता है। रविवार और अवकाश के दिन डाक्टर काफी समय तक नदारत रहते हैैं। पूरी व्यवस्था नर्स और स्टाफ के हवाले रहती है। मैैं जिला प्रशासन से मांग करता हूं कि जिम्मेदार लोग जमीन पर आकर हकीकत से रूबरू हो, ताकि जनता को परेशान नहीं होना पड़े.
मशीन दुरुस्त, नहीं होगी दिक्कत
मंडलीय अस्पताल स्थित कम्पोनेंट ब्लड यूनिट के वरिष्ठ फार्मासिस्ट के मुताबिक अधिक लोड की वजह से मशीन खराब हो गई थी। बनारस में मशीन के पार्ट-पूर्जे नहीं होने की वजह से अस्पताल प्रबंधन के अथक प्रयासों से मशीन के पूर्जे दिल्ली से मंगवाए गए हैैं। मशीन का पूर्जे बुधवार को सुबह अस्पताल में पहुंच गया। इसके बाद लोकल इंजीनियर से सेट कराया गया है। अब कम्पोनेंट ब्लड यूनिट में तीमारदार आकर ब्लड डोनेट कर प्लेटलेट्स और ब्लड की सुविधा प्राप्त कर सकते हैैं.
पब्लिक से अपील, डोनेट करें ब्लड
वाराणसी जनपद के शहरी और ग्रामीण एरिया में डेंगू ने कहर बरपाया हुआ है। अब तक कुल 238 पेशेंट डेंगू के मिल चुके हैैं। इन दिनों प्लेटलेट्स की जबरदस्त डिमांड बनी हुई है। लिहाजा, अस्पताल प्रशासन पब्लिक से अपील कर रहा है कि ज्यादा से ज्यादा लोग समाजहित में ब्लड डोनेट करें ताकि जरूरतमंद की आपात स्थिति में मदद कर जिंदगी बचाई जा सके.
ब्लड बैैंक की मशीन को दुरुस्त करा दिया है। अधिक से अधिक लोग ब्लड डोनेट करें। डाक्टर और नर्स को नियमित राउंड और ड्यूटी करने के लिए बुलाकर निर्देशित कर दिया गया है.
डॉ। घनश्याम मौर्य, एसआईसी, मंडलीय अस्पताल