वाराणसी (ब्यूरो)। साइबर क्राइम से जुड़े मामलों का निस्तारण अब थाने पर ही होगा। साइबर अपराध पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए अब हर थानों पर स्पेशल ट्रेनिंग के माध्यम से साइबर 'कमांडोÓ यानी एक्सपर्ट तैयार किए जाएंगे। दरअसल, अभी तक थानों पर साइबर हेल्प डेस्क ही काम करता है। डेस्क पर अब ऐसे पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाएगा, जिन्हें साइबर का ज्ञान हो। इन्हें ही साइबर अपराध से संबंधित ट्रेनिंग दी जाएगी। ताकि साइबर ठगी के मामलों का शीघ्र निस्तारण कराया जा सके। लखनऊ में साइबर क्राइम सेल के एक्सपर्ट को दो दिन की स्पेशल ट्रेनिंग दी गई है, जो अब सभी थानों में हेल्प डेस्क पर तैनात पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग देंगे। साइबर अपराध के बढ़ते मामलों को देखते हुए सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी जिलों में साइबर थाना खोलने के निर्देश दिए हैं.
क्रिप्टो करेंसी में हो रहे फ्रॉड की जांच
साइबर अपराध को लेकर लखनऊ में दो दिवसीय ट्रेनिंग सेशन का आयोजन किया गया है। इसमें प्रदेश के सभी साइबर क्राइम सेल में तैनात एक्सपर्ट पुलिस अधिकारियों को ट्रेनिंग दी गई। खासकर क्रिप्टो करेंसी में हो रहे फ्रॉड की जांच और अपराध को रोकने के लिए स्पेशल टे्रनिंग दी गई। साथ ही साइबर अपराध पर त्वरित कार्रवाई के बारे में नये-नये टेक्नोलॉजी से परिचित भी कराया गया। साइबर अपराध में नये-नये ट्रेंड से अलर्ट भी किया गया.
जागरूकता बोर्ड भी लगाए जाएंगे
सभी थानों में जल्द ही साइबर अपराध के प्रति जागरूकता के बोर्ड लगाए जाएंगे, जिन पर जागरूकता के बारे में जानकारी होगी। उन पर लिखा होना चाहिए कि कोई भी अपना सीवीवी नंबर, क्रेडिट कार्ड नंबर, खाता नंबर आदि जानकारी लोग किसी भी अंजान व्यक्ति को न दें। वहीं, बोर्ड पर हेल्पलाइन भी लिखे जाएं। साइबर ठगी होने पर हेल्पलाइन नंबर 112 और 155260 पर फोन करके जानकारी दें.
दक्ष पुलिसकर्मियों की तैनाती
केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर जिला स्तर पर एनसीआरपी का संचालन व पर्यवेक्षण किए जाने के लिए भी दक्ष पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाएगी। इसके साथ ही हर जिले में साइबर जगत की जानकारी रखने वाले पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। पुलिस कमिश्नरेट में इस पोर्टल के संचालन व पर्यवेक्षण की जिम्मेदारी नोडल अधिकारी के तौर पर एएसपी स्तर के पुलिस अधिकारी को दी गई है.
आवाज बदलकर ठगी का खेल
विभिन्न साफ्टवेयर एवं आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का प्रयोग कर रिश्तेदारों की आवाज निकाल कर साइबर ठगी की घटनाएं सामने आने के बाद साइबर क्राइम पुलिस ने जागरूकता कार्यक्रम भी शुरू किया है। इसके लिए यूपी पुलिस ने एक शॉर्ट क्लिप बनाकर ट्विटर समेत अपने सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर प्रसारित कराया। एनसीआरपी के 24 घंटे काम करने वाले हेल्पलाइन नंबर 1930 का भी जमकर प्रचार-प्रसार किया जा रहा है.
जागरूकता के बावजूद साइबर अपराध बढ़ रहे हैं। पुलिस लगातार इस पर अंकुश लगाने में जुटी है। इसी कड़ी में अब थानों में साइबर हेल्प डेस्क पर एक्सपर्ट होंगे। इन्हें स्पेशल ट्रेनिंग दी जाएगी। लखनऊ में दो दिन की ट्रेनिंग हुई है, जिसमें साइबर क्राइम सेल की टीम शामिल हुई थी। वैसे साइबर फ्रॉड के शिकार होने पर साइबर क्राइम की वेबसाइट व 1930 पर कॉल कर शिकायत दर्ज कराएं.
सरवनन टी, एसीपी, साइबर व अपराध