वाराणसी (ब्यूरो)। बनारस जुबां पर यह नाम आते ही एक अलग तरह की उमंग पैदा होती है। फ्लाईओवर, गंगा घाट, विश्वनाथ धाम, ई-बस, गंगा आरती, सारनाथ के साथ पक्के महाल की गलियों में मलइयो, लस्सी, हिंग वाली कचौड़ी, समोसा, लौंगलता, जबेली का स्वाद भी जुबां पर चढऩे लगता है। वर्ष 2014 के बाद बतौर सांसद और पीएम नरेंद्र मोदी के हाथों से हर साल बनारस को सौगातें मिलती हैं, जिसमें विश्वनाथ धाम, टीएफसी, सिटी कमांड सेंटर, कैंसर हास्पिटल, स्मार्ट रेलवे स्टेशन, हरहुआ फ्लाईओवर, इंटरनेशनल एयरपोर्ट, क्रूज, सीएनजी, जेटी समेत तमाम आधुनिक सुविधाएं शामिल हैं। इस पर बनारसी ही नहीं, बल्कि पर्यटक भी खूब इतराते हैं। यह सिलसिला अनवरत जारी है। वर्ष 2023 जाते-जाते भी बनारस के लोगों को स्वर्वेद महामंदिर धाम, नमो घाट, डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, बीएचयू में इंटरनेशनल गल्र्स हॉस्टल, रेल दावा अधिकरण, आवासीय भवन, फुलवरिया फोरलेन, वंदेभारत, ई-बस, अमूल प्लांट, स्मार्ट बस शेल्टर सहित कई ऐसी सहूलियतें मिली है, जिस पर इतराना तो बनता है.
फुलवरिया फोरलेन
शहर की यातायात में नवनिर्मित फुलवरिया फोरलेन मील का पत्थर साबित हो गया। जीटी रोड बौलिया लहरतारा से फुलवरिया जेपी मेहता इंटर कॉलेज से वाया सेंट्रल जेल रोड मार्ग वाया शिवपुर चुंगी मार्ग पर दो रेलवे ओवरब्रिज और वरुणा नदी पर बना सेतु वाराणसी के यातायात के लिए संजीवनी साबित हो रहा है। शहर के यातायात में लगभग 7.069 किलोमीटर के इस मार्ग ने जाम से मुक्ति दिला दी है। प्रयागराज, रोहनियां की तरफ़ से आने वाले ट्रैफिक को शहर के अंदर नहीं जाना पड़ रहा है। लंका, बीएचयू, बीएलडब्ल्यू, रामनगर और आसपास के ग्रामीण इलाके के लोगों को भी जिला मुख्यालय, शिवपुर, एयरपोर्ट, सारनाथ जैसे जगहों तक पहुंचने में जाम का झाम नहीं लग रहा.
स्मार्ट बस शेल्टर
काशी आने वाले पर्यटकों और आम पब्लिक को शहर में जगह-जगह सेफ्टी और इंटरनेट दोनों सुविधाएं मिलेंगी। 18 दिसंबर को पीएम मोदी दस स्मार्ट बस शेल्टर का शुभारंभ करेंगे। इसके शुरू होते ही लोगों फ्री वाईफाई, सीसीटीवी से सुरक्षा आदि लाभ मिलना शुरू हो जाएगा.
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर
न्यू पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन से न्यू भाऊपुर जंक्शन तक नई रेल लाइन डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर बनकर तैयार हो गया है। पीएम के उद्घाटन के बाद इसका फायदा हर किसी को होगा। इस नई रेल लाइन से रोजाना मालगाडिय़ां रफ्तार भरेंगी। तेजी से खाद्य पदार्थ, भवन निर्माण सामग्री का माल ढुलाई व लदान का काम आसान होगा। इससे एक तरफ रेलवे का राजस्व बढ़ेगा तो वहीं वाराणसी के कारोबार को रफ्तार मिलेगी। बड़ी संख्या में बेरोजगारों को रोजगार भी मिलेगा। संरक्षा व सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जा रहा है.
रेल दावा अधिकरण
पीएम मोदी के हाथों से बटन दबते ही कैंट रेलवे स्टेशन पर रेल दावा अधिकरण का लाभ वाराणसी समेत बिहार, मध्य प्रदेश और पूर्वांचल के जिलों को मिलने लगेगा। रेल हादसे के पीडि़तों को मुआवजे की सुनवाई बनारस में होगी। कैंट रेलवे स्टेशन के पुराने आरक्षण केंद्र में रेलवे क्लेम ट्रिब्यूनल (आरसीटी) का निर्माण नवंबर में कम्प्लीट हो गया था। दिसंबर से ट्रिब्यूनल शुरू होने की उम्मीद थी। यह प्रदेश की पांचवीं पीठ (बेंच) होगी। पहले वाराणसी और आसपास के जिलों के रेल हादसे के पीडि़तों को मुआवजे के लिए लखनऊ, प्रयागराज या फिर गोरखपुर की दौड़ लगानी पड़ती थी.
स्वर्वेद महामंदिर धाम
चौबेपुर के उमरहा में नवनिर्मित स्वर्वेद मंदिर का विहंगम योग संस्थान के प्रणेता संत सदाफल महाराज की ओर से निर्माण कराया गया है। वाराणसी का यह आश्रम सबसे बड़ा है। करीब 20 वर्षों से इस आश्रम के निर्माण की योजना पर काम किया जा रहा है। मकराना मार्बल से बने इस मंदिर की खासियत की चर्चा हर तरफ हो रही है। इसे स्थापत्य कला का बेजोड़ नमूना करार दिया गया है। सात मंजिला यह मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा मेडिटेशन सेंटर है। इस मंदिर में 20 हजार लोग एक साथ योग और ध्यान कर सकते हैं। यह मंदिर 64 हजार वर्गफीट में बना हुआ है। इसकी ऊंचाई 180 फीट है.
वाराणसी से दिल्ली के लिए दूसरी वंदेभारत
बनारस के विकास की पटरी पर रेल भी सरपट दौड़ रही है। 2019 के बाद जाते-जाते साल 2023 ने वाराणसी को दूसरी वंदेभारत दे दी। 18 दिसंबर को पीएम मोदी ने 04015 दूसरी वंदेभारत एक्सप्रेस को वर्चुअली हरी झंडी दिखाकर देश की सेवा में समर्पित किया। 20 दिसंबर से यह ट्रेन रेगुलर दौडऩे लगी। यात्रियों, रेलकर्मियों में ट्रेन के प्रति रंचमात्र भी दीवानगी में कमी नहीं दिखी। ट्रेन संग सेल्फी लेने की होड़ मची है। दूसरी वंदेभारत ट्रेन में सुविधाएं पहले जैसी ही हैं.
इंटरनेशनल गल्र्स हॉस्टल
स्मार्ट होते बनारस में एजुकेशन सिस्टम भी स्मार्ट हो रहा है। देश-विदेश से आने वाले स्टूडेंट्स को अच्छी तालीम के साथ अच्छा माहौल और रहने को बेहतरीन व्यवस्था बीएचयू मेें मिल रही है। एजुकेशन के क्षेत्र में तो बीएचयू पहले ही देश के टॉप यूनिवर्सिटीज में शुमार है और अब ये अपने बच्चों को बेहतरीन हॉस्टल प्रोवाइड कराने के लिए भी जाना जाता है। बीएचयू में नवनिर्मित हाईटेक हॉस्टल यूपी का पहला है, जहां के बच्चों को स्टार रेटेड होटल जैसी सुविधाएं मिल रही हैं.