वाराणसी (ब्यूरो)काशी की दीदियों के हाथ से बना गुलाल होली में खास रंग बिखेरेगाहोली में आपकी त्वचा खराब न हो इसलिए संगठन की महिलाएं सब्जी और फूलों से अबीर और गुलाल बना रही हैंइसमें होली की खास खुशबू होगीप्रदेश सरकार के 75 हजार रुपए के स्टार्टअप फंड से महिला ग्राम संगठन महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रही हैस्वयं सहायता समूह की महिलाओं द्वारा बनाए जा रहे ग़ुलाल को सरकार बेचने में भी मदद कर रही हैसरकार ने महिलाओं को स्टॉल उपलब्ध कराया हैजहां चिरईगांव ब्लॉक के पंचराव ग्राम की उम्मीद महिला ग्राम संगठन की दिदिया हर्बल ग़ुलाल की बिक्री कर अपने परिवार में होली की ख़ुशियां बिखेर रही है

प्रदेश सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रदेश में कई तरह की योजनाएं चला रही हंैइसमें स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं कमाई के साथ स्वालंबी बन रही हैंऐसा ही महिलाओं का एक समूह होली के लिए खास गुलाल बना रही है, जो पूरी तरह से हर्बल गुलाल हैफूल, सब्जी और अरारोट से बना ये गुलाल आपकी त्वचा को बिल्कुल नुकसान नहीं करेगासंगठन की अध्यक्ष सुमन भारद्वाज ने बताया कि संगठन में 15 दीदियां हैंजो गुलाल बनाने के साथ पैकेजिंग और बेचने तक का काम कर रही हैंप्रतिदिन करीब 500 से 600 रूपया ये कमा लेती हैंउपायुक्त स्वत: रोजगार दिलीप सोनकर ने बताया कि ग्राम संगठन समूह को 75 हजार का स्टार्टअप फंड सरकार द्वारा दिया गया हैसमूह की महिलाओ को गुलाल बेचने के लिए विकास भवन और चिरईगांव ब्लॉक पर स्थान दिया गया है.

पालक से हरा गुलाल, चुकंदर और गाजर से गुलाबी गुलाल और गेंदे के फूल से पीला गुलाल बनाया जाता हैइसमे अरारोट का इस्तेमाल भी होता हैखुशबु के लिए ग़ुलाल में विशेष सुगंध मिलाया जाता हैइस साल एक क्विंटल से ज्यादा हर्बल ग़ुलाल बना कर बाज़ार में उतारा हैसुमन ने बताया कि होली के अलावा अन्य मौकों के लिए भी उनकी टीम थोक बाजार के लिए ग़ुलाल बना सकती है.