वाराणसी (ब्यूरो)। सोनभद्र एक दिन पहले चोरी के संदेह में पकड़े गए युवक की शनिवार सुबह भलुआ टोला इलाके में मालगाड़ी की चपेट में आने से मौत हो गई। घटना के बाद मौके पर पहुंचे आसपास के लोगों ने मामले की जानकारी पीआरबी को दी। पुलिस ने मामला जीआरपी का होना बताकर शव को हाथ नहीं लगाया। करीब दो घंटे तक नौ किमी दूरी तय कर जीआरपी के मौके पर न पहुंचने पर ओबरा डैम स्टेशन मास्टर ने स्थानीय पुलिस को मेमो भेजकर घटना की जानकारी दी। इसके बाद मौके पर पहुंची ओबरा पुलिस ने युवक के शव की शिनाख्त सेक्टर चार निवासी बृजेश कुमार उर्फ मोनू के रूप में की। मृतक के भाई संजीत कुमार के अनुसार मृतक बृजेश कुमार नशे का आदि था। उसके नशे की आदत से परेशान होकर स्वजन ने उसको करीब दो साल पहले ही घर से निकाल दिया था। बताया कि अचानक शुक्रवार शाम ओबरा पुलिस ने उसके भाई बृजेश को चोरी के आरोप में पकड़े जाने की बात कही थी। जिसे लेकर देर रात पुलिस उनके घर भी आयी थी। दूसरी ओर प्रभारी निरीक्षक राजेश कुमार सिंह का कहना है कि शुक्रवार शाम कुछ लोग युवक को चोरी के संदेह में पकड़कर कोतवाली लाए थे। जिस पर चोरी करने का आरोप सिद्ध न होने पर युवक को पुलिस ने देर रात उसके घर ले जाकर स्वजन को सुपुर्द कर दिया था।
खुदकुशी या दुर्घटना से मौत बनी पहेली
मालगाड़ी से कटकर हुई युवक की मौत एक पहेली बन चुकी है। दो साल से घर से दूर रह रहे युवक को पुलिस ने शुक्रवार को चोरी के संदेह में पकड़े जाने की खबर दी और देर रात उसे घर भी छोड़ गयी। स्थानीय कुछ लोगों का मानना है कि युवक कुछ माह पहले तक अपने सेक्टर चार स्थित आवास में ही रहकर ड्राइवरी भी किया करता था। इस दौरान नशे की लत लगने से वह काफी दिनों से बेकाम था। वहीं शनिवार सुबह मालगाड़ी के नीचे आने से उसकी मौत होने को लेकर दिन भर चर्चा होती रही। प्रभारी निरीक्षक राजेश कुमार सिंह के मुताबिक युवक ने पूछताछ के दौरान मारपीट के डर से दूसरे के घर में छुपने की बात कही थी। बताया कि युवक ने यह भी बताया कि उसके भाई और कुछ लोग उसे मारने के इरादे से दौड़ा रहे थे। जिनसे बचने के लिए वह एक घर में घुसा था।