वाराणसी (ब्यूरो)। भीषण गर्मी और हीटवेव से हो रही मौत थमने के बाद अब बारी मच्छर जनित बीमारी यानि डेंगू मलेरिया की आ गई है। मानसून भले ही नहीं आया हो, मगर मच्छर जनित बिमारियों को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है। स्वास्थ्य महकमे की ओर से शासनादेश आते ही जिला स्वास्थ्य विभाग में बैठकों का दौर शुरू हो गया है। बारिश के बाद डेंगू-मलेरिया जैसी खतरनाक बीमारी पैर न पसार पाएं, इसे लेकर खाका तैयार कर लिया गया है। डिपार्टमेंट के मुताबिक एक जुलाई से विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया जाएगा। पूरे माह चलने वाला यह अभियान दो चरणों में चलेगा। पहले चरण में जागरूकता एवं बीमारी से बचाव के कार्यक्रमों के आयोजन के साथ ऐसे स्थान चिन्हित किए जाएंगे जहां मच्छर हो सकते हैं।
17 जुलाई से दूसरे चरण की शुरुआत
दूसरा चरण 'दस्तकÓ अभियान के रूप संचालित होगा। ये एक जुलाई से शुरू होकर 31 जुलाई तक चलेगा। इसमें प्रशिक्षित स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर संचारी रोगों से बचाव तथा उपचार के बारे में जानकारी देंगे। इस दौरान संभावित क्षय रोगियों की भी जानकारी प्राप्त की जायेगी। सीएमओ डॉ। संदीप चौधरी की ओर से अन्तर्विभागीय मीटिंग कर तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया है।
2680 हेल्थ वर्कर्स की फौज रहेगी तैनात
जिला मलेरिया अधिकारी शरद चंद पाण्डेय ने बताया कि संचारी रोगों से सम्बन्धित जिले में 132 हॉट स्पॉट बनाए गये हैं। इनमें 62 ग्रामीण क्षेत्र में व 70 शहरी क्षेत्र में हैं। इन स्थानों के लिए विशेष कार्ययोजना बनाकर अभियान चलाया जायेगा। उन्होंने बताया कि अभियान में 16 बेसिक हेल्थ वर्कर, 19 सुपरवाइजर व 12 मलेरिया निरीक्षकों के साथ ही शहरी क्षेत्र में 605 व ग्रामीण क्षेत्र में 2028 आशा कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी गई है। ये सभी लोग क्षेत्र के घरों में जाकर स्थिति का जायजा लेने के साथ लोगों को जागरुक करेंगे।
हाई रिस्क क्षेत्रों में वेक्टर घनत्व का होगा आंकलन
सीएमओ के मुताबिक संचारी रोग जैसे डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, कालाजार, फाइलेरिया, फ्लू, वायरल आदि पर प्रभावी नियंत्रण के लिए एक जुलाई से शुरू हो रहे 'विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान के पहले चरण में स्वास्थ्य विभाग की टीम क्षेत्रवार मरीजों के आंकड़ों के आधार पर चिन्हित व हाई रिस्क क्षेत्रों में वेक्टर घनत्व का आंकलन करेगी। साथ ही अधिक मच्छर घनत्व वाले क्षेत्रों में सम्बन्धित विभागों के सहयोग से इस पर प्रभावी अंकुश के लिए प्रयास करेगी। अभियान के दूसरे चरण दस्तक में आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गृह भ्रमण कर लोगों को संचारी रोगों के खतरे व बचाव की जानकारी देंगी।
वाट्सएप ग्रुप बनाकर दी जाएगी जानकारी
एसीएमओ डॉ। एसएस कन्नौजिया ने बताया कि इस अभियान के जरिए संचारी रोगों, दिमागी बुखार से संबंधित संदेश प्रत्येक घर परिवार तक पहुंचाया जाएगा। दस्तक अभियान के जरिए हम लोगों के पास पहुंच कर यह बताने का प्रयास करेंगे कि संचारी रोगों के होने पर क्या करें और क्या न करें। किस तरह की सावधानियां बरते और किसी तरह से तत्काल उपचार करायें। अभियान के दौरान विद्यालयों में अभिभावक-शिक्षक व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर संचारी रोगों से बचाव, रोकथाम एवं उपचार के लिए संवेदीकृत किया जाएगा।
एक दर्जन विभागों के हवाले अभियान
इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग के अलावा नगर विकास विभाग, पंचायती राज विभाग- ग्रामीण विकास विभाग, पशुपालन विभाग, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग, शिक्षा विभाग, दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, कृषि एवं सिंचाई विभाग, उद्यान विभाग समेत दर्जन भर विभाग को अभियान की जिम्मेदारी सौंपी गई है। सीएमओ ने कहा कि आपसी सामंजस्य बनाकर ही संचारी रोगों के नियंत्रण के लिए शुरू हो रहे इस अभियान को सफल बनाया जा सकता है। यह तभी संभव है जब इस संदर्भ में जिन विभागों को जो भी जिम्मेदारियां दी गयी हैं, उसका पूरी जिम्मेदारी के साथ पालन किया जाए.
ऐसे करें बीमारी से बचाव
-मच्छरों से बचाव के लिए फुल आस्तीन के कपड़े पहनें
-मच्छररोधी क्रीम लगाने, सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें
-घर के आस-पास एवं घरों में सात दिन से अधिक समय तक किसी भी बर्तन में पानी जमा न होने दें
-कूलर में भरा पानी एवं फ्रीज के पीछे की ट्रे, गमलों, टूटे हुए टायर, अन्य बर्तनों के पानी को साफ करते रहे.
-घरों के दरवाजों और खिड़कियों में जाली का प्रयोग करें.
मौसमी और मच्छर जनित बिमारियों को लेकर स्वास्थ्य विभाग बेहद गंभीर है। डेंगू-मलेरिया के सीजन में किसी तरह की हताहत की स्थिति न बनने पाए उसके लिए विभाग की ओर से तैयारी कर ली गई है। प्रभावी नियंत्रण के लिए एक जुलाई से 'विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान की शुरुआत की जा रही है।
डॉ। संदीप चौधरी, सीएमओ
राजातालाब तहसील पर हुई टास्क फोर्स बैठक
तहसील राजातालाब में उप जिला अधिकारी गिरीश चंद द्विवेदी की अध्यक्षता में विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान की तहसील टास्क फोर्स की बैठक की गई। जिसमें 1 से 31 जुलाई तक चलने वाले विशेष संचारी रोग अभियान के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई। दस्तक अभियान में आशा एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ता घर-घर भ्रमण कर बुखार के रोगियों, खांसी बुखार से ग्रसित रोगियों, क्षय रोग के लक्षण युक्त एवं कुपोषित बच्चों की सूची बनाएंगी। साथ ही इस बार कुष्ठ रोगी कालाजार एवं फाइलेरिया के रोगियों की सूची बनाने पर चर्चा की गई। बैठक में स्वास्थ्य विभाग, बाल विकास परियोजना विभाग, शिक्षा विभाग, कृषि विभाग, पशुपालन विभाग, पंचायती राज विभाग, यूनिसेफ एवं डब्ल्यूएचओ से प्रतिनिधि उपस्थित रहे.