वाराणसी (ब्यूरो)। मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या में मंदिर निर्माण के होने पर आज जिस तरह की धूम मची है, इसकी अनुभूति बनारस घराने से ताल्लुक रखने वाले युवा संगीतकार को देवव्रत मिश्र को 15 साल पहले ही हो गई थी। उसी समय देवव्रत ने अपनी इस परिकल्पना को संगीत के जरिए जनमानस तक पहुंचाने का सोच लिया था। अब वो समय आ गया है जब श्रीराम को समर्पित इस गीत को हर राम भक्त के कानों तक पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है। इस गीत के बोल 'अवध में कैसी धूम मची है रामÓ का स्वर जब राग किरवानी में लयबद्ध होकर सितार की तान के साथ कानो में पड़ती है तो मानो रोम रोम पुलकित हो जाता है.
अंतर्मन की आवाज
बनारस घराने के विश्व विख्यात सितारविद पंडित देवब्रत मिश्रा ने बताया कि उन्होंने इस गीत की रचना आज से 15 वर्ष पूर्व अपने अंतर्मन की आवाज पर की थी। क्योंकि उन्हें यह विश्वास था कि एक दिन ऐसा आएगा जब श्रीराम का दरबार इसी भव्यता के साथ तैयार होगा और जब उसमें रामलला आएंगे तो हर किसी के मन में ऐसी ही अनुभूति होगी। आज सब कुछ वैसा ही हो रहा है, जैसी हमने इस गीत में परिकल्पना की थी। इस गीत के तीसरे अंतरा को उन्होंने पिछले महीने तैयार किया है और अब वो इसे प्रभु श्रीराम के चरणों मे एक एलबम के रूप में समर्पित करने को आतुर है.
अयोध्या धाम के वैभव का हर्ष
प्रभु श्रीराम को समर्पित इस गीत के तीसरे अन्तरे में रामजन्म भूमि के अप्रतिम सौंदर्य का वर्णन किया गया है। जिसके बोल है राम जन्मभूमि सजी सुहावनी, विराजो अब श्रीराम, पधारो अब इस धाम, अवध में कैसी धूम मची है। पंडित देवब्रत मिश्रा का कहना है कि मंदिर का निर्माण एक सपने के सच होने जैसा है। सभी सनातनी आनंद के सरोवर में डूबे हुए हैं और इस आनंद को एक गीत के जरिये समाज मे रखने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रभु के आशीर्वाद से ही 15 वर्ष पूर्व उन्होंने यह गीत तैयार किया था। आज वही दृश्य अयोध्या में सजीव हो रहा है.
डिजिटल प्लेटफार्म पर जारी होगा
अपने पिता पद्मश्री पंडित शिवनाथ मिश्रा से सितार के गुर प्राप्त करने वाले देवब्रत विदेशों में भी शास्त्रीय संगीत का परचम लहरा चुके हैं। इस गीत को भव्य रूप देने और एलबम तैयार करने के लिए इसकी बेहतरीन तरीके से शूटिंग भी कराई जा रही थी, जो अब समाप्त हो चुका है। अगले कुछ ही दिनों में यह एलबम के रूप में यूट्यूब, स्पॉटीफाई आदि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर एक साथ रिलीज होगा। इस एलबम में सात कलाकार शामिल हैैं, जिसमें सितार पर उनके पुत्र कृष्णा मिश्र, गायन में आदित्य शर्मा, अनुराग गुप्ता, आदर्श राय, अभिषेक कुमार, पुष्कर राज तथा तबले पर नवनीत प्रजापति ने साथ दिया। शास्त्रीय संगीत पर आधारित यह राम भजन पंडित देवब्रत मिश्र द्वारा रचित एवं निर्देशित है। देवब्रत मिश्र ने पहली बार अपने शिष्यों के साथ लेकर इस भजन को रिकॉर्ड किया है.
भगवान श्रीराम को समर्पित इस भजन के बोल को मैंने 15 साल पहले ही लिख दिया था। उस समय यह परिकल्पना कर ली गई थी कि जब भी मंदिर बनेगा उस समय ऐसा दृश्य हमारी आंखों के सामने होगा। जैसा सोचा गया था वैसा ही हो रहा है। इस भजन में तीन अंतरा है जिसमें तीसरे अन्तरे के बोल राम जन्मभूमि सजी सुहावनी विराजो अब श्रीराम पधारो अब इस धाम, को पिछले महीना ही तैयार किया है। जल्द ही इसे डिजिटल प्लेटफार्म पर लांच करेंगे।
देवब्रत मिश्र, सितारवादक व गीतकार, बनारस घराना