वाराणसी (ब्यूरो)जोग-लग्न-ग्रह-वार-तिथि सकल भए अनुकुलचर अरु अचर हर्षजुत राम जनम सुख मूल, श्रीरामचरित मानस के बालकंड के अनुसार योग, लग्न, ग्रह, वार और तिथि सभी अनुकूल हो गएजड़ और चेतन सब हर्ष से भर गए हैं, क्योंकि आज श्री राम का जन्म होना है जो सूखों का मूल हैंवही राम जो घट-घट बोले, वही राम जो दशरथ घर डोलेराममय प्रभाती फूटेगी तो राममय रात खिलेगी.

आ गयी पुण्य बेला

शिव की नगरी में नौ दिनी शक्ति पूजन के साथ वह पुण्य बेला गुरुवार को आ गयी, जब दीनदयाला और कृपाला प्रभु राम का जन्म होगादिन भले ही मंगलवार न हो, लेकिन लोकमंगल की कामना से काशी नगरी का कण-कण पुलकित रहेगाइसकी शुरुआत अष्टमी तिथि से हो गयी हैनवमी तिथि पर प्रतीक्षा बस मध्याह्न की है, जब कर्क लग्न और पुनर्वसु नक्षत्र में दशरथ नंदन प्रकट होंगे

प्राकटय पर बरसेगा रामरस

प्रभु के प्राकट्य संग चहुंदिसी रामरस बरसेगा और हर कोई रामकाज करने को आतुर रहेगाचूंकि श्रीराम जन्म सुख का मूल है, इसलिए उनके प्राकट्य के साथ ही सकल चराचर, सम्पूर्ण स्थावर और जंगम, समस्त जड़ और चेतन रोमहर्ष हो जाएगारामलला जन्मेंगे और घंट-घंडिय़ाल बज उठेंगेशंख ध्वनि और जय श्री राम महानाम के अनह्द-नाद-निनाद में पोर-पोर रमा रहेगाआरती की आभा सर्वत्र फैलेगी और रामनामी की सनातनी धर्म ध्वजाएं लहराएंगी

मान्यताओं का प्रवाह

परम्पराओं और मान्यताओं के प्रवाह से प्रभु का जन्मोत्सव आनंदित-आह्लादित और प्रमुदित होगाजन्मोत्सव के लिए फूलों के तोरण द्वारा सज गए हैंबधाई और सोहर की गुनगुन संग दिन ढलेगाबीतते प्रहर के साथ उत्साह का संचार चहुंओर बिखरेगाकहीं कथाओं की पूर्णाहुति होगी तो कहीं यज्ञ वेदी में मंत्रों की आहुति दी जाएगीकहीं नवमी पूजन की धुम्र रेखाएं नमन करेंगी तो कहीं कुंआरी पूजन-वंदन होगीभोग-भंडारा और भजन-जागरण संग उत्सवी बेला निखर और निरख उठेगा.

राम रमापति बैंक में परिक्रमा

त्रिपुरा भैरवी स्थित राम रमापति बैंक का 16वां वार्षिकोत्सव मनाया जाएगामध्याहऩ में भगवान का जन्मोत्सव हजारों भक्तों के हस्त लिखित एवं संचित कुल उन्नीस अरब बयालिस करोड़ चौतीस लाख, पचीस हजार श्रीराम नाम तथा सवा करोड़ श्री शिव नाम की अपूर्व झांकी तथा परिक्रमा प्रारंभ होगीजो दस दिन रहेगीउत्सव प्रबंधक सुमित मेहरोत्रा ने बताया कि प्रात: 7 बजे से झांकी एवं परिक्रमा प्रारंभ होगाइसके महाप्रसाद का वितरण होगामध्याहन 12 बजे भगवान का जन्म एवं भोग आरती होगीइसके बाद लेखन एवं जप पाठ के नए कर्जे का वितरण होगा.