वाराणसी (ब्यूरो)। सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी बोर्ड (सीबीएसई) का 2024-25 का सेशन 1 अप्रैल से स्टार्ट हो गया है, लेकिन अभी तक बच्चों के पास सभी एनसीईआरटी बुक्स नहीं पहुंच पाई हैं। सर्वाधिक दिक्कत कक्षा तीन और छह के बच्चों को है। किताबों की कमी को लेकर पेरेंट्स ही नहीं स्कूल वाले भी परेशान हैं। इन सबके बीच स्कूलों में टीचर टॉपिक्स की पीडीएफ बनाकर और पेरेंट्स घरों में एनसीईआरटी की बुक ऑनलाइन पढ़ा रहे हैं।
पीडीएफ से बच्चे कर रहे पढ़ाई
बुक्स की क्राइसिस से सबसे ज्यादा प्रॉब्लम क्लास थर्ड और सिक्स क्लास के स्टूडेंट फेस कर रहे हैं। सिल्वर ग्रोव की डायरेक्टर रचना श्रीवास्तव ने बताया कि एनसीईआरटी की बुक्स एक अप्रैल तक आने का निर्देश था, पर अभी तक बुक्स का कुछ भी पता नहीं है। स्कूल में बच्चों को उन्हीं टॉपिक्स की पीडीएफ बना कर पढ़ा रहे हैं, जो टॉपिक पुराने सेशन में भी थे।
पेरेंट्स पढ़ा रहे ऑनलाइन
जहां स्कूल में टीचर्स पीडीएफ बनाकर बच्चों को पढ़ा रहे हैैं। वहीं, घरों में पेरेेंट्स बच्चों को ऑनलाइन पढ़ा रहे हैं। दरअसल स्कूल में टीचर्स जो मेन टॉपिक्स की पीडीएफ बना रहे हैं। उनकी पीडीएफ बच्चों को स्कूल के ग्रुप में प्रोवाइड कराई जा रही है। पेरेंट्स घर में उन टॉपिक्स को ऑनलाइन पढ़ा रहे हैैं.
इन बुक्स की शॉर्टेज
मार्केट में सबसे ज्यादा थर्ड और सिक्स क्लास की बुक्स का शॅार्टेज है। हिन्दी, इंगलिश, सांइस, सोशल सांइस, मेथ और संस्कृत की बुक्स समेत अन्य एनसीईआरटी बुक्स के लिए स्टूडेंट और पैरेंट्स को मुश्किलें झेलनी पड़ रही हैं। कक्षा पांच की मैथ मैजिक, लूकिंग अराउंड, मेरीगोल्ड और रिमझिम आदि किताबें बुक सेलर्स के पास नहीं हैं। इसके अतिरिक्त कक्षा 7 व 8 की भी कुछ बुक नहीं हैं।
स्टूडेंट्स पीडीएफ कर रहे डाउनलोड
बुक्स की कमी के कारण बच्चे एनसीईआरटी की वेबसाइट पर जाकर अपने सिलेबस की पीडीएफ डाउनलोड कर रहे हैं। पीडीएफ को डाउनलोड करना भी बड़ा आसान है। इसके लिए स्टूडेंस को एनसीआरटी की साइट पर जाकर अपनी क्लास सेलेक्ट करनी होगी, जिसके बाद वहां पर उस क्लास के सारे चैप्टर शो करेंगे। आपको जिस भी चैप्टर की पीडीएफ को डाउनलोड करना है। उसपर क्लिक करना होगा, जिसके बाद पीडीएफ डाउनलोड हो जाएगी.
मेरे बेटी शिव्या क्लास 1 की स्टूडेंट है। कई किताबें अब तक नहीं मिल रही हैं। दुकानों में भी काफी पता कर लिया है। ऐसे में घर में ही स्कूल में बताए गए टॉपिक्स को बच्चे को ऑनलाइन पढ़ा रहे हैं। वेबसाइट के जरिए टॉपिक को ऑनलाइन सर्च कर लेती हूं। साथ ही स्कूल से दी जा रही पीडीएफ भी सहायक है।
शिल्पी पाण्डेय, पेरेंट
मेरी बेटी शिविका क्लास 6 में पढ़ती है। एनसीईआरटी बुक्स मार्केट की किसी भी दुकान में नहीं मिल रही है। स्कूल से सिलेबस के टॉपिक्स की जो पीडीएफ आती है उससे ही बच्चे को पढ़ा रहे हैं। आवश्यकता पडऩे पर बेटी वेबसाइट के जरिए भी बुक रीड कर लेती है।
अंशिका मातनहेलिया, पेरेंट
एक अप्रैल को एनसीईआरटी बुक्स आनी थीं, पर अभी तक बुक्स का पता नहीं है। स्कूल में पुराने टॉपिक्स जो न्यू सेशन में भी हैं। उन्हीं की पीडीएफ बनाकर क्लास में बच्चों को पढ़ाया जा रहा है.
रचना श्रीवास्तव, डायरेक्टर, सिल्वर ग्रोव स्कूल
बुक्स की शॉर्टेज है। क्लास टीचर स्टूडेंट को पीडीएफ से पढ़ा रहे हैं। पीडीएफ को स्कूल ग्रुप में शेयर कर दिया जाता है, जिससे बच्चे घर में भी पढ़ सकें।
विभा सहाय, प्रिंसिपल हैप्पी मॉडल स्कूल