वाराणसी (ब्यूरो)। सुंदरपुर अपार्टमेंट के रहने वाले संतोष अग्रहरी ने दो महीने पहले पास में ही मार्ट से खाने-पीने का पैक्ड सामान खरीदा था। घर लाकर देखा तो उसकी क्वालिटी खराब मिली। यही नहीं, आशापुर के व्यवसायी मोहित अग्रवाल ने कैंटोनमेंट स्थित बड़े होटल में रिसेप्शन पार्टी दी थी, लेकिन मेहमानों को खाना पसंद नहीं आया था। यह शिकायत सिर्फ संतोष और मोहित की नहीं है। बनारस में ऐसे लोगों की संख्या हजारों से ऊपर है, जिन्होंने इसकी शिकायत नहीं की। लेकिन, माउथ टू माउथ यह जानकारी फूड एंड सेफ्टी डिपार्टमेंट के पास पहुंची तो उन्होंने होटल, रिटेल स्टोर, मिष्ठान भंडार, दूध-दही बचने वाले समेत खाने-पीने के दुकानों पर जमकर छापेमारी की। यहां से कलेक्ट सैंपल की जांच कराई तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। यानी बनारस में बिकने वाले 40 फीसद सामान मानक के विपरीत और प्रयोग के लायक नहीं है.
773 प्रतिष्ठानों पर छापेमारी
बनारस का खान-पान पूरी दुनिया में फेमस है। कचौड़ी-जलेबी, छोटी कचौड़ी-चना, मलइयो, लौंगलता, राजभोग, ठंडई, गोलगप्पा-चाट समेत हर बनारसी आइटम की क्वालिटी बेमिसाल और स्वाद लाजवाब होता है। यही वजह है कि खाने के शौकीन एक बार बनारस जरूर आते हैं। इन शौकीनों के लिए यह खबर झटका देेने वाली है। फूड एंड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने बनारस में पिछले 11 महीने के दौरान 773 प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की। इस दौरान दूध-दही से लगायत, पनीर, नमकीन, खोया, सिंहाड़ा आटा, मिठाई, ड्राई फ्रूट के 946 नमूने कलेक्ट किए गए। 500 सामान्य वाद दायर कराया गया, इसमें 384 नमूने फेल हो गए। इसी तरह एसीएम-प्रथम के यहां 43 केस रजिस्टर कराया गया, जिसमें चार मामले में दोषी पाया गया। इसमें छोटे दुकानदार से लेकर बड़े होटल भी शामिल है। 384 नूमने फेल होने पर डिपार्टमेंट ने 2,21,41000 रुपये जुर्माना लगाया.
लाखों का जुर्माना
सैंपल की जांच के बाद होटल क्लार्क, देवेश तथा यूपी फूड कंपनी पर गलत प्रिंट वाले कार्न फ्लोर प्रयोग पर 2.70 लाख रुपये, पापड़ पर 2.70 लाख, यूज्ड रिफाइंड सोयाबीन आयल पर 1.20 लाख रुपये, दही पर 1.20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। होटल सिटी इन व राजीव सिंह द्वारा मानक के विपरीत दही प्रयोग पर 2.30 लाख रुपये, पनीर पर 2.30 लाख व किसमिस पर 3.30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। गलत प्रिंट पर सोफिट मिल्क बेचने वाले मेसर्स स्पेंसर्स रिटेल लिमिटेड और हर्ष इंडिया प्राइवेट लिमिटेड पर 4.20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया। बिना खाद्य पंजीकरण कारोबार करने वाले रोशन अली पर 40 हजार, जिवेश अग्रवाल व मेसर्स श्रीविघ्नहर्ता ट्रेडलिंक गुजरात पर गलत प्रिंट वाले राजमा बिक्री पर चार लाख रुपये, रमेश यादव द्वारा खराब गुलाब जामुन बिक्री पर 40 हजार, दीपक मौर्य व विराट सुपर मार्केट सुंदरपुर के गलत प्रिंट वाले नमकीन पर 1.20 लाख, भोलानाथ जायसवाल व जमुना प्रसाद व बीएस मार्ट रूप्पनपुर द्वारा गलत प्रिंट के नमकीन पर 75 हजार, बशीम अली पर नियम विरुद्ध हल्दी बिक्री पर 30 हजार और प्रकाश चंद्र यादव पर खराब पनीर बिक्री पर 50 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है।
लोगों की सेहत को लेकर फूड एंड सेफ्टी डिपार्टमेंट सजग है। अभियान के दौरान छोटे से लेकर बड़े प्रतिष्ठानों पर मिलने वाले आइटम का सैम्पल लिये जाते हैं। जांच में बड़ी संख्या में सैम्पल फेल पाए गए, जिन्हें कड़ी चेतावनी देकर भारी जुर्माना वसूला गया है। आगामी त्योहार को लेकर स्पेशल अभियान चलाने की योजना है.
संजय प्रताप सिंह, सहायक आयुक्त खाद्य