वाराणसी (ब्यूरो)। शक्ति की भक्ति का महापर्व शारदीय नवरात्र अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तदनुसार रविवार से आरंभ हो रहा है। इस बार मां हाथी पर विराजमान होकर आएंगी और विजयदशमी के दिन माता रानी दिन मंगलवार को मुर्गा पर विदा होगी। माता की आगवानी के लिए शिवनगरी में मां की आराधना में लीन हो चुकी है। तैयारियों जोरों-शोरों से चल रही है। पूजा-पंडाल रंग-बिरंगे विद्युत झालरों सजने लगे है।
रविवार को होगा आरंभ
शारदीय नवरात्र का प्रारंभ दिन रविवार को हो रहा है। हर बार की तरह इस बार माता रानी अपने भक्तों के लिए सुख-समृद्धि के साथ खुशहाली लाएंगी। ज्योतिषाचार्य बब्बन तिवारी के अनुसार अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 14 अक्टूबर को रात 10 बजकर 54 मिनट पर आरंभ होगी और 15 अक्टूबर को सुबह 11 बजकर 52 मिनट पर समाप्त होगी। उदयातिथि मान्य होने के कारण प्रतिपदा तिथि 15 अक्टूबर को है.
कलश स्थापना का मुहूर्त
शारदीय नवरात्रि का पहला दिन 15 अक्टूबर को है। नवरात्रि के पहले दिन ही कलश स्थापना भी की जाएगी। कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त 15अक्टूबर को सुबह 8 बजकर 17 मिनट,अभिजीत मुहूर्त दिन में 11 बजकर 38मिनट से दोपहर 12 बजकर 23मिनट तक रहेगा। कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त की अवधि केवल 45 मिनट की है.
शारदीय नवरात्रि 2023 तिथियां
15 अक्टूबर 2023 - मां शैलपुत्री (पहला दिन) प्रतिपदा तिथि
16 अक्टूबर 2023 - मां ब्रह्मचारिणी (दूसरा दिन ) द्वितीया तिथि
17 अक्टूबर 2023 - मां चंद्रघंटा (तीसरा दिन ) तृतीया तिथि
18 अक्टूबर 2023 - मां कुष्मांडा (चौथा दिन) चतुर्थी तिथि
19 अक्टूबर 2023 मां स्कंदमाता ( पांचवा दिन) पंचमी तिथि
20 अक्टूबर 2023 - मां कात्यायनी (छठा दिन) षष्ठी तिथि
21 अक्टूबर 2023 मां कालरात्रि (सातवां दिन) सप्तमी तिथि
22 अक्टूबर 2023 - मां महागौरी (आठवां दिन) दुर्गा अष्टमी
23 अक्टूबर 2023- , (नौवां दिन)
24 अक्टूबर 2023 मां दुर्गा प्रतिमा विसर्जन, दशमी
मां का आगमन शुभ मुहूर्त में हो रहा है। हर बार मां भक्तों की खुशहाली के लिए कुछ न कुछ लाती है। मां का आगमन ही शुभ होता है.
बब्बन तिवारी, ज्योतिषाचार्य
नवरात्र का आरंभ रविवार से हो रहा है। शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना करने से मां का विशेष आशीर्वाद मिलता है.
हरी राम द्विवेदी, ज्योतिषाचार्य