वाराणसी (ब्यूरो)। नगर निकाय चुनाव को लेकर हर तरफ चर्चा का माहौल गरम है। वोट मांगने जा रहे प्रत्याशियों से सबसे पहले वार्ड की समस्याओं की बात कर रहे हैं। क्योंकि कई वार्ड ऐसे हैं जहां कई सालों से विकास कार्य ही नहीं हुए हैं। इनमें से एक है ईश्वरगंगी वार्ड। इस वार्ड की खासियत यह है कि जब पृथ्वी पर मां गंगा नहीं आयी थी उससे पहले ईश्वरगंगी में मां गंगा विराजमान रही, इसलिए इस क्षेत्र का नाम ईश्वरगंगी पड़ा। आध्यात्मिक, सांस्कृतिक नगरी में ईश्वरगंगी क्षेत्र की इतनी उपेक्षा होगी, कोई सोचा ही नहीं था। पोखरे के चारों तरफ गंदगी का अंबार लगा हुआ है्र देखने में ऐसा लगता है कि पिछले कई सालों से वहां पर सफाई ही नहीं हुई। दसवीं, तेरही, कर्मकांड से लेकर सारे कार्य वहां पर होते हैं। इसके बाद भी वहां के माननीयों ने पोखरे के जीर्णोद्वार के बारे में नहीं सोचा। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की टीम वार्ड नीति के तहत जब ईश्वरगंगी क्षेत्र में पहुंची तो आम पब्लिक की भड़ास देखने लायक रही। सीवर और जलजमाव से जूझना आम पब्लिक के लिए आम बात हो गयी है। इसलिए वहां की जनता अब बदलाव चाहती है.
कितने साल से उपेक्षित है ईश्वरगंगी क्षेत्र?
पिछले कई सालों से पोखरा उपेक्षित है। पोखरे के चारों तरफ गोबर और गंदगी का अंबार लगा हुआ है। गलियों में जो भी आता जाता है वह सीवर के पानी से होकर जाता है। सीवर की समस्या से पूरी जनता परेशान है.
आपको पार्षद बना दिया जाए तो किस समस्या को दूर करेंगे?
सबसे पहले आस्था का केंद्र ईश्वरगंगी की समस्या को दूर करुंगा। क्योंकि यहां के लोगों ने ही पोखरे में गंदगी फेंककर पोखरे को गंदा किया है। अगर मौका मिला तो इस पोखरे का सबसे पहले जीर्णाेद्धार करेंगे.
पिछले पांच साल में वार्ड में कितना कार्य हुआ?
पिछले पांच साल में वार्ड में कोई भी विकास कार्य नहीं हुआ। हालात यह है कि सीवर की समस्या से हर आदमी जूझ रहा है। बारिश के दिनों में तो और भी बुरा हाल हो जाता है.
इस वार्ड में बदलाव चाहते हैं?
बदलाव होना जरूरी है। क्योंकि यहां जनता ऊब चुकी है। वह चाहती है कि कोई ऐसा व्यक्ति चुनकर यहां पर आए जिससे क्षेत्र का विकास हो.
मतदान को लेकर कितने जागरूक हैं?
इस क्षेत्र के लोग मतदान को लेकर जागरूक है। वोट डालने के लिए सभी को बेहिचक होकर जाना चाहिए। हमारा वोट ही यहां का विकास तय करेगा.्र पिछले कार्यकाल में क्षेत्र में कितना विकास कार्य हुआ यह किसी से छिपा नहीं है.
क्षेत्र की समस्या को लेकर किसको जिम्मेदार मानते हैं?
क्षेत्र की समस्या को लेकर जनप्रतिनिधियों को दोषी मानते हैं। क्योंकि अगर वह ध्यान दिए होते तो आज इस क्षेत्र का काफी विकास हुआ होता। ईश्वरगंगी पोखरे पर दसवीं, तेरहवीं से लेकर कर्मकांड होते हैं इसके बाद भी उपेक्षित है। सरकार को इस पर विशेष ध्यान देना चाहिए.
शहर में जी-20 को लेकर सड़क, चौराहे को चमकाया जा रहा है। लेकिन ईश्वरगंगी पोखरा जो सभी के लिए आध्यात्म का केन्द्र है वह आज भी उपेक्षित है, सरकार से मांग है कि इस पोखरे का जीर्णोद्धार किया जाए.
मनोज मद्धेशिया
शहर के सभी पोखरों का जीर्णोद्धार किया गया लेकिन ईश्वरगंगी पोखरा के पानी में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। जो भी पार्षद बने सबसे पहले पोखरे को साफ करेंगे.
कैलाशनाथ
वार्ड नं। 73 सबसे बड़ी समस्या सीवर की है। यहां करीब 18 हजार वोटर है लेकिन कोई भी इस समस्या को लेकर आगे नहीं आता।
सरिता गुप्ता
यहां की जनता को भी समस्याओं को लेकर आगे आना चाहिए। तभी क्षेत्र का विकास हो सकता है। डरेंगे तो यह क्षेत्र कभी भी स्मार्ट वार्ड नहीं बन सकता.
सुदामा देवी
पिछले पांच साल में क्षेत्र में कोई भी विकास कार्य नहीं हुआ। गलिया आज भी उबड़-खाबड़ है। अक्सर लोग चोटहित होते रहते है। सरकार से मांग है कि पहले गली को दुरुस्त करें.
लक्ष्मी गुप्ता
क्षेत्र की समस्या को दूर करना है तो अच्छे लोगों की चुनाव करें। मतदान के दिन खुलकर वोट करें ताकि क्षेत्र का विकास हो सके.
सुशीला चौरसिया
ईश्वरगंगी क्षेत्र को स्मार्ट वार्ड बनने में काफी समय लगेगा क्योंकि इस क्षेत्र में सीवर, जलजमाव और गंदगी का अंबार है। जब तक यह समस्याएं दूर नहीं होगी स्मार्ट वार्ड बनना मुश्किल है.
शीतल गुप्ता
चुनाव के समय सभी प्रत्याशी विकास का दावा करते है लेकिन जीत जाने के बाद कोई भी विकास कार्य नहीं करता.
इसलिए अच्छे प्रत्याशी का चुनाव करें.
अनिता विश्वकर्मा