वाराणसी (ब्यूरो)कहते हैैं खेल को खेल की भावना के साथ खेलना चाहिए, लेकिन बदलते दौर में इसके भी मायने बदल रहे हैंखिलाड़ी अब खेल में भी करियर तलाश रहे हंैसबसे महंगे खेल में शुमार क्रिकेट को छोड़ दिया जाए तो बहुत से ऐसे खेल हैं, जिसमें युवा खेल के साथ करियर भी बना सकते हैंउन्हीं में से एक है मार्शल आट्र्स, जिसमें करियर बनाने की अपार संभावनाएं हैंजब बात सेल्फ-डिफेंस की आती है तो लोग मार्शल आट्र्स, कराटे, जूडो को सीखना प्रिफर करते हैंइसे सीखने के बाद आप इसे दूसरों को सिखाने में इंटरेस्टेड रहते हैं तो यह आपके लिए रिवॉर्डेबल करियर भी बन सकता हैऐसे कई इंस्टीट्यूट्स और स्कूल-कॉलेज हैं जो मार्शल आट्र्स इंस्ट्रक्टर का कोर्स ऑफर करते हैं.

हर जगह मार्शल आट्र्स ट्रेनर की मांग

आरंभ स्पोर्ट्स एंड फिटनेस एकेडमी के डायरेक्टर अखिलेश रावत बताते हैैं कि मार्शल आट्र्स आत्मरक्षा की एक विधि है, जिसमें सांस पर नियंत्रण, अनुशासन तथा एकाग्रता से पाई गई उच्च दर्जे की ऊर्जा की बदौलत व्यक्ति शस्त्रों से मुकाबला करने में सक्षम हो जाता हैआज जैसे-जैसे समाज में अपराध और उससे उपजी असुरक्षा बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे मार्शल आट्र्स के प्रति लोगों का रुझान बढ़ता जा रहा हैकुछ लोग सेल्फ डिफेंस के लिए मार्शल आट्र्स सीख रहे हैं, कुछ हॉबी के तौर पर, तो कुछ रोजगार के तौर परवैसे भी अब स्कूल-कॉलेज से लेकर हर जगह मार्शल आट्र्स में प्रशिक्षित प्रोफेशनल्स की मांग बढ़ती जा रही हैइससे इस क्षेत्र में करियर बनाने की उजली संभावनाएं हैं.

इन जगहों पर मिल सकता है अवसर

मार्शल आट्र्स में प्रशिक्षित व्यक्ति सरकारी नौकरी के लिए पात्र होता हैसिक्योरिटी एजेंसियों में भी इन्हें रोजगार मिल सकता हैवीआईपी तथा कॉरपोरेट जगत के दिग्गज अपनी निजी सुरक्षा में मार्शल आट्र्स प्रशिक्षित व्यक्ति को नियुक्त करना पसंद करते हैंयही नहीं, ट्रेनिंग प्राप्त कर आप किसी स्कूल, कॉलेज, जिम या फिटनेस सेंटर में इंस्ट्रक्टर के रूप में भी काम कर सकते हैंया फिर आप अपना ट्रेनिंग सेंटर भी स्थापित कर सकते हैंमार्शल आर्ट में प्रशिक्षितों को सेना, अर्धसैनिक बलों, पुलिस बल तथा सुरक्षा एजेंसियों में रोजगार में प्राथमिकता मिलती है.

प्रशिक्षण में कई पड़ाव

मार्शल आर्ट सीखने के बाद मार्शल आर्ट सलाहकार बनकर भी सम्मान और पैसा दोनों ही कमाए जा सकते हैंमार्शल आर्ट के प्रशिक्षण में कई पड़ाव आते हैंशुरू में तो शारीरिक प्रशिक्षण और हाथ-पैर चलाने की कला का प्रशिक्षण दिया जाता है.

ट्रेनिंग

जूडो-कराटे में ट्रेनिंग पूरी होने तथा रिटर्न टेस्ट पास करने पर ब्लैक बेल्ट प्रदान किया जाता हैब्लैक बेल्ट पाने में तीन से चार वर्ष लग जाते हैं.

क्वॉलिफिकेशन

मार्शल आर्ट्स सीखने की कोई उम्र नहीं होती मगर समझा जाता है कि 10 से 25 वर्ष आयु में इसे सीखना करियर के लिहाज से बेहतर होता हैमार्शल आट्र्स सीखने के लिए कठोर परिश्रम, उत्साह और कई-कई घंटों के अभ्यास की जरूरत होती है

सैलरी पैकेज

-मार्शल आर्टिस्ट को अपनी ट्रेनिंग पूरी होने के बाद 12 से 15 हजार रुपए प्रति माह तक वेतन मिल सकता है.

-अनुभव तथा योग्यता बढऩे पर वेतन भी बढ़ता जाता है

-स्कूल-कॉलेज में डेली बेस पर नियुक्ति मिल सकती है.

-500 रुपये प्रति घंटे के हिसाब से पेंमेंट होता है.

बनारस में उपलब्ध है कई इंस्टीट्यूट

बनारस में जूडो, कराटे, ताइक्वांडो जैसे मार्शल आट्र्स का प्रशिक्षण देने वाले कई संस्थान चल रहे हैंमगर किसी संस्थान का चयन करने से पहले यह जरूर सुनिश्चित कर लें कि वहां योग्यता प्राप्त इंस्ट्रक्टर तथा सभी जरूरी सुविधाएं मौजूद होंइसके अलावा यह कोर्स यूपी, एमपी, के प्रमुख शहरों के स्टेडियमों, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, नई दिल्ली आदि में उपलब्ध हैं.

मिशन शक्ति छात्राओं को कर रही प्रशिक्षित

समाज में महिलाओं के प्रति बढ़ती असुरक्षा को देखते हुए उनके सेल्फ डिफेंस के लिए शहर में पिछले कुछ साल से मिशन शक्ति सेना अभियान चलाया जा रहा हैजिसके तहत पारिणी कन्या महाविद्यालय की छात्राओं को बगैर किसी फीस के सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दी जा रही हैइस कॉलेज की अब तक 1500 से छात्राएं मार्शल आट्र्स का प्रशिक्षण प्राप्त कर चुकी हैैं.

मार्शल आट्र्स सिर्फ खेल नहीं यह आत्मरक्षा की सबसे बड़ी कला हैअब यह युवाओं के करियर के लिहाज से बेहतरीन ऑप्शन हैइसमें रोजगार की अपार संभावनाएं है.

अखिलेश रावत, डॉयरेक्टर, आरंभ स्पोट्र्स एंड फिटनेस एकेडमी

समाज में जिस तरह से असुरक्षा बढ़ी है, खासकर महिलाओं और स्कूली छात्राओं मेंऐसे में इनके लिए आत्मरक्षा का ज्ञान होना बेहद जरूरी हैइन्हें प्रशिक्षित करने के लिए मार्शल आट्र्स ट्रेनर की जरूरत बढ़ रही है.

रघुवर दास, प्रिंसिपल, आरएस शिक्षण संस्थान

सेल्फ डिफेंस को लेकर अब मार्शल आट्र्स ट्रेनर की मांग बढ़ रही हैस्कूल-कॉलेज व संस्थाओं में इनकी जरूरत हैकरियर के लिहाज से यह युवाओं के लिए सबसे बेस्ट ऑप्शन हैइसमें रोजगार की अंपार संभावनाएं हैं.

परमतोष विश्वकर्मा, प्रेसिडेंट, तक्ष एकेडमी ऑफ मार्शल आट्र्स

मार्शल आट्र्स विद्या को यंगस्टर्स अब सिर्फ खेल नहीं बल्कि सेल्फ डिफेंस के लिए चुन रहे हैंअगर खिलाड़ी ब्लैक बेल्ट लेवल लेवल तक का कोर्स कर लिया है तो इसमें करियर का राह आसान हो जाता हैइसमें उसे निश्चित रूप से कहीं भी जॉब आसानी से मिल सकता है.

अनीता सिंह, ओनर, वारियर्स एकेडमी ऑफ मार्शल आट्र्स

मार्शल आट्र्स में करियर बनाने की अपार संभावनाएं हैइसमें 12वीं के बाद बच्चों का विवि में खेल कोटा से एडमिशन भी आसान हो जाता हैवो बीपीईएड, एमपीईएड कर स्पोट्र्स टीचर भी बन सकता हैइसमें डिफरेंट क्वालिफिकेशन वाले बच्चे जॉब के साथ खुद का सेंटर भी चला सकते हैं.

अरविंद सिंह, संचालक, जापान शोतोकान कराते डो कानिनजुकु संस्थान