वाराणसी (ब्यूरो)। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की हेल्थ मीटर एक्टिविटी बुधवार को गोपपुर स्थित दिव्यांश इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल व कंदवा स्थित एमपी मेमोरियल स्कूल एवं हॉस्टल में हुई। यहां आई स्पेशलिस्ट, डेंटिस्ट, पीडियाट्रिक, जनरल फिजिशियन आदि डॉक्टरों की टीम ने कैंप लगाया। इसमें क्लास वन से फाइव तक के बच्चों की हेल्थ को कई मानकों पर चेक किया गया। दांत व आंख की देखभाल के लिए बच्चों को बताया गया। साथ ही खानपान से बेहतर स्वास्थ्य की जानकारी दी गई। बेसिक हाइजीन के साथ हैंडवॉश की जरूरत के बारे में सरल और आसान शब्दों में समझाया गया। इसके बाद डॉक्टर्स ने बच्चों को फिटनेस सर्टिफिकेट दिए.
टीचर्स ने पूछे सवाल
इस मौके पर शिक्षकों ने भी बच्चों की हेल्थ से जुड़े कई सवाल डाक्टर्स से पूछे। बच्चों को हेल्दी रहने के लिए जरूरी टिप्स दिए गए। बच्चों का आंख, दांत, बाल व नाखूनों का चेकअप किया गया और उनका वजन लिया गया। एक्टिविटी के दौरान बताया गया कि क्या-क्या अच्छा व क्या खराब है, उन्हें अपनी दिनचर्या कैसे बदलनी है.
उपहार पाकर मुस्कुराए बच्चे
कैंप में चेकअप के बाद क्लास वन से फाइव तक के बच्चों को हेल्थ बनाने के लिए डाबर वीटा, सेवई व बिस्कुट बांटे गए। जिसे पाकर बच्चों के चेहरे खिले गए। यह एक्टिविटी प्रजेंट्स बाय डाबर वीटा और नरिश, इन एसोसिएशन विद अनमोल इंडस्ट्रीज लिमिटेड की ओर से आयोजित की गई थी.
हेल्थ मीटर एक्टिविटी बहुत अच्छा प्रयास है। एक साथ आई स्पेशलिस्ट, पीडियाट्रिक की टीम ने कैंप लगाकर बच्चों का हेल्थ चेकअप किया। रिपोर्ट कार्ड से पेरेंट्स अवेयर होंगे। बच्चों को प्रॉपर डाइट और सही रुटीन की जानकारी भी मिल रही है। अच्छी सेहत के साथ बच्चे मन लगाकर पढ़ाई करेंगे.
डॉ। रामानुज सिंह, प्रिंसिपल, दिव्यांश इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल
जांच में अधिकतर बच्चों की आंखों की रोशनी ठीक पाई गई। सिर्फ दो चार बच्चों की दूर दृष्टि कमजोर मिली। हालांकि बच्चों का समय-समय पर आई टेस्ट करवाना चाहिए, टीवी और मोबाइल की वजह से कम उम्र में ही बच्चों की आंखें खराब होने की शिकायतें ज्यादा आती हैं।
डॉ। अनुराग टंडन, आई स्पेशलिस्ट
अधिकतर बच्चों की दांतों में पीलापन और धब्बे मिले। कुछ बच्चों की दातों में कीड़े लगने की शिकायत मिली। हैंड पम्प कापानी पीने से यह दिक्कतें आती हैं। बच्चों को आरओ का पानी पीने की सलाह दी गई है। हालांकि बच्चों के दांत काफी मजबूत थे.
डॉ। आरती शर्मा, वैष्णवी चाइल्ड एवं डेंटल सेंटर
आजकल छोटे बच्चों की दांतों से जुड़ी परेशानियां ज्यादा दिख रही हैं, जिनका समय रहते ट्रीटमेंट करने से इलाज भी संभव है और अच्छे ओरल हाइजिन से अच्छा स्वास्थ्य मिलता है.
डॉ। आयशा गुप्ता, डेंटल प्लाजा
जांच में अधिकतर बच्चों की सेहत अच्छी मिली। हालांकि सीजनल बीमारी जैसे खांसी, बुखार सर्दी ही बच्चों में दिखी। बच्चों को जंक फूड से बचने और हरी सब्जियां खाने की सलाह दी गई।
डॉ। सुनील शर्मा, वैष्णी चाइल्ड एवं डेंटल सेंटर
कई बच्चों में खून की कमी मिली। कुछ में दर्द की शिकायत भी मिली। कैल्शियम व बिटामिन की कमी के चलते यह दिक्कत आती है। खेलने के चक्कर में बच्चे अपनी सेहत के प्रति लापरवाह होते हैं। ऐसे में पैरेंट्स को उनके खान-पान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
डॉ। किशोर कुमार, बाल रोग विशेषज्ञ ऑक्टेविया हॉस्पिटल
बच्चों की सेहत को लेकर दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की एक्टिविटी एक अच्छा प्रयास है। इसके साथ जुडऩे से हमें भी खुशी हो रही है। बच्चों की हेल्थ सुधरने से देश का भविष्य मजबूत होगा.
आशा श्रीवास्तव, डायरेक्टर एमपी मेमोरियल स्कूल एवं हॉस्टल
कुछ बच्चों में खून की कमी दिखी। सीजनल बीमारी जैसे खांसी, बुखार सर्दी से भी कुछ बच्चे पीडि़त थे। बच्चों में कैल्शियम व बिटामिन की कमी के चलते यह दिक्कत आती है। पैरेंट्स को बच्चों के खान-पान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
डॉ। संजय पटेल, बाल रोग विशेषज्ञ