वाराणसी (ब्यूरो)। सिविल सर्विसेस के एग्जाम में बैठने की ख्वाहिश रखने वाले स्टूडेंट्स का सपना काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) पूरा करेगा। यहां स्थापित डॉ। अंबेडकर उत्कृष्टता केंद्र के तहत सिविल सेवा (प्रारम्भिक एवं मुख्य) परीक्षा-2023-24 के लिए अनुसूचित जाति (एससी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के स्टूडेंट्स के लिए फ्री कोचिंग की शुरुआत कर दी गई गई है। बीएचयू कैंपस स्थित मानव संसाधन विकास केंद्र में शनिवार से को आयोजित उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर कुलगुरु प्रो। वीके शुक्ला उपस्थित रहे। उन्होंने निशुल्क कोचिंग के लिए चयनित सभी स्टूडेंट्स को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि ये गर्व का विषय है कि उन्हें इतने प्रतिष्ठित विवि के माध्यम से तैयारी करने का मौका मिला है। सभी स्टूडेंट्स को इस अवसर का लाभ उठाना चाहिए। यह भी कहा कि छात्रों को अपने जीवन से असंभव शब्द को हटा देना चाहिए क्योंकि अपनी मेहनत व दृढ़ निश्चय के बलबूते हर लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। विद्यार्थी अच्छी तरह से तैयारी के साथ साथ बेहतर ढंग से रिवीजऩ भी करें, साथ ही साथ प्रतियोगी पत्रिकाएं व समाचार पत्र भी नियमित रूप से पढ़ें। सफलता जरूर मिलेगी।
स्वयं को प्रोत्साहित करने का प्रयास करें
कुलसचिव प्रो। अरुण कुमार सिंह ने कहा हमें अपने आसपास बहुत सा ज्ञान व जानकारी दिखती व मिलती है, लेकिन आवश्यक यह है कि हम उसमें से अपने काम की चीज को पहचान कर अपने पास रखें और खुद को परीक्षा के लिए निपुण करें। उन्होंने विद्यार्थियों को नसीहत दी कि पुस्तकों से प्रामाणिक व विश्वसनीय ज्ञान हासिल करें, जो उनकी सफलता में सबसे अधिक कारगर साबित होगा। उन्होंने सुझाव दिया कि कभी थकान महसूस होने लगे तो अपने पैरेंट्स के बारे में सोचकर स्वयं को प्रोत्साहित करने का प्रयास करें।
यात्रा लंबी है, लेकिन तय करना नामुमकिन
वित्ताधिकारी अभय ठाकुर ने तैयारी के लिए चार प्रमुख बिंदुओं पर ध्यान केन्द्रित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि यात्रा लंबी जरूर है लेकिन इसे तय करना नामुमकिन नहीं है, इसलिए लक्ष्य पर केन्द्रित रहकर खुद को किसी भी तरह के विकर्षण व भटकाव से दूर रखने का प्रयास करें ताकि लक्ष्य प्राप्ति की यात्रा में बाधा न आए। शॉर्ट कट अपनाने के बारे में न सोचें। मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता एवं मोबाइल का रचनात्मक व आवश्यकतानुसार ही प्रयोग करें। स्वानुशासन बनाएं व अंतरात्मा की आवाज़ सुनें और आगे बढ़ें। वित्ताधिकारी ने बताया कि खुद को परखते हुए परीक्षा के दोनों पड़ावों के लिए अलग अलग रणनीति बनाकर अध्ययन करें।
100 स्टूडेंट्स का हुआ है चयन
केंद्र के समन्वयक प्रो। आरएन खरवार ने बताया कि केंद्र के दूसरे बैच के तहत आरंभ हो रही इन कक्षाओं के लिए अत्यंत प्रतिस्पर्धी परीक्षा के माध्यम से 100 स्टूडेंट्स का चयन किया गया है। उन्होंने केन्द्र में स्टूडेेंट्स के लिए उपलब्ध सुविधाओं आदि के बारे में भी अवगत कराया। प्रो। खरवार ने कहा कि अत्यंत योग्य व पेशेवर शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों को परीक्षा की तैयारी कराई जाएगी। साथ ही साथ उत्तम सुविधाओं की व्यवस्था की गई है, ताकि विद्यार्थियों की बेहर तैयारी हो सके।
30 प्रतिशत सीटें छात्राओं के लिए
नई दिल्ली स्थित डॉ। अंबेडकर फाउंडेशन से आएआर के त्रिपाठी ने भारत सरकार द्वारा आरंभ निशुल्क कोचिंग योजना के बारे में चर्चा की और कहा कि इस योजना से देश भर में बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को लाभ मिल रहा है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत सुविधाओं का और इजाफा किया जाएगा। निशुल्क कोचिंग के लिए प्रवेश परीक्षा के माध्यम से 100 विद्यार्थियों का चयन किया गया है, जिनमें से 70 प्रतिशत अनुसूचित जाति एवं 30 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हैं। दोनों ही श्रेणियों में 30 प्रतिशत सीटें छात्राओं के लिए हैं.
केंद्र के दूसरे बैच के तहत आरंभ हो रही इन कक्षाओं के लिए अत्यंत प्रतिस्पर्धी परीक्षा के माध्यम से 100 स्टूडेंट्स का चयन किया गया है। केंद्र में स्टूडेेंट्स के लिए कई सारी सुविधाएं आदि भी उपलब्ध कराई गई हैं। इसमें सीटें 70 प्रतिशत अनुसूचित जाति एवं 30 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हैं.
प्रो। आरएन खरवार, केंद्र समन्वयक