वाराणसी (ब्यूरो)दुनिया की सबसे प्राचीन नगरी काशी यानी बनारस अब नये कलेवर में आ चुकी हैधर्म के साथ सभी क्षेत्रों में यह शहर तेजी से आगे बढ़ रहा हैपहले मठ और मंदिर ही काशी की पहचान होते थे, लेकिन अब पर्यटन, हेल्थ, एजुकेशन, बिजनेस, लिविंग स्टैंडर्ड, ट्रांसपोर्ट समेत हर क्षेत्र में बनारस ने नई पहचान बना ली हैहर एरिया किसी खास वजह से जाने जाते हैंपर्यटन के लिए पूरा बनारस जाना जाता है, लेकिन सारनाथ की विशेष पहचान हैइसी तरह लंका से चित्तईपुर तक हेल्थ, शिवपुर से हरहुआ तक बड़ी-बड़ी सोसाइटी और अर्पाटमेंट, इंडस्ट्रीज के लिए लहरतारा, करखियांव व रामनगर, शॉपिंग के लिए गोदौलिया से रथयात्रा, मोबाइल के लिए सिगरा समेत तमाम ऐसे इलाके हैं, जो किसी खास वजह से जाने जाते हैंआइए आप भी जानिए बनारस के कुछ खास इलाकों की क्या है विशेषता?

सारनाथ में पर्यटन थाना

पूरी दुनिया सारनाथ को भगवान बुद्ध के प्रथम उपदेश स्थल के रूप में जानती हैइसके अलावा बुद्ध मंदिर, तिब्बत संस्थान, लाइट एंड साउंड शो, म्युजियम, पार्क, धम्मेक स्तूप, जू, सारंगनाथ तालाब, मंदिर समेत ऐसे स्थल हैं, जिसे देखने के लिए हर टूरिस्ट सारनाथ जरूर आता हैपर्यटकों की भीड़ को देखते हुए पर्यटन थाना भी सारनाथ में खोला गया है.

लंका में बीएचयू

पहले सिर्फ एजुकेशन के लिए लंका यानी बीएचयू की पहचान थी, लेकिन बदलते बनारस में लंका की पहचान भी बदल दीट्रामा सेंटर, बीएचयू हास्पिटल, कैंसर इंस्टीट्यूट समेत तमाम बड़े निजी हॉस्पिटलों की श्रृंखला है, जो लंका से भिखारीपुर होते हुए चित्तईपुर तक फैली हैवैसे तो पूरे शहर में कई बड़े हॉस्पिटल है.

शिवपुर में सोसाइटी

शिवपुर से हरहुआ तक नई-नई सोसाइटी, बड़े-बड़े अर्पाटमेंट बन चुके हैंयही वजह है कि शहर में बसने के लिए आने वाले लोगों की पहली पसंद शिवपुर से हरहुआ हैइसकी एक खास वजह यह भी है कि इसी रोड पर एयरपोर्ट भी हैशिवपुर से हरहुआ तमाम मॉल, शॉपिंग काम्प्लेक्स, स्टोर, सब्जी मंडी, अनाज मंडी तमाम सुविधाएं विकसित हो गई हैंअर्दली बाजार भी इस एरिया का हिस्सा माना जाता है, जो महिलाओं की शॉपिंग के लिए काफी फेमस है.

लहरतारा, करखियांव व रामनगर

वाराणसी में लहरतारा, करखियांव व रामनगर इंडस्ट्रीज एरिया है, जहां तमाम बड़ी-बड़ी फैक्टरियां हैं, जिससे बनारस का इकोनॉमिक स्तर लगातार बढ़ रहा हैलाखों लोगों को नौकरी भी मिली हैइन उद्यमियों की वजह से बनारस की अर्थव्यवस्था में 14 फीसद बढ़ी हैप्रति व्यक्ति सालाना आय करीब 60 हजार रुपये पहुंच गई हैछोटे व मझोले उद्योगों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है

यह जानना जरूरी

गोदौलिया से रथयात्रा तक रेडिमेड गारमेंट का मार्केट

भेलूपुर से दुर्गाकुंड तक ज्वेलरी और इलेक्ट्रिक सामान

बेनियाबाग से लहुराबीर तक शूज मार्केट

सिगरा साजन तिराहा मोबाइल मार्केट

लहुराबीर से मलदहिया तक मोटर्स पाट्र्स

जंगमबाड़ी से सोनरपुरा तक फर्नीचर मार्केट

मैदागिन सप्तसागर से बुलानाला तक दवा