वाराणसी (ब्यूरो)। सीर गोवर्धनपुर में संत रविदास जन्मोत्सव मनाने के बाद सोमवार को रविदासिया धर्म के प्रमुख और ट्रस्ट के चेयरमैन संत निरंजन दास श्रद्धालुओं संग पंजाब रवाना हुए। महासचिव सतपाल विर्दी ने बताया कि जयंती के बाद सोमवार को सुबह से ही श्रद्धालुओं ने घर वापसी शुरू कर दी। संत निरंजन दास ने मंदिर प्रबंधन के लोगों, एनआरआइ तथा श्रद्धालुओं के साथ मंदिर में दर्शन-पूजन कर विश्व कल्याण की कामना के साथ पंजाब के विदा लेते हुए कहा कि समाज में भाईचारा और मानवता के संदेश को आगे बढ़ाने का रविदासिया धर्म का संकल्प है.
फिर आने का लिया संकल्प
जन्मस्थली से अपने गुरु के साथ वापसी पर लोग भावुक हो उठे और अगले वर्ष फिर आने के संकल्प से विदा हुए। पिछले कई दिनों से रैदासियों की भीड़ गुलजार मिनी पंजाब का नजारा दिखने वाला सीर गोवर्धनपुर दो दिन बाद सूना हो जाएगा। जाने वाले श्रद्धालु मंदिर में दर्शन के बाद जन्मस्थली का तिलक माथे लगाते हुए विदा ले रहे थे। रविदासियों की विशेष ट्रेन बनारस स्टेशन से दोपहर बाद 4.12 बजे निकली.
जनगणना में रविदासिया धर्म का कालम दर्ज करने की मांग
संत रविदास जयंती पर देश-विदेश से आए ट्रस्ट और संगठन के पदाधिकारियों ने जयंती के बाद मंदिर में बैठक कर रविदासिया धर्म को संवैधानिक दर्जा और जनगणना में अलग धर्म का कालम दर्ज करने की मांग की। इस मामले में सरकार को पत्र भी दिया जा चुका है। बैठक में रविदासिया धर्म के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष संत मनदीप दास, अध्यक्ष सुखदेव वाघमारे, महेंद्र पाल, सतपाल विर्दी, निरंजन चीमा, वीरेंद्र दास बब्बू सहित कई लोग शामिल रहे.