वाराणसी (ब्यूरो)। संस्कृत का गढ़ कही जाने वाली काशी की संस्कृति अब विदेशों में भी पढ़ाई जाएगी। अभी तक तो विदेशों के मंदिरों में यहां के विद्वान कर्मकाण्ड करते थे अब वहां संस्कृत का अध्ययन व अध्यापन भी करेंगे। इसके लिए सम्पूर्णानंद संस्कृत महाविद्यालय देश के कई राज्यों के अलावा विदेशों में भी संस्कृत का ऑनलाइन स्टडी सेंटर खोलने जा रही हैं। सेंटर खुलने से न सिर्फ रोजगार के अवसर मिलेंगे बल्कि आय के स्रोत भी बढेंगे। 1.10 करोड़ की लागत से सेंटर खोलने के लिए सारी प्रक्रिया पूरी कर ली गयी हैं.
विदेशों में खुलेंगे सेंटर
सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति का कहना है कि संस्कृत भाषा सीखने के लिए अब देश ही नहीं विदेशों में भी मांग बढ़ रही हैं। इसी को देखते हुए अमेरिका में दो स्टडी सेंटर और जर्मनी में एक और नेपाल में संस्कृत विश्वविद्यालय के स्टडी सेंटर जल्द ही खोले जाएंगे। इसके लिए सारी तैयारी पूरी हो चुकी हैं.
संस्कृत, वास्तु शास्त्र की पढ़ाई
इन देशों के ऑनलाइन स्टडी सेंटर में संस्कृत के अलावा योग विज्ञान, वेदांत, वास्तुशास्त्र, ज्योतिष शास्त्र संस्कृत भाषा का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अलावा अर्चक परक रोजकार कोर्स समेत करीब 37 प्रकार के कोर्स चलाए जाएंगे। इन सभी कोर्स के लिए अलग से लोगों की नियुक्ति की जाएगी। संस्कृत भाषा सीखने के लिए लोगों का रुझान काफी बढ़ रहा हैं। इसको देखते हुए सम्पूर्णानंद संस्कृति विश्वविद्यालय ने विदेशों में स्टडी सेंटर खोलने की तैयारी की हैं। प्रशिक्षण देने के बाद सभी को डिप्लोमा और सर्टिफिकेट भी दिया जाएगा.
हर मंडल में स्टडी सेंटर
संस्कृत भाषा सिखाने के लिए यूपी के प्रत्येक मंडल में स्टडी सेंटर के उपकेन्द्र खोले जाएंगे। काशी में गोयनका विद्यालय में ऑनलाइन उपकेन्द्र खोले जाएंगे। इसके अलावा गोरखपुर में गोरक्षनाथ संस्कृत विद्यालय में स्टडी केन्द्र खुलेंगे। साथ ही पश्चिम उत्तर प्रदेश में तातारपुर हापुड के संस्कृत महाविद्यालय, फिरोजाबाद में आर्य गुरुकुल संस्कृत महाविद्यालय, मैनपुरी के एकरसानंद संस्कृत महाविद्यालय, मथुरा के रंगतरनी आदर्श संस्कृत महाविद्यालय में स्टडी सेंटर के अलावा हाटा के श्रीनाथ संस्कृत महाविद्यालय में संस्कृत के उपकेन्द्र खोले जाएंगे.
घर बैठे कराएंगे अध्ययन
संस्कृत भाषा के अलावा सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय अब घर में बैठी मां, बहनें, इंजीनियर, चिकित्सक डाक्टर को भी ऑनलाइन श्रीमद्भागवत कथा का अध्ययन कराया जाएगा। इसके अलावा जो भी संस्कृत भाषा सिखना चाहते हैं उनको भी घर बैठे संस्कृत भाषा की सारी जानकारी दी जाएगी। यह सुविधा शुरू करने के लिए विश्वविद्यालय से काम करना शुरू कर दिया हैं। छह महीने के अंदर यह सारी सुविधाएं संस्कृत प्रेमियों को मिलनी शुरू हो जाएगी.
पोर्टल पर प्रक्रिया पूरी
कुलपति ने बताया कि जेम पोर्टल पर सारी प्रक्रिया पूर्ण कर ली गयी है। सभी का क्रियान्वयन जल्द शुरू होगा। इसके शुरू होने से संस्कृत भाषा लोग घर बैठे ही सीख सकते हैं। काशी की संस्कृति को भी लोग जान सकेंगे। श्रीमद्भागवत गीता, रामायण भी विदेशों के स्टडी सेंटर में अध्ययन कराया जाएगा। प्रशिक्षण पूर्ण करने के बाद सम्पूणानंद संस्कृत विश्वविद्यालय का सर्टिफिकेट और डिप्लोमा भी दिया जाएगा। प्रदेश सरकार की मंशा हैं कि संस्कृत भाषा के साथ काशी की संस्कृति को भी लोग जान सकेंगे।
सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय देश ही नहीं विदेशों में ऑनलाइन स्टडी सेंटर खोलने जा रही हैं। सारी प्रक्रिया पूर्ण कर ली हैं। संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए विदेशों में सेंटर खोला जा रहा हैं। इन सेंटर्स पर श्रीमद्भागवत गीता के अलावा रामायण का भी अध्ययन कराया जाएगा.
प्रो। हरेराम त्रिपाठी, कुलपति, सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय