वाराणसी (ब्यूरो)। आईआईटी बीएचयू में पढऩे वाले स्टूडेंट्स को अगर किसी तरह की हेल्प की जरूरत या करियर से रिलेटेड मन में कोई सवाल है और जवाब देने वाला कोई नहीं मिल रहा है तो अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। क्योंकि आपके हर सवाल का जवाब देने के लिए कैंसप में आपका सखा साथ देने के लिए उपस्थित है। स्टूडेंट्स काउंसिल सर्विसेस (एससीएस) के नाम से यहां एक विंग बनाया गया है। इसके तहत सीक एंस्पायर होलेस्टिक एडवांसमेंट (सखा) टीम तैयार किया गया है, जो स्टूडेंट्स के होलिस्टिक वेलबिन में काम करती है। सखा की पूरी टीम स्टूडेंट्स का हर मोड़ पर साथ देती है। खास बात ये भी है कि अगर किसी गल्र्स को अपनी कुछ प्राइवेट या पर्सनल प्रॉब्लम शेयर करनी है तो इसके लिए सखा टीम में एक गर्ल को भी शामिल किया गया है, ताकि उस गर्ल स्टूडेंट को अपनी बात रखने में कोई संकोच न करना पड़े.
किन-किन मुद्दों पर काम करता सखा
इसमें हर स्टूडेंट्स की मेंटल व फिजिकल डेवलपमेंट के साथ एकेडमिकली स्टूडेंट्स अच्छा परफार्म कर रहे हैं या नहीं, करियर वाइज उनकी परफार्मेंस ठीक चल रही है या नहीं, टेक्निकली चीजें उन्हें समझ आ रही है या नहीं, इन सब पर सखा का फोकस रहता है। इसके अलावा स्टूडेंट्स की पर्सनॉलिटी डेवलपमेंट, स्किल डेवलपमेंट पर काम करने के साथ रिसर्च के लिए जो स्टूडेंट्स हैं उन पर डिपार्टमेंट कुछ कर रहा है या नहीं। सब कुछ मिलने के बाद भी स्टूडेंट्स में कोई चेंजेस हो रहे है या नहीं। इन सब के बाद भी कोई किसी बात को लेकर परेशान तो नहीं है। ऐसे स्टूडेंट्स पर सखा का खास फोकस रहता है और सभी प्राब्लम का सॉल्यूशन भी निकाला जाता है। बीच-बीच में इंडक्शन प्रोग्राम के जरिए सभी को स्टूडेंट्स को सीएससी के काम-काज की जानकारी दी जाती है।
क्यों पड़ी सखा की जरूरत
सखा के कंवीनर स्वप्निल बताते हैं कि होता यूं है कि किसी भी कॉलेज या यूनिवर्सिटी में पढऩे वाले स्टूडेंट्स की बहुत सारी समस्याएं होती हैैं। इसी तरह से आईआईटी-बीएचयू के स्टूडेंट्स में भी कई समस्याएं होती हंै, लेकिन उनके पास फैकल्टी के अलावा ऐसा कोई प्लेटफार्म नहीं था, जहां वे अपनी बात खुलकर रख सकें और उनके हर प्रॉब्लम का सॉल्यूशन निकल सके। यहां ऐसी कोई बॉडी नहीं थी, जिसका फोकस स्टूडेंट्स की वेलबिन को लेकर हो। इन्हीं सब समस्याओं को देखते हुए साल 2019 में यहां स्टूडेंट्स काउंसिल सर्विसेस की शुरुआत की गई। तब से लेकर अभी तक स्टूडेंट्स की हर समस्या को गंभीरता से लेते हुए इसे शार्ट आउट करने का प्रयास किया जा रहा है। इस विंग में 10 फैकल्टी मेंबर के अलावा 140 स्टूडेंट्स हैं, जिसमें कुल चार कंवीनर बनाए गए हैैं.
5 अलग-अलग काउंसिल से स्ट्रक्चर बनी है एससीएस
1-वेलनेस काउंसिल
यह स्टूडेंट के इमोशन, मेंटल और फिजिकल डेवलपमेंट पर काम करती है.
2-एकेडमिक काउंसिल
यह स्टूडेंट्स के एकेडमिक परफार्मेंस पर काम करती है। जैसे किसी को नोट्स या जिनका क्लास छूट गया हो तो ऐसे स्टूडेंट्स के लिए एक रेमेडी क्लास आर्गनाइज्ड कराती है.
3-करियर काउंसिल
इसमें देखा जाता है कि स्टूडेंट्स करियर वाइज अच्छा काम कर रहे हैं या नहीं। अगर नहीं तो उसमें सुधार करने का काम कराया जाता है.
4-स्किल डेवलपमेंट काउंसिल
इसमें स्टूडेंट्स की शार्ट स्किल जैसे कम्यूनिकेशन स्किल, बॉडी लैंग्वेज, सपोर्टिंग, डिजाइनिंग पर हेल्प की जाती.
5-इंटरनेशनल एक्सचेंज काउंसिल
यह जो स्टूडेंट्स रिसर्च ओरिएंडेट होते हैं उनकी मदद करती है। जो फॉरेन में इंस्टीट्यूट हैं उनके साथ कोलाब्रेशन करने में भी हेल्प करती है.
तीन ऑपरेशन वर्टिकल
इनका काम जो पांच काउंसिल स्ट्रक्चर है, वे ठीक से काम कर सकें। उसमें उनकी मदद करते हैं.
1-पीआर एंड हॉस्पिटैलिटी
ये टीम गेस्ट बुलाने और दूसरे बॉडी पर काम करती है.
2-पब्लिसिटी एंड मीडिया वर्टिकल
एससीएस में जो भी काम हो रहा है वे स्टूडेंट्स तक पहुंचे, इसे पहुंचाने की जिम्मेदारी इस टीम को दी गई है।
3-फाइनेंस एंड रिसोर्स
एससीएम जो भी काम करती है और इसमें जो भी खर्च आते हैं, उसमें ये फाइनेंसियल सपोर्ट लेने का काम करती है.
मेरा मानना है कि स्टूडेंट्स के समग्र विकास के लिए कैंपस में एक सहायक व पोषित वातावरण बेहद जरूरी है, जो सखा की ओर से प्रदान किया जा रहा है। अपने विभिन्न पहल और कार्यक्रमों के माध्यम से हम ऐसा माहौल देने का प्रयास कर रहे हैं.
डॉ। वी। रामानाथन, फैकल्टी इंचार्ज, आईआईटी बीएचयू
एसएससी वह संगठन है जिसने पिछले कुछ साल में इंडक्शन मेंटरशिप प्रोग्राम के माध्यम से यहां के स्टूडेंट्स खासकर फ्रेशर्स का सपोर्ट करने का प्रयास किया है। हम वेलनेस, एकेडमिक करियर और कौशल पर फोकस रखते हैं। हर एंगल पर स्टूडेंट्स की हेल्प करते हैं.
पी। गौतमी श्री, को-कंवीनर, एससीएम
यह वास्तव में स्टूडेंट के साथ पूरी ईमानदारी के साथ सखा का रोल प्ले करता है। कॉलेज के शुरुआती से समय से लेकर अंत तक ये स्टूडेंट्स का हेल्प करता है। जब तक ये आईआईटी का हिस्सा बने रहते हैं, तब तक हम इनका साथ नहीं छोड़ते.
स्वप्निल, कंवीनर, एससीएम