वाराणसी (ब्यूरो)। शहर के गंगा घाटों पर नौकायन को सबसे अद्भुत पल के रूप में जाना जाता है। जिसका आनन्द उठाने के लिए देश विदेश के नागरिकों का प्रतिदिन शहर में आगमन होता है। किसी खास मौके पर यह संख्या चौगुनी हो जाती है। जिसके लिए नगर निगम की तरफ से नौकायन और नौका संचालन के लिए सुरक्षा के मानकों को ध्यान में रखते हुए नाविक समाज के साथ मीटिंग कर गाइडलाइन तैयार की गई है। इसमें शहर के 84 घाटों में सुरक्षित 35 घाटों का चयन करते हुए नाविकों के साथ नावों की संख्या निर्धारित की गई है। लेकिन प्रशासन के इन नियमों की धज्यियां नाविक समाज के साथ शहर के होटल और लाज संचालकों ने बिना अनुमति के ही गंगा के बेड़े में अपनी नावों का संचालन करना शुरू कर दिया है जो कि नगर निगम के सुरक्षा कवच को कटघरे में खड़ा कर देता है।
बिना अनुमति हो रहा नावों का संचालन
बिना अनुमति के चोरी छिपे गंगा में होटल और लाज मालिकों द्वारा नगर निगम और जल पुलिस की बिना अनुमति के गंगा में अपनी नावों का संचालन किया जाता है। जिसकी खबर नगर निगम और जल पुलिस के जिम्मेदार अधिकारियों को भी नही है। ऐसे में अवैध रूप से होटल संचालको द्वारा गंगा में दर्जनों नावों को चलवाया जाता है जो कि डीजल बोट आधारित है.वहीं नगर निगम को इसकी खबर भी नही है। तो दूसरी तरफ मामले की लीपापोती करके अपने एक्शन को दिखाने के लिए पिछले दिनों नगर निगम की तरफ से मुंशी घाट के होटल बेजामा पैलेस और गुलेरिया घाट के गुलेरिया कोठी होटल की चार नावों को गंगा में अवैध रूप से संचालित करते हुए पकड़ा गया जिसके बाद इनके ऊपर जब्ती की कारवाई की गई।
हर घाट से मानक विपरीत नाव का संचालन
फिलहाल नगर निगम की तरफ से शहर के 84 घाटों में महज 35 घाटों से ही नाव संचालन की अनुमति है। इसके बावजूद भी शहर के प्रत्येक घाट से नावों का संचालन किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि जिन घाटों पर जितनी मात्रा में मानक निर्धारित किये है नावों के संचालन के लिए उससे कहीं ज्यादा मात्रा में नाव संचालन किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ मीडिया रिपोर्ट से दावा किया जा रहा है कि प्रत्येक घाट से अनुमति से 50 प्रतिशत ज्यादा मात्रा में नावों का संचालन किया जा रहा है।
त्यौहार पर गंगा हो जाती है ट्रैफिक और प्रदूषण युक्त
गंगा को प्रदूषण से मुक्ति दिलाने के लिए नगर निगम के साथ शहर की जिम्मेदार संस्थाओं के द्वारा समय समय पर अभियान चलाया जाता है लेकिन ये सारे अभियान धराशायी हो जाते है.ऐसे में देव दीपावाली और मकर संक्राति जैसे त्योहारों पर गंगा पर अत्यधिक मात्रा में नावों का संचालन शुरू हो जाता है जिसके कारण गंगा के तट से लेकर मध्यधारा तक पूरी तरीके से ट्रै्िरफक और प्रदूषण दिखाई देने लगता है.इतना ही नही उन दिनों में गंगा के दूसरे छोर रामनगर से भी पड़ोसी जिलों मिर्जापुर,गाजीपुर,बलिया,सोनभद्र की भी नावों का धड़ल्ले से आगमन हो जाता है और प्रशासन खामोश नजर आता है।
गंगा में मानक के अनुसार ही नाव संचालन की अनुमति है.यदि कोई भी मानक के विपरीत नौका संचालन करते हुए पाया जाता है तो उसके खिलाफ विधिक कारवाई की जायेगी।
रामसेवक गौतम, डीसीपी काशी
गंगा में अवैध रूप से नाव संचालन करने वाले दो होटल मालिकीं को नोटिस भेजा गया है उनका स्पष्टीकरण मिलते ही कारवाई की जायेगी.इसी के साथ निर्धारित अनुमति के खिलाफ यदि कोई भी नाव संचालन करते हुए पाया गया तो सख्त एक्शन लिया जायेगा।
अनुपम त्रिपाठी, प्रभारी,अनुज्ञप्ति एवं विज्ञापन शुल्क