वाराणसी (ब्यूरो)। काशी में टूरिस्टों का सफर अब और आसान और रफ्तार भरा होगा। इसके लिए बस उनको 4 महीने का और इंतजार करना पड़ेगा। इसके बाद 16 मिनट में कैंट से दशाश्वमेध घाट तक पहुंच जाएंगे। वहां पर जाकर मां गंगा की आरती का दर्शन कर करेेंगे। इसके बाद बाबा धाम में श्री काशी विश्वनाथ का रुद्राभिषेक भी कर सकेंगे। काशी में रोपवे का कार्य सुपर स्पीड से चल रहा है। लगभग 70 परसेंट से अधिक कार्य पूरा हो चला है। टेस्टिंग के लिए बुधवार और शुक्रवार के बीचे रोपवे की टीम आ रही है।
रोपवे के इक्विपमेंट आना शुरू
रोपवे की प्रोजेक्ट डायरेक्टर पूजा मिश्रा ने बताया, रोपवे का कार्य सुपर स्पीड से चल रहा है। 20 पिलर में 19 पिलर का फाउंडेशन कंप्लीट हो चुका है। बचा एक पिलर जल्द ही तैयार कर लिया जाएगा। रोपवे का गोंडोला आ चुका है। इसके अलावा अन्य इक्विपमेंट भी आ रहे हैं। इसके बाद धीरे-धीरे सभी इक्विपमेंट को इंस्टॉल किया जाएगा। इंस्टॉल करने के बद चेक किया जाएगा.
समय की बचत
कैंट से टूरिस्टों को बाबा विश्वनाथ धाम तक पहुंचने में एक घंटा का समय लग जाता है। भीड़भाड अधिक होने के बाद दो घंटा का समय भी लग जाता है। रोपवे बन जाने के बाद 16 मिनट में टूरिस्ट बाबा के धाम पहुंच सकेंगे। इससे समय की बचत होगी और जाम से भी मुक्ति मिलेगी.
20 पिलर में 19 तैयार
रोपवे के 20 पिलर में से 19 पिलर का फाउंडेशन तैयार हो चुका है। इसके बाद पिलर गाडऩे में समय नहीं लगेगा। एक पिलर कम्प्लीट हो चुका है। 19 पिलर का भी कार्य काफी तेजी से चल रहा है। अप्रैल तक सभी पिलर को कम्प्लीट कर लिया जाएगा। इसके बाद सिर्फ डोंडोला का लगाने का काम बचेगा। इसके बाद फिर से दिल्ली की टीम टेस्ट करने के बाद रोपवे को शुरू कर दिया जाएगा। प्रोजेक्ट डायरेक्टर पूजा मिश्रा ने बताया कि एक महीने के अंदर दो स्टेशन पूरी तरह से तैयार हो जाएंगे और तीसरे स्टेशन पर काम काफी हद तक पूरा कर लिया जाएगा। रोपवे में कुल 5 स्टेशन बनाए जा रहे हैं।
8 किमी। का रोप
बताया गया है कि रोपवे का रोप सिर्फ 8 किलोमीटर का है। सिटी के बीचों बीच लगाने में थोड़ी बहुत दिक्कत हो रही है, लेकिन लग जाएगा। पहाड़ी एरिया में आराम से लग जाता है, लेकिन शहर में भीड़ है। इसलिए 8 किलोमीटर रोप को फैलाने में जगह देखी जा रही है।
चढऩे-उतरने को 4 स्टेशन
रोपवे के पांच स्टेशन जरूर है, लेकिन इनमें से टूरिस्टों को चढऩे-उतरने के लिए चार ही स्टेशन होंगे। पांचवां स्टेशन तकनीकी कारणों से बनाया जाएगा। इन चार स्टेशनों में पहला कैंट रेलवे स्टेशन होगा, जो कंप्लीट होने के कगार पर पहुंच चुका है। दूसरा विद्यापीठ, तीसरा रथयात्रा और चौथा अंतिम स्टेशन गोदौलिया है। इसके आगे मंदिर जाने के लिए वाहन नहीं जाते हैं, इसलिए यहीं तक रोपवे चलाया जाएगा.
इसी महीने लगेगा रोपवे का टॉवर
नेशनल हाइवे लॉजिस्टिक प्राइवेट लिमिटेड (एनएचएलएमएल) के अधिकारी रोप-वे स्टेशन का निर्माण काफी तेजी से कर रहे हैं। उनके कार्य को देखने के लिए बुधवार को दिल्ली से टेस्टिंग टीम आ रही है। कार्य की गुणवत्ता के साथ ही कितना कार्य कंप्लीट हुआ। यह भी टीम के सदस्य देखेंगे। इसी महीने रोप वे का टॉवर भी लगाया जाएगा। इसके लिए जगह तय किया जाना बाकी है.
रोपवे का कार्य मई एंड तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके टेस्ट कर रोपवे का संचालन टूरिस्टों के लिए शुरू किया जाएगा।
पूजा मिश्रा, प्रोजेक्ट डायरेक्टर