-पीएम के संसदीय क्षेत्र को नयी सौगात देने में जुटा रेलवे

-बनारस से लखनऊ के बीच शताब्दी के संचालन का ट्रायल शुरू

-सफल होने के बाद दिल्ली के प्रोजेक्ट पर तेज होगा काम

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वाराणसी कैंट स्टेशन से नई दिल्ली के बीच अब शताब्दी एक्सप्रेस के चलने का रास्ता साफ हो गया है। हालांकि इससे पहले बनारस से लखनऊ के बीच शताब्दी एक्सप्रेस चलने लगेगी। बुधवार को ट्रायल के तौर पर 120 किमी प्रति घंटा की स्पीड से ट्रेन को इस रूट पर दौड़ाया गया। यह वाराणसी-जंघई-भदोही-इलाहाबाद व सुल्तानपुर रूट के इलेक्ट्रिफाइड होने से संभव हुआ है। दिल्ली तक ट्रेन को ले जाने की सहमति के लिए प्रपोजल बड़ौदा हाउस भेजा जा चुका है। बस हरी झंडी मिलने की देर है। परमिशन मिलते ही कैंट स्टेशन-लखनऊ शताब्दी को आगे बढ़ा दिया जाएगा।

पीएम को खुश करने की कोशिश

शताब्दी को नई दिल्ली तक बढ़ा देने से न केवल बनारस के लोगों को सौगात मिलेगा बल्कि पीएम नरेंद्र मोदी भी खुश हो जाएंगे। प्रपोजल के मुताबिक वाराणसी कैंट से लखनऊ रूट तक इलेक्ट्रिफिकेशन और डबलिंग का वर्क पूरा हो चुका है। जबकि लखनऊ से नई दिल्ली के बीच यह कार्य पहले ही कम्प्लीट है। ऐसे में इस रूट पर शताब्दी को चलाने में कोई प्रॉब्लम नहीं है। बहरहाल बनारस-लखनऊ शताब्दी से इसे पंख लग जाएगा।

नहीं खोलेंगे पत्ता

वाराणसी-लखनऊ रूट के इलेक्ट्रिफाइड होने से रेलवे एडमिनिस्ट्रेशन पीएम के संसदीय क्षेत्र को खास फोकस कर रहा है। यही वजह है कि बिना लेट किए यहां से महामना सुपरफास्ट के संचालन को हरी झंडी दे दी गयी थी। अब शताब्दी पर नजर है। रेलवे ऑफिसर्स की कहना है कि बनारस-लखनऊ के बीच चलने वाली शताब्दी को नई दिल्ली तक विस्तार दिया जा सकता है। हालांकि प्रपोजल मिलने के बाद इसपर तेजी से काम चल रहा है। पूरे प्रोजेक्ट को गोपनीय रखा जा रहा है।

अब चार घंटे में लखनऊ

वाराणसी-सुल्तानपुर-उतरेटिया रेलखंड के बीच रेलवे ट्रैक का दोहरीकरण व विद्युतीकरण का काम पूरा हो जाने के बाद लखनऊ से वाया सुल्तानपुर होकर वाराणसी तक शताब्दी एक्सप्रेस चलाने पर विचार हो रहा है। यह ट्रेन वाराणसी से सुबह छह बजे चलकर सुबह 10 बजे लखनऊ आएगी जबकि लखनऊ से शाम छह बजे चलने के बाद यह ट्रेन रात 10 बजे बनारस पहुंचेगी। इससे कानपुर तक विस्तार के बाद अक्सर लेट हो रही वरुणा एक्सप्रेस का विकल्प लोगों को मिल जाएगा।

सुपर लग्जरी का अनुभव

अभी तक बनारस के लोग खास तरह की ट्रेन महामना सुपरफास्ट से सफर कर रहे हैं। लेकिन इससे भी सुपर लग्जरियस ट्रेन शताब्दी का अलग ही एक्सपेरिएंस है। अपनी तरह की इस खास ट्रेन में होटल जैसी सुविधा मिलती है। वाई-फाई, स्पेशल सीट, प्रत्येक कूपे में टीवी, बेहतरीन टॉयलेट, पढ़ने के लिए अलग लाइट, नाइट लैंप, प्रत्येक सीट पर अलग-अलग साकेट, अपर सीट पर चढ़ने के लिए डिफरेंट टाइप की सीढ़ी, म्यूजिक सिस्टम, कोच में डिजिटल स्टेशन इंफार्मेशन सिस्टम सहित अन्य सुविधाएं मौजूद होती हैं। इसके अलावा टिकट के फेयर में ही भोजन व बे्रकफास्ट शामिल रहता है। इसके लिए भटकना नहीं होता।