वाराणसी (ब्यूरो)। बीएचयू की एक ब्लाइंड छात्रा से सरेराह छेडख़ानी को लेकर शुक्रवार और शनिवार को बीएचयू कैंपस का माहौल गरमाया रहा। आरोपी को बेल मिलने के बाद तो स्टूडेंट के विरोध-प्रदर्शन से कैंपस और सोशल मीडिया भी तपने लगा। वहीं, दूसरी ओर पहडिय़ा में पचास से अधिक लोगों ने सरेआम दो महिलाओं से मारपीट कर बुरी तरह से घायल कर दिया।
मूकदर्शक रही पुलिस
आरोपी पीडि़त महिला के घर में पत्थर की बरसात करते रहे और पुलिस मूकदर्शक बनी रहे। मसलन, ट्वीटर यूजर संतोष दिवेदी लिखते हैैं कि प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में महिलाओं से सामूहिक मारपीट यह दर्शाता है कि पुलिस की व्यवस्था नाकाफी है। परिस्थिति चाहे कोई भी क्यों न हो। खुलेआम महिलाओं पर लोग हमला कैसे कर सकते हैैं। आखिर कानून भी कोई चीज होती है। यूजर अनुराग लिखते हैैं कि यह तो बहुत दुखद घटना है। प्रशासन अपने कमियों को सुधार करे और लड़कियों व महिलाओं की सेफ्टी की गारंटी ले.
करप्शन की देन
फेसबुक पर सागर लिखते हैैं कि यह घटना पुलिस नहीं करप्शन की देन है। भ्रष्टाचार दिनों दिन सिस्टम में समाता जा रहा है। यूजर आशिष सिंह पुलिस पर सवाल खड़े करते हुए कहते हैैं कि पुलिस के लोग क्या मैसेज दे रहे हैैं ? न्याय के बजाए लोगों की परेशानी ही बढ़ती जा रही है। हालांकि, इस मामले में काफी किरकिरी होने पर वाराणसी डीसीपी के ट्वीटर हैैंडल से संबंधित थाने से जांच कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैैं।
जेल भेजने की मांग
बीएचयू में लिफ्ट दे कर ब्लाइंड छात्रा से छेडख़ानी व आरोपी के छोड़े जाने पर सैकड़ों छात्र-छात्राएं बीएचयू प्रशासन पर बिफर पड़े। शुक्रवार की देर रात गुस्साए स्टूडेंट्स वीसी लॉज के बाहर जुटे और बीएचयू प्रशासन होश में आओ के नारे लगाए व आरोपी को जेल में बंद करने की मांग करने लगे। फेसबुक पर राजीव लिखते हैैं कि हाल महीनों में छात्राओं से छेड़छाड़ की घटनाओं में इजाफा हुआ है। पुलिस या बीएचयू प्रशासन मामले को सुलझाने के बजाए, निबटाने में जुटा दिख रहा है। ब्लाइंड छात्रा से छेड़छाड़ के आरोपी को यूं ही छोड़ दिया जाता है। ऐसे ही चलता रहा तो किस विहाफ पर छात्राओं के सेफ्टी की बात कही जा रही है।
सुरक्षा से खिलवाड़
फेसबुक पर अनीता ने लिखा कि बीएचयू जैसे उच्च स्तरीय संस्थान में छात्राओं के साथ छोड़छाड़ की घटनाएं बता रही हैैं कि यहां सुरक्षा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। न्याय के नाम पर आरोपी को बेल दिया जा रहा है ? हो क्या रहा है ? फेसबुक पर तेजबहादुर ने लिखा कि पढ़ाई, लिखाई के बाद अब लड़कियों को अपने सुरक्षा का ख्याल भी खुल ही रखना पड़ेगा। जब तक आरोपी गिरफ्तार नहीं होता, तब तक आंदोलन किया जाएगा। ट्वीटर पर विकास का कहना था कि बीएचयू प्रशासन और लंका पुलिस को छात्राओं की सुरक्षा के मुद्दे को गंभीरता से लेनी चाहिए। क्योंकि ऐसी घटनाओं से बीएचयू और बनारस की साख को नुकसान पहुंचता है.