वाराणसी (ब्यूरो)13 नवंबर से 13 दिसंबर तक डायल-112 पर दो सौ से अधिक ध्वनि प्रदूषण की शिकायत पहुंची हैइससे अधिक शिकायतें स्थानीय थानों पर भी पहुंच रही हैंसबसे ज्यादा शिकायत सिगरा, अर्दली बाजार, पांडेयपुर, सिगरा, 'छोदरी, लंका, चौक एरिया से पहुंचती हैं.

केस-1

मंडुवाडीह चौराहे से लहरतारा रोड पर स्थित गौतम उपवन मैरेज लान में रात दस बजे के बाद तेज आवाज में लाउडस्पीकर बज रहा थापरेशानी होने पर स्थानीय वृद्ध महिला ने आपत्ति जताईइस पर सत्या फाउंडेशन के सचिव चेतन उपाध्याय ने मंडुवाडीह थानाध्यक्ष राजीव कुमार सिंह को सूचना दीथानाध्यक्ष के आदेश पर पहुंची पुलिस फोर्स ने सख्त कानूनी चेतावनी देते हुए लाउडस्पीकर को नियमानुसार शत-प्रतिशत स्विच ऑफ कराया

केस-2

लक्सा थाना अंतर्गत सूरजकुंड पोखरे के पास मंदिर में तेज आवाज में लाउडस्पीकर बजाया जा रहा थाइससे तमाम लोगों को परेशानी हो रही थीलोगों ने बंद करने का आग्रह किया, लेकिन कुछ नहीं हुआइसी बीच मस्तिष्क में सूजन की बीमारी से ग्रस्त महिला ने आपत्ति जताईसूचना मिलने पर लक्सा थानाध्यक्ष सूरज कुमार तिवारी के निर्देश पर पुलिस ने लाउडस्पीकर को बंद करा दिया

केस-3

बीएचयू ट्रामा सेंटर के सामने सोनकर बस्ती में डीजे की तेज आवाज से आसपास के लोगों की नींद खराब हो रही थीखासकर नवजात शिशु को परेशानी होने लगीइस एक परिवार ने सख्त आपत्ति जताईसूचना मिलने पर लंका पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं कीइस पर चेतन उपाध्याय ने इसकी शिकायत एडिशनल सीपी संतोष कुमार सिंह से कीइसके बाद एक्शन में आयी लंका थाने की पुलिस ने डीजे संचालक और कार्यक्रम आयोजकों को चेतावनी देते हुए डीजे को बलपूर्वक बंद कराया

22 दिन में 130 शिकायतें

ये तीन केस सिर्फ उदाहरण के लिए हैइस तरह की शिकायत हर दिन औसतन डायल-112 व कमिश्नरेट के सभी थानों पर पहुंच रही हैजबकि तीन गुना से अधिक ध्वनि प्रदूषण का मामला पुलिस के पास नहीं पहुंच रहा है

वेडिंग सीजन में ज्यादा शोर

शहर में सबसे ज्यादा लॉन और मैरिज हॉल महमूरगंज, कैंटोनमेंट, नाटी इमली, सिगरा, लंका, पांडेयपुर एरिया में हैंइन जगहों पर वेडिंग सीजन में रोजाना कई बारात एक साथ निकलते हैंइससे पूरे एरिया में शोर शराबा होता हैडीजे बैंडबाजा के साथ ही जमकर तेज आवाज वाले पटाखे बजते हैंजिससे लोगों को काफी दिक्कतें होती हैंडॉयल-112 पर दर्ज आंकड़ों की बात करें तो इस सीजन में यह संख्या तीन गुना बढ़ जाती है.

इस नंबर पर करें शिकायत

ध्वनि प्रदूषण संबंधी या किसी भी अन्य शिकायत को लिखकर यूपी 112 के नंबर 7570000100 पर व्हाट्सअप करेंअगर कोई शिकायतकर्ता अपनी पहचान गुप्त रखना चाहता है तो अंत में लिखे, कृपया मेरे नंबर, नाम और पहचान को गुप्त रखा जाये.

क्या है नियम

साउंड पॉल्यूशन से डिस्टर्बेंस की शिकायत मिलने पर तत्काल कार्रवाई की जाएगीतेज आवाज से परेशानी होने पर कोई भी यूपी डायल-112 नंबर पर शिकायत दर्ज करा सकता हैपुलिस रिस्पांस व्हीकल (पीआरवी) तत्काल मौके पर पहुंचेगीशोर-शराबा करने वाला अगर पुलिस के कहने पर शोर बंद कर देगा तो उसे चेतावनी देकर छोड़ दिया जाएगानहीं तो उसके खिलाफ थाना स्तर पर वैधानिक कार्रवाई की जाएगीसबसे पहले यूपी 112 की टीम वीडियो बनाएगी, इसके बाद कार्रवाई करेगी.

जेल भी हो सकती है

ध्वनि प्रदूषण को लेकर नियम सख्त हैंयदि इसमें पुलिस ने कार्रवाई करनी शुरू कर दी तो जेल जाने तक का भी प्रावधान हैयही नहीं जेल जाने के साथ-साथ जुर्माना भी लगाया जा सकता हैएडवोकेट अनूप चौबे ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 व ध्वनि प्रदूषण नियम 2000 के उल्लंघन पर पांच साल तक जेल या एक लाख रुपये तक का फाइन या दोनों हो सकते हैं.

एरिया वार ध्वनि प्रदूषण की स्थिति

70 डेसीबल रोडवेज

65 जामा मस्जिद

64 कचहरी

67 भोजूबीर तिराहा

58 दीनदयाल अस्पताल

68 पांडेयपुर

67 चौकाघाट

70 लहुरावीर

68 कबीरचौरा अस्पताल

69 मैदागिन

57 काशी विश्वनाथ मंदिर गेट-4

ध्वनि प्रदूषण के मानक

औद्योगिक क्षेत्र में दिन में 75 व रात में 70 डेसीबल का शोर मानक के अनुरूप हैआवासीय क्षेत्र में दिन में 55 तथा रात में 45 डेसीबल की ध्वनि का मानक होता हैशांत क्षेत्र में 45 डेसीबल होना चाहिए.

ज्यादा शोर का मनुष्य के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता हैयह हमारे तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है। 100 डेसिबल से ज्यादा आवाज सुनने की क्षमता को प्रभावित करती हैमानक से ज्यादा ध्वनि प्रदूषण दिमाग की कोशिका को प्रभावित करता हैज्यादा समय तक ध्वनि प्रदूषण में रहने वाले व्यक्ति को ऊंची आवाज में सुनने, चिड़चिड़ापन, नींद न आने जैसी समस्याएं होती हैं

डॉडीडी दुबे, फिजिशियन

रात दस बजे के बाद डीजे बजाने पर प्रतिबंध हैशिकायत मिलने पर त्वरित कार्रवाई की जाती हैमना करने पर भी अगर कोई नहीं मानता है तो मुकदमा दर्ज कराया जाएगाहालांकि शादी-विवाह के मौके पर आयोजकों को स्वविवेक का प्रयोग करना चाहिए

संतोष सिंह, एडिशनल सीपी