वाराणसी (ब्यूरो)। बिजली कर्मचारियों की हड़ताल खत्म हो गई है, लेकिन दिनभर लोगों को खूब दुश्वारियां झेलनी पड़ीं। तीसरे दिन रविवार को शहर के अधिकतर हिस्सों में घर से लेकर सड़क तक की लाइट गुल रही। पानी की एक बंूद-बूंद के लिए आम पब्लिक को तरसना पड़ा। पानी नहीं मिलने से कई घरों में एक टाइम का खाना भी नहीं बना। बिना पर्व ही सुबह गंगा स्नान करने वालों की संख्या कई गुना बढ़ गई। कई लोग बाल्टी व जार में गंगाजल भर घर ले गए। भदैनी, मैदागिन, शिवपुर, बेनियाबाग समेत कई जगहों पर पब्लिक ने प्रदर्शन किया। शहर में 20 हजार से अधिक पॉवर लुम बंद पड़े थे। पॉवर कट होने के चलते टै्रफिक सिंग्नल की लाइट फेल गई। सड़कों पर दो-चार ही ई-रिक्शा दौड़ रही थी। शहर में होने वाले कार्यक्रमों पर भी खासा असर पड़ा.
तीसरे दिन भी बिजली-पानी का संकट
वाराणसी में 64 घंटे से ज्यादा समय से बिजली कर्मियों की हड़ताल रही। इसके चलते शहर के अधिकतर हिस्सों में रविवार को भी बिजली-पानी का जबर्दस्त संकट दिखा। जनरेटर की मदद से कई नलकूपों से पानी की सप्लाई कराई, लेकिन यह व्यवस्था सिर्फ चार से पांच जगहों पर दिखी। कई इलाकों में हैंडपंप व कुएं पर पानी के लिए लंबी कतार भी लगी थी। घाट किनारे मुहल्लों में लोग गंगा में स्नान और पानी भरकर लाने को मजबूर हुए.
कई घरों में नहीं बना खाना
शहर के अधिकतर इलाकों में बिजली गुल होने से वाटर सप्लाई बाधित रही। पानी की एक बूंद-बूंद के लिए लोग तरस गए। पानी की किल्लत के चलते कई घरों में एक टाइम का खाना नहीं बना। होटल व रेस्टोरेंट से मंगाकर लोगों ने नाश्ता और खाना खाया। कई परिवारों ने होटल व रेस्टोरेंट में जाकर लंच किया.
पानी-बिजली के लिए सड़कों पर विरोध
बिजली-पानी संकट से लगातार दो दिन परेशान लोगों के सब्र का बांध टूट गया। अस्सी स्थित भदैनी उपकेंद्र के सामने लोगों ने चक्का-जाम किया है। अस्सी-गोदौलिया मार्ग बंद कर दिया गया है। वहीं, आदमपुर में पानी की कमी से जूझ रहीं महिलाओं ने सड़क पर आवागमन रोक दिया है। स्थानीय लोगों में गुस्सा काफी है। इसके अलावा मैदागिन, बेनियाबाग, आशापुर समेत कई जगहों पर पब्लिक ने प्रदर्शन किया। लोगों का कहना था कि सरकार व सरकारी कर्मचारियों के बीच की रार थी, लेकिन परेशान सिर्फ आम पब्लिक हुई। शासन में बैठ राजनेताओं व अधिकारियों के पास व्यवस्था पहुंच जाती है। इसलिए परेशानी क्या होती है, उन्हें नहीं मालूम होता।
पिकनिक स्पॉट पर जबर्दस्त भीड़
बिजली-पानी नहीं होने के कारण घरों की भीड़ नमो घाट, सारनाथ, अस्सी घाट समेत सभी पिकनिक स्पॉट उमड़ पड़ी। दोपहर से ही इन जगहों पर लोगों का आना शुरू हो गया था, जो शाम होते-होते ही जबर्दस्त भीड़ में तब्दील हो गई। रात आठ बजे अस्सी घाट पर पैर रखने तक की जगह नहीं थी। भीड़ को नियंत्रित करने में पुलिस के पसीने छूट गए.
हड़ताल खत्म की खबर से मिली राहत
शहर के लोगों को जैसे ही जानकारी हुई कि लखनऊ में ऊर्जा मंत्री की मध्यस्ता के चलते बिजली कर्मचारियों ने हड़ताल को खत्म कर दिया है। वैसे ही शहर के लोगों ने राहत की सांस ली। सोशल मीडिया पर भी एक-दूसरे को मैसेज देने की बाढ़ आ गई। इसके बाद शहर में धीरे-धीरे बिजली-पानी संकट को दूर करने की कवायद शुरू हो गई। करीब 70 फीसद इलाकों में बिजली की सप्लाई शुरू हो गई.
हड़ताल समाप्त हो गई है। ऐसे में विभाग के कर्मचारियों की मदद से जहां भी समस्या उत्पन्न हुई थी, वहां पर व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए फौरिया तौर पर प्रयास जारी कर दिया गया है.
अनूप सक्सेना, अधीक्षण अभियंता, सर्किल प्रथम
बिजली हड़ताल को ध्यान में रखते हुए जलकल की तरफ से जलापूर्ति के लिए एहतियात बरती गई है। इस दौरान वैकल्पिक रास्ते को भी अपनाते हुए लोगों को पानी उपलब्ध कराया गया.
सिद्धार्थ कुमार, सचिव, जलकल