वाराणसी (ब्यूरो)। पूर्वांचल की थोक सराफा मंडी सुडिय़ा की दुकानेंं भले ही सोना-चांदी के नाम से चमकती हों लेकिन यहां भी समस्याएं कम नहीं हैं। करोड़ों की मंडी में सुविधाओं का टोटा है। पहले इस मंडी में सिर्फ सोना-चांदी का ही कारोबार होता था। अब ठेले-खोमचे वाले भी गलियों में दुकान लगाने लगे हैं। इसके चलते संकरी गलियों में आवागमन प्रभावित होता है। बीच रास्ते में ही लोग वाहनों को खड़ा करके लोग चले जाते है। सराफा कारोबारियों ने कई बार संबंधित विभागों से फरियाद की है मगर कोई सुनवाई नहीं होती.
उबड़-खाबड़ रास्ता बने पहचान
कहने को सुडिय़ा में प्रतिदिन करोड़ों का कारोबार होता हैे और बड़ा राजस्व सरकार को जाता है लेकिन सुविधाएं बाजार में बिल्कुल नहीं हंै। जगह-जगह सीवर ओपरफ्लो से कारोबारी परेशान हैं। बाजार पार्किंग की समस्या से भी जूझ रहा है। यूरिनल न होने से भी काफी दिक्कतें होती हैं। कारोबारियों का कहना है कि काशी को स्मार्ट सिटी का दर्जा जरूर मिल गया लेकिन शहर की मंडियों की व्यवस्था खस्ताहाल है।
सुरक्षा को भी खतरा
सुडिय़ा के सराफा कारोबारियों का कहना है कि पहले यहां सिर्फ सराफा की दुकानें थीं। अब ठेला-खोमचा वाले अतिकरमण कर रहे हैं। इनकी इन्क्वायरी करने वाला भी कोई नहीं है। ऐसे में सुरक्षा को लेकर भी कारोबारी चिंतित हैं। लक्खी चबूतरा, रानी कुआं, रेशम कटरा में भी यही हाल है.
इस पुराने और खास बाजार में पार्किंग समेत अन्य व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि कारोबार बढ़े.
शैलेष वर्मा, महामंत्री उप्र स्वर्णकार संघ
गलियां बुरी तरह से टूटी-फूटी हंै। इनकी मरम्मत होनी चाहिए, क्योंकि आए दिन लोग घायल होते रहते हैं.
अमित सोनी, कोषाध्यक्ष
सुडिय़ा में जितने भी ठेले व खोमचे वाले हैं, उन्हें यहां से पुलिस वालों को हटाना चाहिए, जिससे यातायात ठीक हो.
धनंजय कुमार, दुकानदार
सुडिय़ा में पुलिस जवानों को तैनात करना चाहिए। पिछले छह महीने से यहां कोई सुरक्षा इंतजाम नहीं है.
गणेश सोनी, सूचना मंत्री
सोने-चांदी की मंडी में सुरक्षा-व्यवस्था जरूरी है। इसको देखते हुए सीसीटीवी कैमरा यहां पर लगाया जाएं.
मोहित माहिती, अध्यक्ष, स्वर्ण शिल्पी संघ