वाराणसी (ब्यूरो)। शहर के लगभग सभी चौराहों के साथ सड़कों पर जगह-जगह लगे सर्विलांस कैमरे पुलिस के लिए मददगार साबित हो रहे हैं। कैमरे में कैद फुटेज की मदद से वाराणसी पुलिस अधिकतर मामलों का खुलासा करने में सफल हो रही है। कैमरों के चलते किसी तरह का अपराध पुलिस की नजरों से ओझल नहीं हो पा रहा है। यही वजह है कि सड़क और बाजार में सरेराह बड़ी या छोटी वारदात में कमी आई है। इसी के मद्देनजर अब पुलिस के टारगेट में गली, मुहल्ले और कॉलोनियां हंै। इन जगहों पर होने वाली वारदात पर अंकुश लगाने के लिए सिटी कमांड सेंटर से गली, मुहल्ले और कॉलोनी में लगे निजी कैमरों को भी कनेक्ट किया जाएगा, ताकि अपराध में अब कोई भी होने वाली गतिविधियों को पुलिस की नजर अपनी पकड़ में ले सके। कैमरे लगने से व्यापारी तो सुरक्षित होंगे ही, क्षेत्र में अपराधियों के साथ शरारती तत्वों पर भी नजर रखी जा सकेगी.
कमांड सेंटर से जुड़ेंगे पांच हजार कैमरे
कॉलोनी, घर व दुकानों के बाहर व गलियों में लगे निजी कैमरों इंटीग्रेटेड कंट्रोल सेंटर से जोड़े जाएंगे। इसकी पहल स्मार्ट सिटी की तरफ से की गई है। इससे सुरक्षा व्यवस्था और चाक-चौबंद होगी। शहर में 5000 से अधिक कैमरे लगे हैं। अभी कंट्रोल कमांड सेंटर से स्मार्ट सिटी की तरफ से लगाए गए 2700 कैमरे जुड़े हैं। शहर के इंट्री प्वाइंट पर भी कैमरे लगेंगे.
विशेषज्ञों की मदद
नगर आयुक्त के अनुसार निजी कैमरों को कमांड सेंटर से जोडऩे के लिए विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है। सभी कैमरे डाटा सेंटर से ऑपरेट होंगे। जो स्थान बच जाएंगे, वहां नए कैमरे लगाए जाएंगे। इनमें बुलेट, 360 डिग्री एनपीआर कैमरे शामिल रहेंगे। इससे पुलिस का काम आसान होगा। हर तरह की गतिविधियों पर निगाह रखी जा सकेगी। इसका नियंत्रण पुलिस और प्रशासन के पास होगा.
ऑपरेशन दृष्टि के तहत लग रहे कैमरे
इधर कमिश्नरेट पुलिस ने अपराधियों की धरपकड़ और हर संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखने को ऑपरेशन दृष्टि शुरू किया है। इसके तहत बाजारों और घरों के बाहर आम लोगों द्वारा लगवाए गए सीसीटीवी कैमरों को भी नगर निगम स्थित कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से जोड़ा जाएगा। इसके अलावा जहां जरूरत होगी, पुलिस वहां पीपीपी मॉडल के तहत सीसी कैमरे लगवाएगी या उनकी गुणवत्ता को और उन्नत करेगी। ऑपरेशन दृष्टि के तहत प्रमुख बाजारों में व्यापारियों की तरफ से करीब 500 सीसी कैमरों का इंतजाम किया गया है। करीब 800 बैंक एटीएम में बाहर की ओर सीसी कैमरे लगे हैं। इनके अलावा करीब तीन हजार से अधिक ऐसे सीसीटीवी कैमरे हैं, जो लोगों ने अपने घरों के बाहर लगवाए हैं.
अगले चरण में अस्पताल व नर्सिंग होम
निजी कैमरों के साथ सभी अस्पताल और चिकित्सा संस्थानों में लगे सीसीटीवी कैमरे स्मार्ट सिटी के कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम से जोड़े जाएंगे। शहर के सभी अस्पतालों, में लगे कैमरों को कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम से जुडऩे की प्रक्रिया चल रही है। अस्पतालों के बाद नर्सिंग होम, क्लीनिक, पैथलाजी लैब्स में लगे सीसीटीवी कैमरों को कमांड सेंटर से लिंक कराया जाएगा.
शहर के हर मूवमेंट पर नजर रखने के लिए कैमरों की मदद ली जाएगी। ऑपरेशन दृष्टि के तहत बाजारों के अलावा महत्वपूर्ण जगहों पर पीपीपी मॉडल पर कैमरे लगवाए जा रहे हैं। ये कैमरे सिटी कमांड सेंटर से कनेक्ट होंगे, जो अपराध रोकने और हर गतिविधियों पर नजर रखने में मदद करेगी.
आरएस गौतम, डीसीपी काशी जोन
निजी कैमरों को कमांड सेंटर से जोडऩे के लिए विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है। सभी कैमरे डाटा सेंटर से ऑपरेट होंगे, जो स्थान बच जाएंगे, वहां नए कैमरे लगाए जाएंगे.
शिपू गिरी, नगर आयुक्त