-नेशनल हाईवे और रिंग रोड के फोर लेन निर्माण योजना का राष्ट्रपति ने किया शुभारंभ

-बनारस के विकास के लिए महत्वपूर्ण योजना के तहत 3473 रुपये की लागत से 170 किमी रोड का होगा निर्माण

VARANASI

भारत का राष्ट्रपति बनने के बाद पहली बार बनारस आए रामनाथ कोविंद ने इस शहर को दिल खोलकर सौगात दिया। इसके साथ ही विकास का रास्ता खोल दिया। उन्होंने नेशनल हाईवे की तीन और वाराणसी रिंग रोड की दो महत्वपूर्ण योजना की शुभारंभ किया। इन योजनाओं के तहत नेशनल हाईवे पर बनारस से हनुमना तक चार लेन चौड़ीकरण और विस्तार शामिल है। वहीं वाराणसी रिंग रोड पर फोर लेन का निर्माण शामिल है। मार्ग निर्माण से बनारस के विकास में गति आएगी। साथ ही इस क्षेत्र का जुड़ाव देश से और बेहतर हो सकेगा।

कई चरण में होगा काम

बड़ालालपुर स्थित पं.दीनदयाल उपाध्याय हस्तशिल्प संकुल में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नेशनल हाईवे अथारिटी आफ इंडिया की महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत किया। इनकी लागत 3473 करोड़ रुपये। बेहत महत्वपूर्ण योजनाओं में नेशनल हाईवे 7 पर बनारस से मध्य प्रदेश के हनुमान तक रोड का चौड़ीकरण और उन्नयन शामिल है।

तीन चरण की योजना का लाभ बनारस के साथ मिर्जापुर और सोनभद्र को भी मिलेगा।

15.100 से बढ़ाकर 49.100 किमी तक सड़क बनायी जाएगी पहले चरण में

-49.100 से 96.800 किमी लम्बी सड़क का निर्माण होगा दूसरे चरण में। -96.800 से 140.165 किसी लम्बी सड़क बनेगी पैकेज तीन में।

125.165 किमी लम्बी सड़क का होगा कुल निर्माण

2118 रुपये आएगी सड़क निर्माण में लागत

शहर जुड़ेगा कई सड़कों से

बनारस को कई देश की कई महत्वपूर्ण सड़कों से जोड़ने वाली रिंग रोड योजना का भी प्रेसिडेंट ने शुभारंभ किया। इसके तहत फोर लेन सड़क का निर्माण होगा। बनारस के विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण माने जाने वाले रिंग रोड के फोन लेन चौड़ीकरण को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यह कार्य दो चरण में पूरा होगा।

16.400 किमी रोड फोर लेन बनेगी पहले चरण में

30.600 से 57.320 किमी फोर लेन बनेगा दूसरे चरण में

44.25 किमी कुल सड़क का होगी फोर लेन

1355 करोड़ आएगी कुल लागत योजना की

मिलेगा काफी लाभ

जिन सड़क योजना का शुभारंभ प्रेसिडेंट ने किया वो बनारस के साथ ही आसपास के जिलों के विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं। माल ढुलाई से लेकर पब्लिक ट्रांसपोर्ट बढ़ेगा इनके निर्माण से जिसका आर्थिक लाभ इनके किनारे बसे शहरों को मिलेगा। बनारस जिस तरह रेल और जल मार्ग के जरिये देश के दूसरे हिस्सों से जुड़ता जा रहा है उसके मुताबिक सड़कें बेहद फायदेमंद साबित होगीं।