वाराणसी (ब्यूरो)। वीडियो कॉल पर बेटी श्रुति से मां कविता पूछ रही थीं, ठीक हो तुम कि तभी सायरन बज गया और मोबाइल बंद हो गया। कविता वाराणसी में हैं और बेटी यूक्रेन में फंसी है। इसके बाद कविता बोलीं, बेटी अभी बात कर रही थी, लेकिन उसके जवाब देने से पहले ही सायरन बजा और वह मोबाइल बंद कर बिल्ंिडग के अंदर बने बंकर में चली गई।
बेटी का पता नहीं क्या होगा
अब कविता इस चिंता में हैं कि आखिर श्रुति का क्या होगा? यह मार्मिक दृश्य देखकर किसी का भी मन विचलित हो सकता है। वाराणसी की सिगरा में रहने वाली शिक्षिका कविता दत्त त्रिपाठी ने बताया कि बेटी मेडिकल थर्ड ईयर की स्टूडेंट है। कुछ ऐसा ही हाल भगवानपुर निवासी रविशंकर पांडेय के परिजनों का भी है। बच्चों की हर पल की खबर जानने के लिए परिजन भारतीय दूतावास से संपर्क बनाए हैं, लेकिन अभी तक उन्हें आश्वासनों के अलावा कुछ भी हासिल नहीं हो सका है।
हर किसी से मदद की गुहार
श्रुति त्रिपाठी के भाई धर्मशील त्रिपाठी ने बताया कि अब तक वे विदेश मंत्रालय और पीएमओ कार्यालय को पत्र लिख चुके हैं। विदेश मंत्रालय के हेल्पलाइन नंबर पर धर्मशील ने बात की तो आश्वासन मिला कि भारत सरकार हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन स्थानीय स्तर पर अभी परिजनों को कुछ भी पता नहीं चल पा रहा है।
डर के साये में जी रहे परिजन
शुक्रवार को श्रुति ने वीडियो कॉल के जरिए परिजनों को बताया कि वह हॉस्टल की जिस बिल्डिंग में रह रही है, वहीं एक बंकर बना है। जब भी सायरन की आवाज आती है तो बिल्डिंग में फंसे लगभग 35 बच्चे जान बचाने के लिए बंकर में घुस जाते हैं। बंकर में घुसने के बाद मोबाइल भी काम करना बंद कर देता है.
विनिस्टा में फंसा है अमित
भगवानपुर के रविशंकर पांडेय ने बताया कि भतीजा अमित पांडेय अभी वहीं फंसा है। अमित जिनके माध्यम से चंडीगढ से गया था, उन लोगों ने फंसे हुए लोगों को चार्टड प्लेन से वापस लाने की व्यवस्था की थी, लेकिन वहां नो फ्लाइट घोषित होने के कारण अब सभी वहीं फंसे हैं। विनिस्टा में फंसे अमित के लिए उसके परिजन लगातार प्रयास में जुटे हैं।
एक दिन पहले एक विद्यार्थी की व्हाट्सएप वीडियो मिली थी। भारत सरकार को जानकारी दे दी गई है। इसके अलावा कोई जानकारी सामने नहीं आई है। यदि आएगी तो तत्काल इसकी सूचना सरकार को देकर हरसंभव प्रयास किया जाएगा.
कौशल राम शर्मा, डीएम