वाराणसी (ब्यूरो)। बनारस की आबोहवा को दिवाली की रात पटाखों ने बिगाड़ दिया। शहर के भीड़भाड़ वाले इलाकों में दिवाली की रात एयर क्वालिटी इंडेक्स सामान्य ही था। हालांकि प्रदूषण का सबसे बड़ा केंद्र शहर का मध्य हिस्सा था जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स का लेवल खतरनाक स्तर तक पहुंच गया था। इसके चलते दूसरे दिन दमा के रोगियों की संख्या हास्पिटलों में बढ़ गयी। ओपीडी में डाक्टर दमा के रोगियों को ही देखने में समय बीत गया.
200 के नीचे एक्यूआई
पाल्यूशन डिपार्टमेंट के अधिकारियों का कहना है कि पाल्यूशन का ज्यादा दिन तक इसका प्रभाव नहीं दिखेगा। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार दीपावली की रात शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) औसतन 174 रहा। यानि 200 के नीचे एक्यूआई होने से सांस लेने में दिक्कत होती है। साथ ही यह स्तर फेफड़ों की समस्या से जूझ रहे पीडि़तों के लिए भी हानिकारक रहा। शनिवार की रात सबसे प्रदूषित एरिया बीएचयू रहा जहां एक्यूआई 154 दर्ज किया गया। इसके बाद भेलूपुर क्षेत्र सर्वाधिक प्रदूषित रहा। यहां का एक्यूआई 142 दर्ज किया गया। मलदहिया और अर्दली बाजार क्षेत्र का एक्यूआई क्रमश: 117 व 111 रहा.
पटाखों ने बढ़ाई दिक्कत
डाक्टरों का कहना है कि दिवाली की रात इतना अधिक पटाखेबाजी हुई है कि दमा और फेफड़े के रोगियों को सांस लेना मुश्किल हो गया। कई पेशेंट की आधी रात तबीयत बिगडऩे पर फोन आना शुरू हो गया था। दूसरे दिन सुबह उनको बुलाया गया और प्रॉपर तरीके से ट्रीटमेंट दिया गया। लोगों ने पटाखा भी रातभर बजाया इसके चलते शहर की हवा प्रदूषित हो गई.
200 मरीज दमा के
पं। दीनदयाल और मंडलीय अस्पताल कबीरचौरा में दो सौ से अधिक दमा के मरीज आए। शहर में प्रदूषण बढऩे की वजह से उनको सांस लेने में काफी दिक्कत हो रही थी। कई तो पैदन चलने में हांफने लग रहे थे। ऐसे मरीज भी जिन्हें फेफड़े में दिक्कत थी। ऐसे मरीजों को मास्क लगाने की सलाह दी गई। साथ ही दवा हमेशा अपने रखने को कहा गया, जहां भी दम घुटे वह दवा का सेवन कर लें.
बीएचयू जैसे क्षेत्र में प्रदूषण
दिवाली रात हरियाली और पेड़ों से हराभरा रहने वाले काशी हिंदू विश्वविद्यालय का भी प्रदूषण स्तर बढ़ गया जो चिंता का विषय है.काशी हिंदू विश्वविद्यालय का एयर क्वालिटी इंडेक्स 176 रिकॉर्ड किया गया है। जो आम दिनों की अपेक्षा काफी अधिक रहा। पाल्यूशन डिपार्टमेंट अधिकारियों का कहना है दो से तीन दिन के अंदर पाल्यूशन कंट्रोल हो जाएगा.
मास्क का प्रयोग करें
जानकारों की मानें तो आने वाले कुछ दिनों में शहरी क्षेत्र का प्रदूषण स्तर और भी गंभीर हो सकता है। ऐसे में सभी लोगों को अपने स्वास्थ्य को लेकर बेहद सतर्क रहने की आवश्यकता है। शहरी क्षेत्र में निकलते समय अच्छे मास्क का प्रयोग करें। आसपास के क्षेत्र में भी चारों तरफ धुंध छायी रही। वायु प्रदूषण के कारण विजुअलटी भी कम हो गयी है। इसके चलते दमा मरीजों को दिक्कत हो सकती है।
दो से तीन दिन के अंदर पॉल्यूशन कंट्रोल हो जाएगा। दिवाली की रात अधिक पटाखे बजने की वजह से ऐसा हुआ.
एससी शुक्ला, क्षेत्रीय अधिकारी, पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड
वातावरण में प्रदूषण बढऩे की वजह से दो दिन के अंदर अस्पतालों में दमा और फेफड़े के रोगियों की संख्या बढ़ गई है.
डॉ। आरके सिंह, सीएमएस, पं। दीनदयाल अस्पताल