वाराणसी (ब्यूरो)। काशी धर्म के साथ शिक्षा की भी हब मानी जाती है। यहां कुल चार यूनिवसिर्टी हैं जिनसे आसपास के जिलों के कॉलेज भी जुड़े हुए हैं। लेकिन इस समय यहां की यूनिवर्सिटी व कॉलेज में छात्रसंघ चुनाव की मांग को लेकर राजनीति की ऐसी जिच मची है कि सभी बस उसी में उलझकर रह गए हैं। कहीं क्लास नहीं चलने दी जा रही है तो कहीं गेट पर ताला जड़ दिया जा रहा है। कहीं आठ दिन से धरना चल रहा है तो कहीं ये चेतावनी दी जा रही है कि चुनाव नहीं तो कुछ भी नहीं.
शहर में चार यूनिवर्सिटी
बनारस में काशी हिंदू विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, संपूर्णानंद संस्कृत यूनिवर्सिटी व केंद्रीय उच्च तिब्बती संस्थान समेत कुल चार यूनिवर्सिटी हैं। इसके अलावा शहर में दो दर्जन से अधिक कॉलेज हैं। इनमें से बीएचयू व तिब्बती संस्थान में छात्र संघ चुनाव होते ही नहीं हैं। शेष में एडमिनिस्ट्रेशन के लाख प्रयास के बाद भी पढ़ाई का माहौल ही नहीं बन पा रहा है.
क्यों नहीं घोषित कर रहे डेट
काशी विद्यापीठ में पिछले सात दिनों से धरना चल रहा है। कई छात्रनेता व सर्मथक प्रशासनिक भवन के सामने खुले में धरना दे रहे हैैं। धरनारत आनंद ने बताया कि जनवरी में ही चुनाव हो जाना था। लेकिन, प्रशासन इलेक्शन की डेट्स को टरकाए जा रहा है। यदि समय पर इलेक्शन हो जाता तो हमें धरना-प्रदर्शन देने की नौबत ही क्यों आती। अभिषेक का कहना है कि विवि प्रशासन यदि समय से इलेक्शन करा दे तो आधे से अधिक गतिरोध तो अपने आप ही खत्म हो जाएंगे। यूनिवर्सिटी के गंगापुर कैंपस का भी यही हाल है.
मचल रही चुनाव की मांग
मैदागिन स्थित हरिश्ंचद्र पीजी कॉलेज में भी एडमिनिस्ट्रेशन के लाख प्रयास के बाद भी पठन-पाठन का माहौल नहीं बन पा रहा है। यहां के छात्र बताते हैं कि इस समय यूपी के राजनीति के कई बड़े चेहरे यहीं से राजनीति का ककहरा सीख कर निकले हैं। इसके बावजूद यहां का एडमिनिस्ट्रेशन चुनाव को लेकर गंभीर नहीं है। यदि समय पर चुनाव हो जाते तो सबकुछ पटरी पर आ गया होता, लेकिन जानबूझकर कॉलेज प्रशासन मामले को टाल रहा है। इसी को लेकर बीते सोमवार को कॉलेज में प्रदर्शन किया गया था.
यूपी कॉलेज में भी घमासान
यूपी कॉलेज में भी चुनाव को लेकर माहौल गर्म है। अभी तीन चार दिन पहले ही छात्रों ने कॉलेज का गेट बंद कर धरना प्रदर्शन किया था। तब कॉलेज प्रशासन ने जल्द ही डेट घोषित करने का आश्वासन देकर छात्रों को शांत कराया था, लेकिन छात्रों का कहना है कि कॉलेज प्रशासन हाल फिलहाल चुनाव कराने के मूड में नहीं दिख रहा है। इससे कॉलेज में फिर चुनाव को लेकर छात्र आंदोलन का मूड बना रहे हैं.
हमारा संघर्ष पठन-पाठन और सविधाओं के बढ़ाए जाने के लिए है। यहां विवि अपने रवैये पर अड़ा है और स्टूडेंट इलेक्शन की डेट को घोषित नहीं किया जा रहा है। आखिर पहले भी तो छात्रसंघ के चुनाव होते थे.
आशीष कुमार मौर्य, छात्रनेता, विद्यापीठ
पिछले साल भी विवि प्रशासन ने चुनाव को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई थी। इस बार भी एक के बाद एक डेट का आश्वासन दिया जा रहा है। डेट घोषित होने तक छात्र आंदोलन जारी रहेगा।
संदीप यादव, छात्रनेता, विद्यापीठ
प्रशासन के आश्वासन का जूस और धैर्य की खिचड़ी खाकर थक चुके हैैं। हमारी मांग है जल्द से जल्द इलेक्शन की डेट दी जाए। चुनाव को टालने से विवि की कई गविविधयां प्रभावित हो रही हैैं.
दिव्यांश सिंह, छात्रनेता, विद्यापीठ
समय पर छात्रसंघ इलेक्शन संपन्न होना चाहिए। इसके बाद सभी स्टूडेंट व पदाधिकारी अध्ययन व तैयारी में जुट जाते। इधर, इलेक्शन की डेट नहीं जारी होने से कफ्यूंजन की स्थिति बनी हुई है।
अभय यादव, छात्रनेता, हरिश्चंद्रा पीजी कॉलेज
ऐसा लगता है कि कॉलेज प्रशासन जान-बुझकर अकारण ही लेट कर रहा है। समय से इलेक्शन होने से कैंपस की सभी एक्टिविटिज को राइट टाइम पर किया जा सकता है।
रोहित तिवारी, छात्रनेता, यूपी कॉलेज
जिला प्रशासन से पुलिस फोर्स की स्वीकृति मिलते ही चुनाव की तिथियों का एलान कर दिया जाएगा। बेहतर होता की धरनारत छात्र पठन-पाठन में सहयोग करें.
पीतांबर दास, चुनाव अधिकारी, काशी विद्यापीठ