वाराणसी (ब्यूरो)। वरुणा जोन के मंडुवाडीह एरिया का संजय सिंह कमिश्नरेट पुलिस की सूची में हिस्ट्रीशीटर है, लेकिन इनकी लोकेशन नहीं मिल रही। इसी तरह काशी जोन में भेलूपुर के रहने वाले नाटे यादव और गोमती जोन में मटरू राजभर की उपस्थिति मौजूदा पता पर नहीं मिल रही। यह तीन नहीं, बल्कि लगभग 260 हिस्ट्रीशीटर ऐसे हैं, जिनके बारे में पुलिस को कोई ठोस जानकारी नहीं है। ऐसे लोग चुनाव में खलल डाल सकते हैं। थानावार ऐसे हिस्ट्रीशीटरों के बारे में रिश्तेदार-नातेदारों से संपर्क कर जानकारी की जा रही है। पुलिस की बार-बार चेकिंग-पूछताछ और क्षेत्र में होने वाली घटना में धरपकड़ के डर से कुछ हिस्ट्रीशीटरों ने अपने परिवारों के साथ शहर और स्टेट ही बदल दिया है। फरार या लोकेशन की जानकारी नहीं मिलने वाले हिस्ट्रीशीटरों की सबसे ज्यादा संख्या 34 कैंट सर्किल में है।
वाराणसी में सात मई से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो रही है। इसके साथ ही चुनावी प्रक्रिया जोर पकड़ेगी। चुनावी माहौल में हिस्ट्रीशीटरों की नियमित निगरानी न होना कमिश्नरेट की कानून व्यवस्था के लिए चुनौती खड़ी कर सकता है। मौजूदा समय में कमिश्नरेट के 1504 हिस्ट्रीशीटरों में से 278 हिस्ट्रीशीटर ऐसे हैं, जिनके बारे में पुलिस को कोई ठोस जानकारी नहीं है। हिस्ट्रीशीटरों की नियमित निगरानी न होने से हाल के दिनों में शांति और कानून व्यवस्था के लिहाज से दुष्परिणाम भी देखने को मिले हैं.
हिस्ट्रीशीटर ने की हिस्ट्रीशीटर की हत्या
मंडुवाडीह थाना क्षेत्र के जलालीपट्टी नई बस्ती में गत 21 मार्च की रात हिस्ट्रीशीटर सोनू यादव की हत्या गोली मार कर की गई थी। वारदात को अंजाम देने में एक अन्य हिस्ट्रीशीटर रवि पटेल उर्फ वीरू की अहम भूमिका रही। पुलिस अफसरों के सामने स्थानीय लोगों का कहना था कि दोनों हिस्ट्रीशीटर की नियमित निगरानी न होने की वजह से आपसी रंजिश और वर्चस्व की लड़ाई में वारदात को अंजाम दिया गया.
असलहा लेकर घूम रहा हिस्ट्रीशीटर पकड़ा गया
रोहनिया थाने का हिस्ट्रीशीटर गंगापुर निवासी बबलू खान लोगों को अर्दब में लेने के लिए तमंचा खोस कर घूम रहा था। इसकी सूचना पाकर गत 22 मार्च को रोहनिया थाने की पुलिस ने उसे करमुल्ला चौराहा, गंगापुर से गिरफ्तार किया था.
जमीन खाली करने के लिए हिस्ट्रीशीटर ने धमकाया
तुलसीपुर इलाके में जमीन खरीदकर सोहन सोनकर ने जमीन खरीद कर कब्जा लिया। हिस्ट्रीशीटर सतीश सोनकर सोहन सोनकर को अकारण ही फोन कर धमकाने लगा और जमीन खाली करने को कहा था। सोहन की शिकायत पर सतीश के खिलाफ भेलूपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया.
कोतवाली ने सर्वाधिक पकड़े
वाराणसी के काशी जोन में हिस्ट्रीशीटरों की संख्या सबसे ज्यादा 837 है, जिसमें 155 जेल में हैं। जोन के कोतवाली थाना में सबसे ज्यादा 115 हिस्ट्रीशीटर हैं, जो पूरे जनपद में सबसे अधिक हैं, लेकिन यहां की पुलिस ने सबसे ज्यादा कुल 34 हिस्ट्रीशीटरों को पकड़कर जेल भेजा है। उधर, वाराणसी कमिश्नरेट के अंतर्गत कुल 28 थाना है। एक भी थाना क्षेत्र ऐसा नहीं है, जहां हिस्ट्रीशीटर नहीं हैं। फरार हिस्ट्रीशीटरों की सबसे ज्यादा संख्या चोलापुर थाना क्षेत्र में 87 है। दूसरे नंबर पर कोतवाली-भेलूपुर और तीसरे नंबर पर आदमपुर थाना है.
सभी एसएचओ को निर्देश हैं कि हिस्ट्रीशीटरों की नियमित निगरानी में लापरवाही कतई न बरती जाए। इसकी निगरानी भी एसीपी द्वारा की जा रही है। एसएचओ को उनके थाना क्षेत्र के हिस्ट्रीशीटरों की गतिविधियों की जानकारी होनी चाहिए। इसके बावजूद यदि निगरानी में लापरवाही उजागर होगी तो संबंधित के खिलाफ एक्शन भी लिया जाएगा।
मोहित अग्रवाल, पुलिस कमिश्नर