-प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास ने भी लिया तैयारी का जायजा, दिए सुझाव

-कार्यक्रम में लाभार्थियों को नहीं हो कोई परेशानी, दी वार्निग

-सुरक्षा के दृष्टि से एसपीजी ने पांच की बजाए चार गेट को दी स्वीकृति

VARANASI

पीएम नरेंद्र मोदी के डीएलडब्ल्यू में जन संवाद कार्यक्रम में किसी प्रकार की कोई कमी न रह जाए, इसके लिए प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास अनुराग श्रीवास्तव ने शुक्रवार को इंस्पेक्शन दिया। इस दौरान उन्होंने पंडाल में आरक्षित उन ब्लॉकों को भी देखा जिसमें पीएम आवास समेत अन्य लाभार्थियों को बैठने का इंतजाम किया जा रहा है। वहीं एसपीजी ने सुरक्षा के नजरिये से डीएलडब्ल्यू मैदान में बन रहे पंडाल के एंट्री प्वॉइंट्स की संख्या घटा दी है। जहां पहले पांच गेट बन रहे थे तो वहीं एसपीजी ने सिर्फ चार गेट की ही स्वीकृति दी है।

लाभार्थियों को बुलावा

प्रमुख सचिव ने मौके पर उपस्थित ऑफिसर्स को वार्निग दी कि संवाद प्रोग्राम में शामिल होने वाले लाभार्थियों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। प्रस्तावित इंतजाम को अंतिम समय तक परखें और खामियों को दूर करें। बताया कि डीएलडब्ल्यू मैदान में पीएम आवास से लाभान्वित करीब 15 सौ लाभार्थियों को बुलाया गया है। इसके अलावा उज्ज्वला, जनधन समेत अन्य जनकल्याणकारी योजनाओं में लाभार्थियों को भी बुलाया गया है। ऐसे सभी लाभार्थियों की संख्या करीब सात हजार हो सकती है। डीएलडब्ल्यू ग्राउंड में महिलाओं के साथ पीएम का होने वाले संवाद कार्यक्रम की तैयारी पूर्ण करने के लिए लोक निर्माण विभाग की ओर से कार्यदायी कंपनी को जरूरी निर्देश दिए गए हैं। जिसके तहत सबसे अहम है कि समय पर कार्य पूरा करना। इसके लिए मजदूरों की संख्या दो गुना करने के लिए एजेंसी को आदेशित किया गया है।

फायर प्रूफ बन रहा पंडाल

पीएम के लिए बन रहे मंच और उसके ऊपर व महिलाओं के बैठने वाले स्थल पर लगने वाला फायर प्रूफ जर्मन हेंगर को आकार देना शुरू कर दिया गया है। मंच के पश्चिम तरफ बनाए जा रहे कचरा महोत्सव के लिए पंडाल लगाया गया है जिसमें कचरा प्रसंस्करण की अत्याधुनिक तकनीकी की विकसित विधियों की प्रदर्शनी और स्टाल लगाए जाएंगे।

ताकि न घटे कोई घटना

पिछली बार डीएलडब्ल्यू में हुए कार्यक्रम में करेंट से एक मजदूर की हुई मौत से सबक लेकर पूरे ग्राउंड में फैलाए गए केबल को प्लास्टिक की पाइप के जरिये भूमिगत किया जा रहा है। डीरेका परिसर के उन सभी रास्तों पर झुके हुए पेड़ों की डालियों की कटाई-छंटाई की जा रही है।