वाराणसी (ब्यूरो)। पीएम मोदी के हाथों 23 फरवरी को एक बार फिर वाराणसी में सौगातों की बारिश होगी। काशी से इस बार 14,316 करोड़ की कुल 36 परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास होगा। इसमें 10 हजार करोड़ की परियोजनाओं का लाभ सीधे बनारस के लोगों को मिलेगा। इसमें पांच ऐसी शिलान्यास होने वाली परियोजनाएं हैं, जिसके पूरा होने से बनारस की ताकत का अहसास होगा। मानसिक चिकित्सालय परिसर में 420 बेड क्षमता वाला मेडिकल कालेज बनने जा रहा है। इसका सीधा लाभ वाराणसी के लोगों को ही नहीं, बल्कि पूर्वांचल व बिहार को मिलेगा। वाराणसी-रांची कोलकाता एक्सप्रेस-वे बनने से छह घंटे की बचत होगी। अभी तक वाराणसी से कोलकाता जाने में करीब 15 घंटे लगते हैं। भविष्य में यह दूरी तय करने में 9 घंटे ही लगेंगे। करखियांव में बीएचईएल की ओर से स्थापित की जाने वाली एडवांस्ड रिसर्च एंड मैन्युफैक्चरिंग प्लांट में सेमी हाई स्पीड और हाई स्पीड ट्रेनों का कवच बनेगा। बीएचयू में स्थापित होने वाले नेशनल सेंटर ऑफ ऐजिंग (जराचिकित्सा विभाग) चिकित्सा विज्ञान संस्थान में वृद्ध रोगियों को लाभ मिलेगा। इसके अलावा रमना में प्रस्तावित बायोमेडिकल वेस्ट प्लाज्मा पायरोलिसिस संयत्र में अस्पतालों के तकरीबन 10 हजार बेड्स से निकलने वाले बायोमेडिकल का निस्तारण होगा। उधर, पीएम की विजिट को लेकर प्रशासन की ओर से तैयारी तेज हो गई है। सीर गोवर्धन और करखियांव में प्रस्तावित जनसभा के लिए पंडाल बनने का काम जारी है। पिछले दस साल में बतौर पीएम नरेंद्र मोदी 43 बार काशी आ चुके हैं। यह उनकी 44वां विजिट है.
बायोमेडिकल वेस्ट प्लाज्मा पायरोलिसिस संयत्र, रमना
17.50 करोड़ से वाराणसी के रमना गांव में बायोमेडिकल वेस्ट निस्तारण के लिए प्लाज्मा पायरोलिसिस संयत्र की स्थापना की जानी है। संयंत्र की स्थापना टाटा स्मारक केंद्र एवं इंस्टिट्यूट फॉर प्लाज्मा रिसर्च (परमाणु ऊर्जा विभाग, भारत सरकार) की ओर से संयुक्त रूप से किया जा रहा है। संयंत्र वाराणसी और आसपास के जिले में संचालित सरकारी और निजी अस्पतालों के तकरीबन 10 हजार बेड्स से निकलने वाले बायोमेडिकल वेस्ट का निस्तारण करेगा। यह संयंत्र अपनी तरह का पूरे उत्तर प्रदेश का पहला संयंत्र होगा। इस तकनीक के जरिए किसी भी तरह की जहरीली धुआं या गैस नहीं निकलेगा। इस संयंत्र के जरिए परोक्ष और अपरोक्ष रूप से लगभग 100 लोगों को रोजगार मिलेगा।
नेशनल सेंटर ऑफ ऐजिंग (जराचिकित्सा विभाग) चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू
अनुमानित लागत लगभग 147.39 करोड़
कुल भूमि : 2045 वर्गमीटर; ग्राउंड प्लस सिक्स
आईएमएस-बीएचयू में स्थापित होने वाले जराचिकित्सा केंद्र में 200 बिस्तर होंगे। निकटवर्ती सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक के साथ कनेक्टिविटी से वृद्ध रोगियो को कार्डियोलॉजी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, नेफ्र ोलॉजी, यूरोलॉजी, न्यूरोलॉजी, सर्जरी जैसे विभिन्न सुपर स्पेशलिटी विभागों में परामर्श लेने में आसानी होगी। यहां पर पंजीकरण, फार्मेसी, रेडियो डायग्नोसिस, फिजियोथेरेपी, योग, ध्यान और अनुसंधान प्रयोगशाला की सुविधा मिलेगी।
ओपीडी कॉम्प्लेक्स : 14 डॉक्टरों के कमरे
रोगी क्षमता : 200 बिस्तर
40 बिस्तरों के 3 वार्ड और 6 एचडीयू : 138 बिस्तर
डायलिसिस : 6 बिस्तर
आईसीयू : 20 बिस्तर
डे केयर : 6 बिस्तर
ऑपरेशन थिएटर (प्री और पोस्ट ओपी) : 10 बेड
निजी वार्ड : 20 कमरे
निफ्ट वाराणसी
कुल लागत 432.75 करोड़ (भूमि सहित)
निफ्ट वाराणसी परिसर देश का 19वां निफ्ट परिसर होगा। उप्र पहला राज्य होगा, जिसमें निफ्ट के दो परिसर होंगे। अपनी पूर्ण कार्यक्षमता प्राप्त करने पर निफ्ट वाराणसी से कुल 8 पाठ्यक्रम संचालित किए जाएंगे, जिसमें 6 ग्रेजुएशन प्रोग्राम व 2 पोस्ट ग्रेजुएशन प्रोग्राम होंगे। दीन दयाल हस्तकला संकुल से कुल तीन गे्रजुएशन प्रोग्राम संचालित किए जाएंगे, जिसमें से बैचलर ऑफ डिजाइन (इन्टीरियर डिजाइन) निफ्ट से पहली बार प्रारंभ किया जाएगा.
बीएचईएल (भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड) द्वारा करखियांव में स्थापित की जाने वाली एडवांस्ड रिसर्च एंड मैन्युफैक्चरिंग प्लांट
कुल लागत : 1149 करोड़.
कुल भूमि : 30 एकड़
भारतीय रेलवे के लिए सेमी हाई स्पीड और हाई स्पीड ट्रेनों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए उन्नत प्रणोदन प्रणाली। भारतीय रेलवे में सुरक्षा बढ़ाने के लिए ट्रेन टक्कर बचाव प्रणाली (कवच).
हाइड्रोजन के उत्पादन के लिए इलेक्ट्रोलाइजर प्रणाली.
कार्बन फाइबर रीइनफोर्स्ड कंपोजिट (सीएफआरसी)
संयंत्र में सीओई (अनुसंधान) एवं रेलवे प्रोपल्शन और सिग्नलिंग सिस्टम, हाइड्रोजन इलेक्ट्रोलाइजर और कार्बन फाइबर प्रबलित कंपोजिट -सीएफआरसी (टाइप-हाइड्रोजन स्टोरेज सिलेंडर, रक्षा और एयरो संरचना घटकों) के लिए विनिर्माण सुविधाएं तथा टाइप-सिलेंडरों के लिए राष्ट्रीय परीक्षण सुविधा उपलब्ध होगी।
वाराणसी-रांची कोलकाता एक्सप्रेसवे पैकेज-1 का छ लेन एक्सप्रेस-वे
कुल लागत : 1317 करोड़ (भूमि सहित)
यह राजमार्ग विभिन्न प्रमुख शहरों को विश्व के प्राचीनतम एवं पवित्र शहरों में से एक आस्था की नगरी वाराणसी (काशी) को जोड़ेगी। भारी वाहनों (ट्रक/बस/ट्रेलर इत्यादि) का आवागमन वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे, पैकेज-1 के मार्फत शहर के बाहरी भागों से होगा, जिससे शहर को जाम की समस्या से निजात मिलेगा। इस राजमार्ग के अन्तर्गत कुल 27 किमी सड़क (हरित क्षेत्र) का कार्य कराया जाएगा। इसके उपरान्त, लाजिस्टिक लागत में कमी आएगी और औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा.
मेडिकल कालेज, वाराणसी
कुल लागत : 150 करोड़.
एकेडमिक एवं प्रशासनिक ब्लाक-ए (जी प्लस सिक्स)
ब्लाक-बी (जी प्लस थ्री)
गल्र्स हॉस्टल एवं ब्वायज हॉस्टल (जी प्लस टू)
डाइनिंग हाल (जी प्लस वन)
इन्टर्न ब्लाक (पुरुष एवं महिला)- (जी प्लस टू)
कुल 34,810.70 वर्ग मीटर
मानसिक चिकित्सालय परिसर में 420 बेड क्षमता के मेडिकल कालेज की स्थापना की जा रही है। बीएचयू के अलावा एक बड़ा संस्थान बनारस में चिकित्सा के क्षेत्र में बडा कदम है, जिससे गम्भीर रोग ग्रसित मरीजों के इलाज एवं उच्च शिक्षा में विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा। इस मेडिकल कॉलेज की स्थापना के बाद इसका सीधा फायदा पूर्वी उत्तर प्रदेश के जनपद आजमगढ़, मऊ, बलिया, महराजगंज, सिद्धार्थनगर, जौनपुर, गाजीपुर, चन्दौली, सोनभद्र, भदोही, मिर्जापुर, अम्बेडकरनगर, प्रतापगढ़ एवं अन्य आसपास के जनपदों के मरीजों तथा पश्चिम बिहार, झारखंड, उत्तरी मध्यप्रदेश व छत्तीसगढ़ तथा नेपाल के मरीजों को मिल सकेगा.