-दो साल से बदहाल है एसएसपीजी हॉस्पिटल का फिजियोथेरेपी विभाग
-यहां कई मशीनें हैं खराब, फिर भी नहीं कराया जा रहा है दुरुस्त
-फिजियोथेरेपी की मशीनों का पुर्जा जोड़कर मरीजों को दी जा रही है थेरेपी
एसएसपीजी हॉस्पिटल कबीरचौरा में फिजियोथेरेपी विभाग की हालत बेहद खराब है। यहां खराब पड़ी फिजियोथेरेपी मशीनें मरीजों का दर्द मिटाने के बजाय उसे और बढ़ाने का काम कर रही हैं। यहां कई ऐसी मशीनें हैं जो साल भर से खराब पड़ी हैं। इनका कल पुर्जा जोड़कर बस किसी तरह मरीजों को थेरेपी दी जा रही है। शायद यही वजह है कि लाइन में लगकर घंटों इंतजार करने के बाद भी हर मरीज को थेरेपी नहीं मिल पा रही है। इन सब के बावजूद मशीनों को दुरुस्त नहीं कराया जा रहा है।
इतनी मशीनें खराब
हॉस्पिटल के ऑर्थोपेडिक डिपार्टमेंट में फिजियोथेरेपी के लिए इस्तेमाल होने वाली ट्रैक्शन फॉर सर्वाइकल, ट्रेडमिल, टेनिस एल्बो, वेक्सबाथ और शोल्डर विंग करीब दो साल से खराब हैं। इसके अलावा हैंड एक्सरसाइजर पुली भी खराब पड़ी है। लेकिन इन्हें ठीक कराने की सुधि न तो अस्पताल प्रशासन को है और न ही स्वास्थ्य विभाग को। आलम यह है कि मरीजों को किसी तरह से थेरेपी मिल जाए, इसके लिए हैंड एक्सरसाइजर को रस्सी से बांधकर काम चलाया जा रहा है।
कहां सबसे ज्यादा समस्या
यहां सबसे ज्यादा प्रॉब्लम वैक्स बाथ थेरेपी और ट्रेडमिल थेरेपी दिये जाने के दौरान फेस करनी पड़ती है। क्योंकि इसके लिए मरीजों को दो-दो घंटे का समय देना पड़ता है। यहां के कर्मचारियों की मानें तो यह विभाग एक-दो मशीनों के सहारे ही चल रहा है। सिर्फ एक ही एसडब्लूडी होने की वजह से भी मरीजों को अपनी बारी के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है।
कमरा तक है बदहाल
हॉस्पिटल के फिजियोथेरेपी विभाग की सिर्फ मशीनें ही नहीं बल्कि यह पूरा विभाग ही बदहाल है। पिछले कई वर्षो से इस विभाग का रंग रोगन तक नहीं कराया गया है। इसके चलते यहां की दीवारों में पानी समा जाने से सीलन आ चुकी है।
एक नजर
100
मरीज थेरेपी के लिए रोजाना आते हैं यहां
350
से ज्यादा मरीज रोजाना आते हैं आर्थो ओपीडी में
2000
मरीज डेली पहुंचते हैं हॉस्पिटल के ओपीडी समय में
वर्जन
जल्द ही सभी मशीनें बदल जाएंगी। नई मशीनों का ऑर्डर गया है। आने में थोड़ा समय लग रहा है। कमरे को भी ठीक करवा लिया जाएगा।
डॉ। बीएन श्रीवास्तव, एसआईसी, मंडलीय अस्पताल