वाराणसी (ब्यूरो)। शहर के व्यस्त इलाकों में शामिल लक्सा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाला औरंगाबाद पुलिस चौकी परिसर में स्थित एक विशालकाय पीपल का वृक्ष लोगों के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है। इस पेड़ की कटाई कराने के लिए स्थानीय लोगों और वार्ड पार्षद लकी वर्मा की ओर से नगर निगम के अधिकारी एवं वन विभाग के अधिकारी को आवेदन देकर सूचित भी कराया गया है, लेकिन एक वर्ष से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी पेड़ का नहीं काटा जाना कभी भी बड़े हादसे को अंजाम दे सकता है। लोगों के मुताबिक नगर निगम की ओर से संज्ञान तो लिया गया है, लेकिन वन विभाग के ढुलमुल रवैये के कारण वृक्ष को अब तक नहीं हटाया गया है। अब स्थिति ऐसी बन चुकी है कि पेड़ एक तरफ से पूरी तरह झुक चुका है, जो कभी भी गिर सकता है.
मकान हो गए थे क्षतिग्रस्त
स्थानीय लोगों के मुताबिक पेड़ पिछले वर्ष एक तरफ से पूरी तरफ झुक गया है। पेड़ के झुकने से कई मकान भी क्षतिग्रस्त हो गए थे। स्थिति यह है कि यह पेड़ कभी भी गिर सकता है, लेकिन बावजूद इसके वन विभाग पेड़ को कटवाने में ढुलमुल रवैया अपना रहा है। यह पेड़ कभी भी गिर सकता है और अगर ऐसा हुआ तो तत्काल 30 से 35 लोगों को शारीरिक नुकसान पहुंचेगा। लोगों ने बताया कि दशाश्वमेध जोन के अंतर्गत यह वृक्ष आता है। सहायक नगर आयुक्त प्रमिता सिंह मौके पर मुआयना करके पेड़ के कुछ हिस्सों की छटाई करा चुकी हैं, लेकिन ऊंचे स्थानों पर बिना संसाधनों के संभव नहीं हो सकता है। प्रमिता सिंह ने बताया है कि अगर वन विभाग छटाई का काम करा दे तो बड़ा नुकसान टल सकता है।
वन विभाग नहीं कर रहा सहयोग
नगर निगम उद्यान विभाग के पास उंचाई पर स्थित डालियों को कटवाने हेतु उपयुक्त संसाधन न होने से कटाई कराया जाना संभव नहीं हो पा रहा है। इसके अतिरिक्त गोदौलिया स्थित एक होटल के बगल में एक विशाल बरगद का वृक्ष स्थित है, जिसकी छटाई के लिए उद्यान विभाग नगर निगम, वाराणसी की टीम को भेज कर दो बार छटाई करायी गई, लेकिन वृक्ष की उंचाई काफी अधिक है। लैडर की मदद से भी छटाई कराया जाना संभव नहीं हो पा रहा है। कोई भी कर्मचारी अब और उंचाई पर नहीं जा पा रहा है। ऐसी स्थिति में वृक्षों को छटवाने के लिए वन विभाग के सहयोग की आवश्यकता है, जो नहीं मिल रहा है.
नगर निगम पेड़ की छटाई के लिए कई बार मौके पर जा चुका है, लेकिन वन विभाग की ओर से यह कार्रवाई होनी है। हमने कई बार वन विभाग से बात की है, लेकिन इसके बावजूद अब तक उनकी तरफ से कोई रिस्पांस नहीं मिल रहा है।
लकी वर्मा, पार्षद
हम तब तक पेड़ को नहीं छांट सकते हैं, जब तक कि जगह के स्वामी की ओर से हमें पत्र न मिल जाए। हमें पत्र मिलेगा तो हम पेड़ की छटाई करवा देंगे।
संजय शर्मा, डीएफओ