वाराणसी (ब्यूरो)। टेम्प्रेचर चढऩे के साथ बसों और दूसरे अन्य वाहनों में आगजनी की घटनाएं बढ़ी हैं। शुक्रवार तड़के अयोध्या से वाराणसी आ रही तीर्थयात्रियों की बस जलकर खाक हो गई। घटनाक्रम के दौरान ही सामने आया कि बस में आग बुझाने के कोई भी इंतजाम नहीं थे। रोडवेज बसों की क्या स्थिति है? इसे जानने के लिए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट टीम ने कैंट स्थित रोडवेज बस अड्डे पर यूपी रोडवेज की बसों का रियलिटी चेक किया तो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। सड़क पर दौड़ रही बसों में अग्निशमन यंत्र ही नहीं हैं और जिसमें हैं वह एक्सपायर हंै। खड़ी बसों में हेल्थ किट की भी व्यवस्था नहीं थी.
सीन 1: सीट के पास बिजली के तार
वाराणसी से अयोध्या के लिए जा रही जनरथ बस के अंदर जैसे ही प्रवेश किया गया तो पूरी बस की हालत खराब थी। ड्राइवर की सीट के पास बिजली के तार काफी ज्यादा थे। वहीं, हर साल अग्निशमन यंत्र को रिफिल कराना होता है। बस नंबर 1353 को नवंबर 2023 में रिफिल कराना था, लेकिन 2024 अप्रैैल तक उसे नहीं कराया गया। ऐसे में अगर बस में आग लगती है तो आग बुझाने के लिए कोई चीज बस में उपलब्ध नहीं होगी.
सीन 2: रिफिल नहीं कराया फायर एक्सटिंग्विशर
बनारस से गोरखपुर जा रही जनरथ बस (3949) का भी यही हाल था। इसमें लगे हुए अग्निशमन यंत्र को 23 जनवरी 2023 को रिफिल कराना था, जोकि अब तक नहीं हुआ है। साथ ही बस में हेल्थ किट की भी व्यवस्था नहीं थी। ऐसे में अगर किसी पैसेंजर के साथ कोई हादसा हो जाता है तो बस में उसे देने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। सिर्फ इन बसों में ही नहीं लगभग रोडवेज में खड़ी ज्यादातर एसी और नान एसी बसों की यही स्थिति थी.
लेते हैैं यात्री सुविधा शुल्क
रोडवेज बसों में सफर करने वाले यात्रियों से सुविधा शुल्क का पैसा जोड़कर किराया लिया जा रहा है, पर यात्री को मिलने वाली सुविधाएं कोसों दूर हैैं। 200 किलोमीटर से अधिक की यात्रा पर प्रति यात्री 15 रुपये यात्री सुविधा शुल्क लिए जा रहे हैैं.
ज्यादातर बसों में अग्निशमन यंत्र लगे हुए हैं। जिसमें एक्सपायरी है, उन्हें जल्दी ही चेंज कराया जाएगा। साथ ही हेल्थ किट की भी व्यवस्था की जाएगी.
एके सिंह, एआरएम, सिटी बस
ऐसे रुकेगी आगजनी
1. इंजन से डीजल या मोबिल लीकेज होने से रोकना
2. वायरिंग कहीं से कटी न हो, तारों टेपिंग करके रखें।
3. तारों से किसी तरह की छेड़छाड़ न की जाए।
4. इंसुलेशन टेप की जांच हो।
5. अग्निशमन यंत्र नियमित रूप से भरे जाएं।
फैक्ट एंड फीगर
530 टोटल बसें डिपो से चल रहीं
435 बसों का हो रहा संचालन
95 बसें खराब बताई गई हैं
3 डिपो (कैंट, काशी, और वाराणसी ग्रामीण डिपो) हैं