वाराणसी (ब्यूरो)। कबीरचौरा मंडलीय अस्पताल में जल्द ही मरीजों को लिक्विड फार्म में आक्सीजन सुविधाएं मिलेंगी। इस प्लांट के लग जाने के बाद मरीजों को आक्सीजन सिलेंडर लगाने से छुटकारा मिल जाएगा। पाइप के जरिए सीधे मरीजों तक आक्सीजन पहुंचेगा। अभी तक मरीजों को आक्सीजन प्लांट के जरिए आक्सीजन दिया जा रहा है। कोरोना काल के दौरान सैकड़ों मौतें हुई थी। इनमें ज्यादातर मौतें ऑक्सीजन की कमी से हुई थी। नतीजतन शासन ने सरकारी अस्पतालों को ऑक्सीजन में आत्मनिर्भर बनाने में पूरी ताकत झोंक दी। माना जा रहा है इसमें मिलने वाली ऑक्सीजन लगभग 99.9 फीसदी शुद्ध होती है.
कोरोना के बाद लगेगा दूसरा प्लांट
कोरोना काल में आक्सीजन को लेकर मरीजों की काफी फजीहत हुई थी। इस गंभीर समस्या से निस्तारण के लिए कबीरचौरा मंडलीय अस्पताल में आक्सीजन का प्लांट लगाया गया है। आक्सीजन प्लांट से मरीजों को आक्सीजन दिया जा रहा है। अब मंडलीय अस्पताल में लिक्विड आक्सीजन फार्म मरीजों को दिया जाएगा। इससे हास्पिटल का खर्च कम होगा और मरीजों को आसानी से आक्सीजन मिल जाएगा.
ये होंगे लाभ
-प्लांट स्वत: संचालित होंगे। इनमें बिजली की खपत शून्य रहेगी.
-प्लांट के पास में वेपोराइजर सिस्टम लगाया जाएगा। इससे लिक्विड ऑक्सीजन गैस के रूप में बदलेगी.
-प्लांट में लगे रेगुलेटर के माध्यम से प्रेशर से ऑक्सीजन मैनीफॉल्ट रूम तक पहुंचेगी.
-ऑक्सीजन के प्रेशर व फ्लो को निर्धारित किया जाएगा
-खपत के अनुसार ऑक्सीजन की सप्लाई की जाएगी.
-मैनीफाल्ट से आगे ऑक्सीजन पाइप लाइन के माध्यम से ऑक्सीजन वार्डों तक पहुंचेगी.
-एक एलएमओ में 1000 सिलेंडर क्षमता की लिक्विड ऑक्सीजन स्टोर होगी.
15 सौ स्क्वायर फीट में बनेगा प्लांट
कबीरचौरा मंडलीय अस्पताल में एसआईसी डा। एसपी सिंह ने बताया कि कबीरचौरा मंडलीय अस्पताल में इमरजेंसी विभाग के पीछे करीब 15 सौ स्क्वायर फीट में लिक्विड आक्सीजन प्लांट लगाया जाएगा। इसके लिए वहां पर कार्य शुरू हो गया है। न्यूओ मैट्रिक्स कंपनी से बात भी हो चुकी है। कागजी प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। एक महीने के अंदर सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद यह सुविधा शुरू कर दी जाएगी। कंपनी से पीईएसओ का लाइसेंस मिल जाने के बाद प्लांट को शुरू कर दिया जाएगा.
गैस फार्म में होगी सप्लाई
डा। एसपी सिंह ने बताया कि कंपनी से टैंकर के जरिए लिक्विड फार्म में आक्सीजन को मंगाया जाएगा। प्लांट में स्टाक करने के बाद पाइप के माध्यम से गैस फार्म में सप्लाई की जाएगी। इसके लिए वार्ड में जगह-जगह पाइप का भी कनेक्शन दिया जाएगा। इस सुविधा के शुरू हो जाने से मरीजों को भी काफी राहत मिलेगी.
हास्पिटल का खर्च बचेगा
आक्सीजन प्लांट से आक्सीजन तैयार करने में मेंटनेंस खर्च काफी अधिक आता है। हर महीने कंप्रेशर बदलना पड़ता है। बिजली की भी खर्च काफी होती है। लिक्विड आक्सीजन लग जाने से मेंटनेंस खर्च काफी कम हो जाएगा। आसानी से गैस की सप्लाई होती है। आक्सीजन प्लांट में हवा में से आक्सीजन लेकर शुद्ध आक्सीजन को तैयार किया जाता है, जबकि लिक्विड आक्सीजन सीधे कंपनी से आएगी। टैंकर में स्टाक करने के बाद पाइप के जरिए गैस फार्म में मरीजों तक सप्लाई की जाएगी.
प्रतिदिन दस मरीजों को मिल रहा आक्सीजन
कबीरचौरा मंडलीय अस्पताल में प्रतिदिन दस से अधिक मरीजों को आक्सीजन दिया जा रहा है। लिक्विड आक्सीजन लग जाने से इसकी खपत कम हो जाएगी। मरीजों तक आसानी से आक्सीजन पहुंच पाएगा.
कबीरचौरा मंडलीय अस्पताल के इमरजेंसी विभाग के पीछे करीब 15 सौ स्क्वायर फीट में लिक्विड आक्सीजन का प्लांट लगाया जाएगा। न्यूओ मैट्रिक्स कंपनी से बात हो चुकी है। कागज की प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्लांट को लगाया जाएगा।
डा। एसपी सिंह, एसआईसी, मंडलीय अस्पताल