वाराणसी (ब्यूरो)। ज्ञानवापी मामले में सर्वे के दौरान मिले शिवङ्क्षलग की आकृति की पूजा-आरती व राग भोग की मांग करते हुए भगवान अविमुक्तेश्वर की ओर से ङ्क्षहदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता के प्रार्थना पत्र पर गुरुवार को सिविल जज फास्ट ट्रैक कोर्ट (सीनियर डिवीजन) महेंद्र कुमार पांडेय की अदालत में सुनवाई हुई। इसमें महंत डा। कुलपति तिवारी की ओर से पक्षकार बनने के दाखिल प्रार्थना पत्र पर बहस पूरी होने के बाद अदालत ने आदेश सुरक्षित रखा है। इस मामले में प्रतिवादी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने आपत्ति दाखिल करने के लिए एक बार फिर अदालत से वक्त मांगा है। अपने प्रार्थना पत्र में बताया है कि उनके मुख्य वकील मुमताज अहमद देश के बाहर हैं इसलिए उन्हें वक्त दिया जाना चाहिए। इस पर वादी पक्ष के वकील मंगला प्रसाद पाठक व अभिषेक पाठक ने आपत्ति जताई। अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए आठ मई की तिथि तय की है.
कब्रों का किया जिक्र
इसी अदालत में ज्ञानवापी परिसर में कब्रों का जिक्र करते हुए उर्स व अन्य धार्मिक कार्य करने की मांग को लेकर लोहता निवासी मुख्तार अहमद अंसारी के लंबित वाद पर भी सुनवाई हुई। पक्षकार बनने के लिए विश्व वैदिक सनातन संघ की ओर से दिए गए प्रार्थना पत्र पर वादी की ओर से आपत्ति दाखिल की गई। इसमें बताया गया कि वादी खुद वाद का स्वामी होता है। वह तय करता है कि किसे प्रतिवादी बनाया जाए। इसलिए कोई तीसरा पक्षकार बनाना न्याय संगत नहीं है। ऐसे में पक्षकार बनने के प्रार्थना पत्र को अस्वीकार किया जाना चाहिए। अदालत ने सुनवाई के लिए अगली तिथि चार मई तय की है.