वाराणसी (ब्यूरो)। शहर के सीएम अवार्डी पं। दीनदयाल उपाध्याय (डीडीयू) हॉस्पिटल में मरीजों की सहूलियत के लिए महज एक रुपये में एमआरआई सुविधा की घोषणा हुई थी। 2018 में एमआरआई भवन का निर्माण शुरू हुआ। 2019 तक 96.81 लाख से एमआरआई भवन बन गया मगर चार साल से मशीन का इंतजार हो रहा है। फिलहाल वहां ताला पड़ा है। अब यह परिसर कुत्तों और अराजक तत्वों का ठिकाना बन गया.
टेंडर के खेल ने उलझाया
भवन तैयार होने के बाद शासन स्तर से अप्रूवल लेकर डीडीयू प्रशासन ने एम़आरआई मशीन की खऱीद को पहला टेंडर 16 जून 2019 को निकाला। ये टेंडर फेल हो गया। इसके बाद दूसरा टेंडर 18 नवंबर 2019 को निकाला गया, ये टेंडर कुछ हद तक सक्सेस हुआ तो एमआरआई भवन के अंदर साज-सज्जा के साथ मरीजों के उठने-बैठने से लेकर एमआरआई प्रोडेक्टेबेल मशीन की खरीदारी का कार्य पूरा हुआ। जैसे ही मशीनो की खरीदारी की बात आगे बढ़ी तो टेंडर रुक गया। इसके बाद दो साल तक कोविड काल ने काम रोक दिया। कोविड काल गुजर गया मगर अभी तक काम गति नहीं पकड़ पाया.
मरीजों को लूट रहे हंै दलाल
डीडीयू में रोजाना सभी प्रकार की ओपीडी को मिलाकर हजारों की संख्या में मरीजों का आना होता है। इन मरीजो में करीब 30 मरीजों को डाक्टर की एडवायज पर एमआरआई कराने की सलाह दी जाती है। ऐसे में मरीज डाक्टर की ओपीडी से बाहर निकल कर जैसे ही सोचता है कि शहर के अंदर वह कहां एमआरआई कराए, तभी दलाल उसे हाइजैक कर कमशीनबाजी में जुट जाते हैं। ये लोग अपनी सेटिंग वाले एमआरआई सेंटर पर भेज देते हैं.
बीएचयू हॉस्पिटल ही है विकल्प
एमआरआई की सुविधा के लिए डीडीयू से निराशा हाथ लगने के कारण शहर के अंदर मरीजों की सुविधा के लिए सरकारी अस्पतालों में सिर्फ बीएचयू का हॉस्पिटल ही एक विकल्प बचता है। ऐसे में प्रदेश सरकार ने उम्मीद जताई थी कि डीडीयू में एमआरआई सुविधा शुरू होने के बाद जहां एक तरफ मरीजो को सहूलियते मिलेगी, वहीं दूसरी तरफ बीएचयू पर लोड भी कम हो होगा, लेकिन ये अबतक नहीं हो पाया है.
क्यों और कब होती है एमआरआई
एमआरआई जांच से मस्तिष्क, हड्डियों, मांसपेंशियों, छाती, ट्यूमर, कैंसर, माइग्रेन, धमनियों, डिमेंशिया, स्ट्रोक, जेनेटिक डिस्ऑर्डर की जानकारी होती है। इस जांच में बीमारी की वास्तविक जानकारी मिलती है। 1977 में पहली बार एमआरआई मशीन का इस्तेमाल किया गया था। इस मशीन द्वारा मैग्नेटिक फील्ड और रेडियो तरंगों का प्रयोग होता है। शरीर के अंदरूनी अंगों की पूरी इमेज तैयार होती है.
एमआरआई की व्यवस्था शासन स्तर से की जानी है। पत्राचार किया जा रहा है। कुछ उपकरण मिल गए है। जैसे ही पूरे मिलते हैं, वैसे ही कार्य शुरू करा दिया जाएगा.
-आरके सिंह, एसआईसी, डीडीयू
डीडीयू में एमआरआई बिल्डिंग में लगने वाली मशीनों की सप्लाई यूपीपीसीएल के द्वारा किया जाना है.शासन से पत्राचार किया जा रहा है। जल्दी ही मशीनें मिलने की उम्मीद है। मिलते ही जांच शुरू करा दी जाएगी.
-संदीप चौधरी, सीएमओ