वाराणसी (ब्यूरो)। आज के दौर में भले ही यूथ का लाइफस्टाइल पूरी तरह से बदल गया है, लेकिन बात जब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी उर्फ बापू की हो तो हर कोई गांधीगीरी का समर्थन करता मिला। दरअसल, गांधीगीरी एक पुराना शब्द है, जो गांधीवाद के मूल्यों की ओर इशारा करता है। इसमें सत्याग्रह एवं अहिंसा सबसे मुख्य है। इस शब्द को लोकप्रिय रूप तब मिला, जब वर्ष 2006 में हिंदी फिल्म लगे रहो मुन्नाभाई रिलीज हुई। महात्मा गांधी के विचारों से यूथ कितना प्रभावित है, यह जानने के लिए दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने उनसे बापू के विषय में बात की.
युवाओं ने बताए अपने विचार
महात्मा गांधी के जन्मदिवस के मौके पर युवाओं ने कहा कि अहिंसा के मार्ग पर निरंतर चलते रहना ही हमारे लिए बापू द्वारा दिया गया सबसे महत्वपूर्ण संदेश हैै। अपने खिलाफ हो रहे अन्याय को रोकने के लिए हिंसा का प्रयोग किए बिना भी हम अपनी आवाज उठा सकते हैैं। उनका यह पाठ हमें जीवन में हिंसा न करने की सीख देता हैै.
भले झूठ हमें थोड़ी देर के लिए बचा ले पर उसका परिणाम घातक होता हैै। इसलिए हमें हमेशा सत्य के मार्ग पर ही चलना चाहिए.
विशाल मिश्रा, स्टूडेंट
अहिंसा के मार्ग पर चलकर भी हम अन्याय के खिलाफ आवाज उठा सकते हैं। यह सीख हमें बापू से मिलती है.
श्वेता, स्टूडेंट
विनम्रता के लिए मशहूर राष्ट्रपिता से प्रेरणा मिलती है कि हमें जीवन में कभी भी अपनी सादगी को नहीं भूलना चाहिए.
रजत, स्टूडेंट
2 अक्टूबर मात्र छुट्टïी के लिए नहीं है। हमें इस दिन के महत्व को समझना चाहिए और बापू के विचारों को अपने जीवन में उतरना चाहिए.
कार्तिक सिंह, स्टूडेंट
आजादी एवं शांति की स्थापना ही महात्मा गांधी के जीवन का एकमात्र लक्ष्य था। हमें उनके योगदान को नहीं भूलना चाहिए.
प्रिया तिवारी, स्टूडेंट
इन महान लोगों का समर्पण हमें अपने देश के प्रति प्यार करना सीखाता हैै। हमें भी देेश के प्रति अपना योगदान देना चाहिए.
अर्पित सिंह, स्टूडेंट