वाराणसी (ब्यूरो)। अगर आप ये सोचते हैं कि सिर्फ इंसान ही तनाव में आता है तो गलत सोच रहे हैं। जानवर भी मानसिक रूप से परेशान होते हैं और डिप्रेशन के शिकार हो सकते हैं। इंसान अपनी समस्याओं को तो शेयर कर अपना इलाज कर सकता है लेकिन बेजुबान जानवर खासकर पेट्स अपनी परेशानियों को बयान नहीं कर पाते और हर वक्त एन्जायटी से जूझते रहते हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि जिन घरों में कुत्ते पलते हैं, वहां का माहौल खुशनुमा होना चाहिए। झगड़ा या तनाव नहीं होना चाहिए। अगर कुत्ता अपने मालिक से अधिक अटैच है तो उसे हर वक्त मालिक को खो देने का डर बना रहता है। चलिए जानते हैं वे कौन-कौन से फैक्टर हैं जो आपके डॉगी को डिप्रेशन में ला सकता है.
केस-1
महमूरगंज की रीना व उनके पति राकेश के बीच अक्सर किसी न किसी बात को लेकर झगड़ा होता रहता है। इसके चलते पत्नी गुस्से में आने के बाद अपने डॉगी को खाना नहीं देती थी। ऐसा कई बार होने के बाद उनके डॉगी ने खाना-पीना छोड़ दिया। डॉक्टर के पास ले जाने पर पता चला कि वह डिप्रेशन में है। डॉक्टर ने घर में खुशनुमा माहौल रखने की सलाह दी। इसके बाद कुत्ते की सही देख-रेख हुई तो वह ठीक हो गया।
केस-2
चितईपुर निवासी हिमांशु की पत्नी आए दिन उनसे किसी न किसी बात पर झगड़ा करती रहती थी। जब कभी उनका झगड़ा बहुत ज्यादा होता तो उनका डॉगी रॉनी भी भौंकने लगता था। एक दिन जब पत्नी ने गुस्से के मारे डॉगी को खाना नहीं दिया तो उसने भी गुस्से में आकर उन्हें काट लिया, फिर खाना ही छोड़ दिया। उन्हें भी डॉक्टर ने उसके साथ अच्छा बर्ताव करने की सलाह दी। माहौल ठीक होने के बाद उनके रॉनी का बर्ताव भी ठीक हो गया।
इन दोनों केस में डॉगी के परेशान और उदास होने की वजह पति-पत्नी का झगड़ा है। ऐसा सिर्फ इन दो घरों में नहीं है। आज के समय में करीब-करीब हर घर में इस तरह का माहौल बना हुआ है। अगर किसी घर में पति-पत्नी के बीच आए दिन झगड़े होते हैं या पारिवारिक कलह बने रहने के साथ जरा-जरा सी बात पर बच्चों को डांटते और उनकी पिटाई करते रहते हैं, तो सचेत हो जाइए। ऐसा करना आपके डॉगी को डिप्रेशन में ला सकता है। ऐसी स्थिति में वह किसी को कभी भी काट सकता है। घर में कलह का माहौल होने से पालतू कुत्ते कटखने होते जा रहे हैं। पिछले इधर कुछ साल में दर्जनों पालतू डॉगी अपने मालिकों को काट चुके हैं।
डॉक्टरों को बताया घर का माहौल
सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में डॉग बाइट के जो केस आ रहे हैं उनकी डायग्नोसिस से भी यह तथ्य उभर कर सामने आए हैं। बातचीत में कुत्ते पालने वालों ने पारिवारिक कलह की बात डाक्टरों से स्वीकारी है। इतना ही नहीं घर का माहौल सुधरने पर कुत्ते के मिजाज में भी सुधार होता देखा गया। एनिमल डॉक्टर्स की माने तो घर के सदस्यों के तनाव में रहने से पालतू कुत्तों में चिड़चिड़ापन आ जाता है। जिस परिवार में कलह मची रहती है उसमें लोग एक-दूसरे का कम ध्यान रखते हैं.
उसकी भावनाओं को समझे
अगर आप नए-नए पेट पेरेंट्स बने हैं और इन दिनों किसी कुत्ते को अडॉप्ट किया है तो उसकी शारीरिक देखभाल के साथ-साथ मानसिक समस्याओं को भी ठीक तरह से जानना और उसका ख्याल रखना बहुत जरूरी है। यह तभी संभव है जब आप अपने पेट को ठीक से ऑब्ज़र्व करने के साथ उसकी भावनाओं को भी समझे।
किन लक्षणों से पहचान सकते हैं कि वे परेशान हैं
जब आप अपने डॉगी के बिहेवियर में बदलाव देखते हैं तो हो सकता है कि शुरू में आपको गुस्सा आए लेकिन इसकी वजह उनका मानसिक रूप से परेशान होना हो सकता है।
कुत्तों में एंजायटी के लक्षण
चीज़ों को चबाना या आक्रामक होना। अगर एकाएक आपका एडल्ट हो चुका डॉग चीजों को बेवजह चबा रहा हो तो समझिए कि वो परेशान है। फिर चाहे वो शीट का चबा जाए, मैट्रेस, पिलो या घर का कोई दूसरा सामान जूता-चप्पल आदि। यह लक्षण बताते हैं कि वो किसी बात को लेकर परेशान हैं और चिंता में जी रहा है। आमतौर पर ऐसा तब होता है जब कुत्ते अपने पुराने मालिकों से बिछड़कर नए घर में जाते हैं। ऐसे में वे अधिक एग्रेसिव बिहेव भी करते हैं.
भागने की कोशिश करना
अगर आपका पेट बार-बार भागने का प्रयास करता है और दरवाजे के खुलते ही बाहर निकलने या बार-बार अपनी रस्सी छुड़ाने की फिराक में रहता है तो वह ऐसा तब करता है जब उसे अपने मालिक की याद आती है और वो उसके पास जाना चाहता है। ऐसा तब ज्यादा होता है जब वह नए मालिक के घर पर आता है और पुराने के पास वापस जाना चाहता है.
वाकिंग के वक्त अजीब हरकत
किसी भी डॉग के वॉकिंग का एक अपना तरीका होता है। जब वो अपने पसंदीदा लोगों के साथ रहता है तो उनकी चाल में मस्ती और बेफिक्री होती है। लेकिन जब उसकी रस्सी अनजाने लोगों के हाथों में होती है तो वो वहां भागने की कोशिश करता है। कई बार सीधे चलने के बजाय गोलकार ढंग से घूमने लगता है.
पॉटी खाना
जानवर अगर ख़ुद की पॉटी खाए तो इसे कोप्रोफ़ेजिया कहलाता है। ऐसा वह तब करता है जब उसे अपने पहले के पेट पैरेंट को मिस कर रहा होता है.
पेशाब करना
कुत्ते अक्सर इन्सेक्योरिटी फील करने पर यहां-वहा पेशाब करने लगते हैं। जब आप घर के बाहर गए हो और लौटने पर पाएं कि उसने बहुत ज़्यादा पेशाब या पॉटी किया है, इसका मतलब कि उसे डर लग रहा है। वह अकेला फील कर रहा है.
डिप्रेशन में आने पर क्या करता है डॉगी
-लगातार झगड़ा होने से डॉगी गुमसुम रहता है फिर खाना छोड़ देता है।
-समय से खाना देना भूल जाना और उन्हें दुलराना भी छोड़ देते हैं तो वह लगातार भौंकने लगता है।
-चिड़चिड़े हो जाते हैं। जब वे इस मिजाज में होते हैं तो जरा सा छेडऩे पर काट लेते हैं।
-अकेले घर में भौंकते रहना, चीजों को खराब करना, सोफे पर बैठना आदि
ये भी है इनके डिप्रेशन की वजह
-मालिक की अचानक मौत
-लगातार बीमार रहना
-बुढ़ापा करीब आना
-किसी के द्वारा लगातार मारना
-उससे बात व दुलार न करने पर
-मौसम में बदलाव होने
-ज्यादा गर्मी लगना
-घर के लोगों द्वारा नजरअंदाज करना
-समय पर खाना-पीना नहीं देने पर
यह बिल्कुल सही है कि पालतू कुत्तों में भी तनाव होता है। ऐसे केस अक्सर आते हैं। कोई इंसान डिप्रेशन में है तो वह बात कर भावना व्यक्त कर देते हैं। मगर वह नहीं कर पाता है तो काटकर या खाना छोड़कर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करता है.
डॉ। कुमार कौशल, वरिष्ठ पशु चिकित्साधिकारी, नगर निगम
घर के माहौल का असर पालतू कुत्तों पर बहुत ज्यादा पड़ता है। कई ऐसे केस आए है जिसमें पति-पत्नी के आए दिन के झगड़े से भी उनके स्वभाव पर असर पड़ा है। जब माहौल ठीक हो जाता है तो उनका बिहैवियर भी ठीक रहता है।
डॉ। राकेश सिंह, पशु रोग विशेषज्ञ