वाराणसी (ब्यूरो)शहर में सिटी सेवा के नाम पर जर्जर और काला धुआं फेंक रहीं व्हाइट-ब्लू बसें अब नहीं दौड़ेगीकरीब 15 साल पहले जेएनएनयूआरएम के तहत बनारस में 120 बसें उतारी गई थींअब इनकी जगह इलेक्ट्रिक बसें दौड़ेंगीअभी कैंट से मिर्जामुराद, बाबतपुर एयरपोर्ट, संदहा, चोलापुर समेत करीब छह रूटों पर 50 इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैं। 25 इलेक्ट्रिक बसें और आने वाली हैं, जो नये रूट पर चलाई जाएंगीहालांकि 130 इलेक्ट्रिक बसों का प्रस्ताव बनाकर भेजा गया हैइन बसों के आने के बाद शहर के साथ जौनपुर, अयोध्या, लखनऊ, गाजीपुर और गोरखपुर तक संचालित होंगीकरीब तीन चरणों में बनारस से अन्य रूटों पर चलने वाली डीजल बसों को हटाकर इलेक्ट्रिक बस सेवा शुरू की जाएगी.

300 किमी तक दौड़ाने का लक्ष्य

अभी तक इलेक्ट्रिक बसें शहरी सीमा क्षेत्र में संचालित हो रही हैैंअब मंडल ही नहीं, बल्कि 300 किमी दूरी तक संचालित की जाएगीपहले दो चरण में दो-दो इलेक्ट्रिक बसें काशी से अयोध्या, लखनऊ और गोरखपुर तक संचालित होंगीइसके बाद रोडवेज डिपो में जैसे-जैसे इलेक्ट्रिक बसें बढ़ेंगी, उसी हिसाब से प्रयागराज, सोनभद्र, मिर्जापुर, विंध्याचल, आजमगढ़ समेत अन्य रूटों पर इसकी सेवा दी जाएगी.

पेट्रोल पंप पर खुलेंगे चार्जिंग स्टेशन

शहर में बहुत तेजी से ई-रिक्शा, इलेक्ट्रिक दो व चारपहिया वाहनों की संख्या बढ़ रही हैइलेक्ट्रिक बसें भी आ रही हैंऐसी स्थिति में जगह-जगह चार्जिंग की समस्या हो सकती हैइसी को देखते हुए हर पेट्रोल पंप पर चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगेइसको लेकर पेट्रोलियम मंत्रालय से वार्ता की गई हैचार्जिंग स्टेशन के लिए सर्वे भी शुरू होने वाली हैइसके बाद रिपोर्ट मंत्रालय को भेजी जाएगी.

रोडवेज से नहीं दौड़ेंगी अनुबंधित बसें

रोडवेज के बेड़े में इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बढ़ते ही अनुबंधित सेवा भी बंद हो जाएगीअभी तक कैंट रोडवेज से प्रयागराज, सोनभद्र, आजमगढ़ समेत विभिन्न रूटों पर करीब 80 अनुबंधित बसें चलती हैंइससे सरकार को भारी राजस्व की हानि होती हैरोडवेज की आय बढ़ाने के लिए शासन स्तर पर यह निर्णय लिया गया हैदस वर्ष पुरानी हो चुकी बसों को बदला जाएगा.

बस स्टेशन के लिए मांगी गई जमीन

वाराणसी में अभी 50 इलेक्ट्रिक बसें चल रही हैंज्यादातर बसें फुल रहती हैंइसे देखते हुए ही परिवहन निगम ने 130 नई बसों को मंगवाने का फैसला किया हैशहर में जल्द ही नई व पुरानी बसों की संख्या 180 हो जाएगीइसीलिए नए इलेक्ट्रिक बस अड्डे की जरूरत महसूस की जा रही हैनगर निगम से जमीन भी मांगी गई है.

रिंग रोड पर बनेगा आईएसबीटी

वाराणसी से आसपास के जनपदों के साथ अन्य राज्यों तक बस सेवा संचालित करने के लिए रिंग रोड फेज-3 संदहा के पास 15 एकड़ में आईएसबीटी यानी अंतरराज्यीय बस अड्डा बनाया जाएगाइसके लिए जमीन भी तय हो गई हैबजट आते ही इस पर काम भी शुरू हो जाएगायह बस अड्डा प्रदेश में मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा.

इलेक्ट्रिक बसों से प्रदूषण पर असर पड़ा हैशासन की मंशा के अनुसार डीजल बसों की जगह इलेक्ट्रिक बसें चलाने की योजना हैइसी के मद्देनजर शासन से 130 इलेक्ट्रिक बसों की डिमांड की गई हैदो महीने के अंदर ही बसें मिल जाएंगी.

गौरव वर्मा, क्षेत्रीय प्रबंधक, रोडवेज