वाराणसी (ब्यूरो)। कोरोना के बाद शासन ने निर्देश पर चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों को स्वाइन फ्लू से बचाव का टीका लगाया जाएगा। इसके लिए जनपद में स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए एच-1एन-1 वैक्सीन की एक हजार डोज प्राप्त हो गई हैं। सभी अस्पतालों में सीएचसी पीएचसी पर वैक्सीन भेज दी गई हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा। संदीप चौधरी ने बताया कि स्वाइन फ्लू के मामले लगतार बढ़ रहे हैं। इसका सबसे पहले प्रभाव अस्पतालों के चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों पर पड़ेगा। मरीज के संपर्क में वहीं सबसे पहले आए। इसके लिए शासन के निर्देश पर सभी चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों को स्वाइन फ्लू का टीका लगाने के निर्देश हुए है। इसके लिए शासन की ओर से वैक्सीन भी प्राप्त हो गई है.शासन से गाइडलाइन जारीगाइडलाइन के मुताबिक स्वास्थ्य कर्मियों का टीकाकरण किया जाएगा। सीएमओ ने बताया कि आम जनता के सीधे संपर्क में आने वाले चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों को यह टीका लगाया जाएगा। मंडलीय अस्पताल, जिला चिकित्सालय, जिला महिला चिकित्सालय के साथ ही सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को टीके वितरित कर दिए गए हैं। पोषण के पांच सूत्रों से रोकथाम स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए पोषण संबंधी व्यवहार में परिवर्तन और जीवन शैली के बदलाव की बेहद आवश्यकता है। भोजन में पोषक तत्वों की कमी से प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर होती जा रही है। जागरूकता की कमी और समुचित पोषण के अभाव से बच्चों को कई प्रकार की बीमारियां हो रही हैं। इसका सबसे बड़ा दुष्प्रभाव कुपोषण का एक विश्वव्यापी समस्या बनकर उभरना है। आहार के प्रति सही व्यवहार और जागरूकता से ही एक स्वस्थ समाज की परिकल्पना को साकार किया जा सकता है। यह कहना है जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) डीके सिंह का। जन-जागरूकता बहुत जरूरीउन्होंने स्वस्थ बच्चा-स्वस्थ समाज की आधारशिला को मजबूत बनाने के लिए समुदाय स्तर पर सभी की सहभागिता और जन-जागरूकता बहुत जरूरी है। एक स्वस्थ जीवन के लिए तैयारी गर्भावस्था के दौरान ही शुरू कर देनी चाहिए। स्वस्थ बच्चे के लिए मां का भी स्वस्थ होना उतना ही जरूरी है। इसमें पोषण के पांच सूत्र - पहले सुनहरे 1000 दिन, पौष्टिक आहार, एनीमिया की रोकथाम, डायरिया का प्रबंधन और स्वच्छता व साफ-सफाई स्वस्थ नए जीवन के लिए महामंत्र साबित हो सकते हैं। उन्होंने समस्त बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ), यूनीसेफ के मंडलीय समन्वयक व मुख्य सेविकाओं को पोषण के पांच सूत्रों के बारे में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को विस्तार से संवेदीकरण करने के लिए कहा.
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