वाराणसी (ब्यूरो)। दूर-दराज से काशी आने वाले श्रद्धालुओं की राह और आसान होगी। अब बनारस से सटे चंदौली, मिर्जापुर, भदोही, जौनपुर, गाजीपुर को जोडऩे और दूरी कम करने की कवायद शुरू हो गई है। ऊर्जा व नगर विकास एवं शहरी समग्र विकास मंत्री एके शर्मा के प्रस्तावित आउटर रिंग रोड परियोजना को शासन से सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है। पहले चरण में चंदौली जिले में 29 किलोमीटर फोरलेन सड़क बनाने के लिए 1490.28 करोड़ रुपये खर्च होंगे। लोक निर्माण विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। विभाग का कहना है कि शासन ने इस माह में बजट देने का भरोसा दिया है। वहीं, अन्य जिलों की सड़कों के लिए फाइनल डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही है।
बनारस शहर के अंदर नवनिर्मित रिंग रोड ने लोगों की राह काफी आसान कर दी है। ट्रैफिक जाम भी काफी हद तक खत्म कर दिया है। इसी तर्ज पर आउटर रिंग रोड की जरूरत महसूस की गई। इसे लेकर ऊर्जा व नगर विकास एवं शहरी समग्र विकास मंत्री एके शर्मा ने आउटर रिंग रोड का प्रस्ताव तैयार कराया। इस पर 24 मार्च को बनारस दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सहमति जताने पर लोक निर्माण विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है.
तैयार की जा रही डीपीआर
आउटर रिंग रोड में उत्तर प्रदेश राज्य सड़क और राष्ट्रीय राजमार्ग की सड़कों को कनेक्ट करते हुए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही है। इससे कई जिलों की दूरी कम होने के साथ श्रद्धालुओं का सफर आसान हो जाएगा। आसपास जिले के श्रद्धालु अपने वाहनों से दर्शन-पूजन करने पहुंच रहे हैं, इन्हें लंबी दूरी तय करते हुए कई जिलों से होकर काशी पहुंचना पड़ रहा है। श्रद्धालुओं को परेशानी नहीं हो और वे एक ही दिन में दर्शन-पूजन कर लौट जाएं, इसके लिए शासन ने परिवहन व्यवस्था और सुगम करने का निर्णय लिया है.
इन मार्गों से जुड़ेगा आउटर रिंग रोड
राष्ट्रीय राजमार्ग, चुनार से मीरजापुर-एनएच-35, मीरजापुर से भदोही, जौनपुर होते हुए औराई-एनएच-135 ए, गाजीपुर से जमनिया होते सैयदराजा-एनएच-24
उत्तर प्रदेश राज्य मार्ग जौनपुर से लालगंज-एसएच-66ए, लालगंज से सादात-एमडीआर-153ई, सादात से गाजीपुर (जखनिया-गाजीपुर मार्ग), चकिया से चुनार (चकिया से अहरौरा मार्ग), चकिया से सैयदराजा ग्रीन फील्ड मार्ग का विकास, चकिया से सैयदराजा मार्ग
वाई फ्लाईवर का प्रोजेक्ट भी तैयार
शहर में जाम को दूर करने के लिए भविष्य की रणनीति पर काम किया जा रहा है। भिखारीपुर तिराहे पर जाम की समस्या दूर करने के लिए सेतु निगम ने वाई फ्लाईवर का प्रोजेक्ट तैयार किया है। शहर का यह पहला पुल बनेगा, जिस पर तिराहा होगा। भविष्य की जरूरत के हिसाब से फोरलेन के तौर पर इसको विस्तारित किए जाने की भी सुविधा रहेगी। योजना का विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार कर सरकार को भेज दिया गया है।
सीधे लंका और अखरी पहुंचेंगी गाडिय़ां
वाराणसी में वाई फ्लाईओवर के निर्माण से फुलवरिया फोरलेन की उपयोगिता बढ़ जाएगी। फर्राटा भरती गाडिय़ां सीधे लंका चौराहा और अखरी बाईपास तक पहुंच सकेंगी। फ्लाई ओवर की कुल लंबाई 1080 मीटर होगी। इसे तीन हिस्सों में तैयार किया जाएगा। फ्लाईओवर को वाई आकार का बनाया जाएगा। वाई फ्लाईओवर का एक टेल बनारस रेल इंजन कारखाना गेट और दूसरा नारिया की ओर होगा। तीसरा हिस्सा सुंदरपुर की तरफ पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम कार्यालय तक जाएगा। योजना पर 86.41 करोड़ रुपये लागत का अनुमान जताया गया है.
आउटर रिंग रोड परियोजना को शासन से मंजूरी मिल गई है। इसकी डीपीआर तैयार की जा रही है। इससे कई जिलों की दूरी कम होने के साथ श्रद्धालुओं का सफर आसान हो जाएगा.
- केके सिंह, अधिशासी अभियंता पीडब्ल्यूडी