वाराणसी (ब्यूरो)फरवरी में ही तापमान वृद्धि ने 122 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया हैअमूमन इस महीने में हल्की ठंडक महसूस की जाती थीलेकिन, इस बार लोगों ने वक्त से पहले गर्म कपड़ों को अलविदा कह दिया हैमार्च में ही तीखी धूप असहनीय हो रही हैऐसे में अप्रैल, मई व जून में तो जीना ही मुश्किल हो जाएगाइसलिए आने वाले महीनों में भीषण गर्मी के प्रकोप की आशंका जताई गई हैभीषण लू की स्थिति पैदा हो सकती हैकोरोना की तरह इससे निपटने के लिए शासन से लेकर प्रशासन स्तर पर अभी से तैयारी शुरू हो गई हैइसे लेकर एडवाइजरी जारी की गई हैशहर में छायादार वाले जगहों की संख्या बढ़ाई जाएगीसरकारी अस्पतालों में सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त करने की तैयारी शुरू हो गई हैंस्वास्थ्य विभाग के साथ बिजली विभाग, जलकल समेत नगर निगम को अलर्ट कर दिया गया है.

अस्पतालों में 10-10 बेड आरक्षित

भीषण गर्मी के प्रकोप से बच्चों से लेकर वृद्धजन में बेहोशी, मांसपेशियों में जकडऩ, मिर्गी दौरा पडऩा, चिड़चिड़ापन, सिरदर्द, अधिक पसीना आना, कमजोरी, चक्कर आना, सांस व दिल की धड़कन तेज होना, मतली और उल्टी आना, नींद पूरी न होना आदि परेशानी हो सकती हैइससे बचाव के लिए प्राथमिक उपचार बेहद जरूरी हैइसके लिए सभी जिला स्तरीय चिकित्सालयों में 10-10 बेड एवं सीएचसी पर दो से पांच बेड आरक्षित करने के लिए निर्देशित किया गया है.

यह सावधानियां बहुत जरूरी

इस भीषण गर्मी में लू से जन-हानि भी हो सकती हैइसके असर को कम करने के लिए और लू से होने वाली मौत की रोकथाम के लिए कई सावधानियां बताई गईं हैं, जो इस प्रकार हैं.

- कड़ी धूप में बाहर न निकलें, खासकर दोपहर 12 से 4 बजे तक के बीच में

- जितनी बार हो सके पानी पीयें, प्यास न लगे तो भी पानी पीयें

- हल्के रंग के ढीले- ढीले सूती कपड़े पहनेंधूप से बचने के लिए गमछा, टोपी, छाता, धूप का चश्मा, जूते और चप्पल का इस्तेमाल करें.

-सफर में अपने साथ पानी रखें.

- शराब, चाय, कॉफी जैसे पेय पदार्थों का इस्तेमाल न करें यह शरीर को निर्जलित कर सकते हैं.

- अगर आपका काम बाहर का है तो टोपी, गमच्छा या छाते का इस्तेमाल जरूर करें और गीले कपड़े को अपने चेहरे, सिर और गर्दन पर रखें

- घर में बना पेय पदार्थ जैसे कि लस्सी, नमक चीनी का घोल, नींबू पानी, छाछ, आम पना इत्यादि का सेवन करें.

- अपने घर को ठंडा रखें, पर्दे, शटर आदि का इस्तेमाल करेरात में खिड़किया खुली रखें.

- ढीले कपड़े का उपयोग करेंठंडे पानी से बार-बार नहाएं.

- अगर आपकी तबियत ठीक न लगे या चक्कर आए तो तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें.

क्या करें, क्या न करें

-धूप में खड़े वाहनों में बच्चों एवं वृद्धजनों को न छोड़े.

-खाना बनाते समय कमरे के दरवाजे के खिड़की एवं दरवाजे खुले रखें, जिससे हवा का आना-जाना बना रहे

-नशीले पदार्थ, शराब तथा अल्कोहल के सेवन से बचें.

-उच्च प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करने से बचेंबासी भोजन न करें.

-खिड़की को रिफ्लेक्टर जैसे एल्युमीनियम पन्नी, गत्ते इत्यादि से ढक कर रखेंताकि बाहर की गर्मी को अंदर आने से रोका जा सके.

-उन खिड़कियों व दरवाजों पर जिनसे दोपहर के समय गर्म हवाएं आती हैंकाले पर्दे लगाकर रखना चाहिए.

-स्थानीय मौसम के पूर्वानुमान को सुनें और आगामी तापमान में होने वाले परिवर्तन के प्रति सतर्क रहें.

-आपात स्थिति से निपटने के लिए प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण लें

-जहां तक संभव हो घर मे ही रहें तथा सूर्य के संपर्क से बचें.

-संतुलित, हल्का व नियमित भोजन करें

-घर से बाहर अपने शरीर व सिर को कपड़े या टोपी से ढककर रखें.

प्राथमिक उपचार

-व्यक्ति को ठंडे एवं छायादार स्थान पर ले जाएं.

-एंबुलेंस (108) को फोन करें एवं नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र पर ले जाएं.

-व्यक्ति को पैर ऊपर रखकर सुलाएं.

-अगर बेहोश न हो तो ठंडा पानी पिलाएं.

-जितना हो सके कपड़े शरीर से निकाल दें.

-शरीर के ऊपर पानी से स्प्रे करें.

-ओआरएस का घोल पिलाएं.

-गीले कपड़े या स्पंज रखें.

-पंखे से शरीर पर हवा डालें.

शहर में ये भी होंगे

-भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जनमानस के लिए शीतल व शुद्ध पेजयल.

-गर्मी से बचाव के लिए जगह-जगह शेलटर्स की व्यवस्था.

-व्यस्त स्थानों पर मौसम के पूर्वानुमान व तापमान का डिस्प्ले.

-विद्यालयों में हीट वेब से बचाव के इंतजाम किए जाएंगे.

-15 मार्च से प्रतिदिन शाम 4 बजे दैनिक रिपोर्ट लखनऊ भेजी जाएगी.

-चिकित्सा अधिकारियों, पैरामेडिकल स्टॉफ, फ्रंटलाइन वकर्स को ट्रेनिंग दी जाएगी.

-आवश्यक दवा, इंद्रावीनस फ्लूड्स, आइसपैक्स, ओरल रिहाइड्रेशन, सॉल्ट इत्यादि की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता.

चिकित्सा इकाइयों के क्रिटिकल क्षेत्रों में शीतक उपकरणों की निरंतर किया.

हीटवेव से निपटने को लेकर हेल्थ विभाग तैयार हैअभी से सभी सरकारी अस्पतालों में जरूरी व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जा रहा हैपब्लिक को अवेयर करने के लिए एडवाइजरी जारी कर दी गई है, ताकि लोग भीषण गर्मी से खुद को सुरक्षित रख सकें.

डॉसंदीप चौधरी, सीएमओ